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डायबिटीज और हार्ट फेल्योर में क्या संबंध है? बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 16/12/2021

    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर में क्या संबंध है? बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान

    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर (Diabetes and heart failure) के संबंध के बारे में क्या पता है आपको? अगर नहीं, तो यह आपका जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि डायबिटीज के मरीजों में हार्ट डिजीज के होने का बहुत अधिक खतरा होता है और टाइप-2 डायबिटीज के शिकार मरीजों में सबसे ज्यादा इसका रिस्क होता है। इतना ही नहीं, शरीर में बढ़ा शुगर लेवल शरीर के कई ऑर्गन भी डैमेज कर सकता है, जिसमें किडनी डैमेज का रिस्क सबसे ज्यादा होता है। इसलिए डायबिटाज के मरीज हार्ट डिजीज के चपेट में न आए, इसलिए उनका शुगर लेवल कंट्रोल होना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज और हार्ट फेल्योर (Diabetes and heart failure) क्या संबंध है और इन दोनों समस्या होने पर किन बातों का ध्यान रखें।

    टाइप 2 डायबिटीज (Diabetes Type 2) क्या है?

    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर के बारे में जानने से पहले यह जान लें कि डायबिटीज है क्या? टाइप 2 डायबिटीज, मधुमेह का सबसे आम प्रकार है और इसे एक क्रॉनिक कंडिशन ( Chronic condition) भी कहा जाता है। इस स्थिति में रोगी के शरीर में रक्त में शर्करा के स्तर बढ़ने लगता है। फिर मरीज का शरीर धीरे-धीरे शरीर रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता खो देता है। ऐसा टाइप-2 डायबिटीज के स्तर में होता है। इसमे कोशिकाएं रक्त शर्करा से ऊर्जा का निमार्ण नहीं कर पाती हैं। टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes)के विपरीत, टाइप 2 में इंसुलिन (Insulin) का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय होता है, लेकिन कोशिकाएं इसका उपयोग कर नहीं कर पाती हैं। यानि कि जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज की बिमारी है, तब उसका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इस कारण से रक्त में ग्लूकोज जमा होने लगता है।

  • एक्सरसाइज में कमी (Lack of exercise)
  • तनाव और एंग्जायटी (Stress and anxiety)
  • खराब लाइफस्टाइल का होना (Lifestyle Problem)
  • मोटापे के कारण (Obesity)
  • जेनेटिक (Genetics)
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    इसके लक्षण शुरुआती तौर पर नजर आने लगते हैं, जिनमें शामिल हैं:

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    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर (Diabetes and heart failure)

    शरीर में शुगर का हाय लेवल आपके रक्त वाहिकाओं और आपके हृदय और रक्त वाहिकाओं को नियंत्रित करने वाली नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। जिस कारण हार्ट डैमेज का रिस्क बढ़ जाता है। डायबिटीज वाले लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में कम उम्र में हृदय रोग विकसित होने का जाेखिम अधिक होता है। मधुमेह वाले वयस्कों में सामान्य वयस्कों की तुलना में हृदय रोग या स्ट्रोक होने की संभावना लगभग दोगुनी होती है।

    किसी व्यक्ति का लंबे समय से तनाव में रहने कारण उनमें उच्च कोर्टिसोल देखने को मिलता है और इससे इंसुलिन का उत्पादन करने की क्षमता कम हो जाती है। किसी व्यक्ति का कोर्टिसोल का स्तर दिन के दौरान उच्च होता है और कभी-कभी रात में और भी अधिक बढ़ सकता है। जो अनिद्रा की ओर ले जाता है और इस प्रकार अगले दिन व्यक्ति को थकावट महसूस होती है। इसके कारण कई बार व्यक्ति चिड़चिड़े होने के साथ तनाव का स्तर और भी अधिक महसूस करने लगते हैं। ऐसे में थकान, अवसाद और कोर्टिसोल के स्तर में उतार-चढ़ाव और भी कई बीमारियों को जन्म दे सकता है। कहने की जरूरत नहीं है कि यह एक दुष्चक्र का कारण बनता है, तनाव और कोर्टिसोल के स्तर का प्रबंधन किसी के रक्त शर्करा के स्तर में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण है। वास्तविक जीवन में, जीवन में ऐसा कैसे हो सकता है और यह कैसे बदल सकता है। हमें इन पहलूओं पर भी ध्यान देना चाहिए।

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    अगर मुझे मधुमेह है तो हृदय रोग या स्ट्रोक की संभावना क्या और बढ़ जाती है?

    हृदय रोग के लिए आपका जोखिम अधिक है यदि आप महिला के बजाय पुरुष हैं, चाहे आपको मधुमेह है या नहीं। 2 यदि आपको मधुमेह है, तो अन्य कारक आपके हृदय रोग के विकास या स्ट्रोक होने की संभावनाओं को जोड़ते हैं।

    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर : धूम्रपान (Smoking)

    धूम्रपान आपके हृदय रोग के विकास के जोखिम को बढ़ाता है। यदि आपको डायबिटीज है, तो धूम्रपान बंद करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि धूम्रपान और मधुमेह दोनों ही रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं। धूम्रपान करने से अन्य दीर्घकालिक समस्याओं के विकसित होने की संभावना भी बढ़ जाती है जैसे कि

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    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर (Diabetes and heart failure) हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)

    यदि आपके पास उच्च रक्तचाप एनआईएच बाहरी लिंक है, हाय ब्लड प्रेशर होने पर आपका हृदय रक्त पंप करने के लिए अधिक दवाब डालता है। इससे रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, और दिल का दौरा, स्ट्रोक, और आंख या गुर्दे की समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर : हाय कोलेस्ट्रॉल का लेवल (High cholesterol level)

    कोलेस्ट्रॉल एक प्रकार का वसा है, जो आपके यकृत द्वारा निर्मित होता है और आपके रक्त में पाया जाता है। आपके रक्त में दो प्रकार के कोलेस्ट्रॉल होते हैं: एलडीएल और एचडीएल। एलडीएल, जिसे अक्सर “खराब” कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, आपके रक्त वाहिकाओं का निर्माण और बाधा बन सकता है। क। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर हृदय रोग के विकास के जोखिम को बढ़ाता है। एचडीएल को कभी-कभी “गुड कोलेस्ट्रॉल” कहा जाता है। एचडीएल का उच्च स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक के कम जोखिम से जुड़ा हुआ है। एलडीएल और एचडीएल के स्तर में सुधार के लिए लो ऑयल डायट लें।

    बार पेशाब आना, बहुत अधिक प्यास लगना और थकान लगना, यह सब मधुमेह से संबंधित अन्य समस्याएं होने जैसे लक्षण हो सकते हैं। जिसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। डायबिटीज का इलाज न होना शरीर के लिए इन हिस्सों के लिए खतरनाक साबित हो सकता  है:

    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर : हृदय और रक्त वाहिकाएं (Heart and blood vessels)

    हृदय रोग और रक्त वाहिका रोग कई लोगों के लिए सामान्य समस्या है, लेकिन जिनकी डायबिटीज कंट्रोल में नहीं, उनमें दिल की समस्याओं और स्ट्रोक होने का खतरा कम से कम दुगना बढ़ जाता है। बढ़ी हुई डायबिटीज रक्त वाहिकाओं को क्षति पहुंचा सकती है, जो हार्ट की समस्याओं का कारण बन सकती है।  मधुमेह से पीड़ित लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में दिल की बीमारियों के शिकार होने का खतरा अधिक होता है।

    हृदय रोग के लिए आपका जोखिम अधिक है यदि आप महिला के बजाय पुरुष हैं, चाहे आपको मधुमेह है या नहीं। 2 यदि आपको मधुमेह है, तो अन्य कारक आपके हृदय रोग के विकास या स्ट्रोक होने की संभावनाओं को जोड़ते हैं।धूम्रपान आपके हृदय रोग के विकास के जोखिम को बढ़ाता है। यदि आपको मधुमेह है, तो धूम्रपान बंद करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि धूम्रपान और मधुमेह दोनों ही रक्त वाहिकाओं को संकुचित करते हैं।

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    डायबिटीज और हार्ट फेल्योर (Diabetes and heart failure)  के बारे में आपने जाना यहां। सबसे पहले तो तनाव के बचने के लिए हमें तनाव के कारणों को जानना चाहिए। यह सोचना चाहिए कि आपमें तनाव है क्यों? उन कारणों को सुलझाने की कोशिश करें। ताकि आपमें तनाव की वजह खत्म हो। इसके अलावा तनाव से बचने के लिए और भी कई बातों पर ध्यान दें, जैसे कि आपका, अपनी नींद और व्यायाम के स्तर के बारे में जागरूक होना। यदि आप उनमें कोई बदलाव देखते हैं, जिसमें वृद्धि, कमी या गड़बड़ी शामिल है। तो मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट का एक संकेत है।

    इससे बचाव के लिए आप अच्छी नींद लें, नियमित अंतराल पर स्वस्थ भोजन खाएं और नियमित व्यायाम करें। किसी व्यक्ति पर भरोसा करने या विश्वास करने के लिए अक्सर बोझ हल्का होता है और भावनात्मक आराम भी देता है। आप अपने मन का बोझ किसी अपने और भरोसेमंद से बाटें। इससे आप तनाव में हल्का महसूस करेंगे। डायबिटीज और हार्ट फेल्योर (Diabetes and heart failure) के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क करेँ।

     

    डिस्क्लेमर

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