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डायबिटीज और पैनक्रियाज में संबंध क्या है?

Written by डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


अपडेटेड 08/02/2022

    डायबिटीज और पैनक्रियाज में संबंध क्या है?

    डायबिटी के मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसमें से पैंक्रियाज की भी समस्या एक है। अग्नाशय (Pancreas) हमारे डायेजेस्टिव सिस्टम (Digestive System) का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। यह एक ऐसा अंग है, जिसमें आयी गड़बड़ी शरीर में डायबिटीज की समस्या पैदा कर सकती है।  पैनक्रियाज, हमारे शरीर में खाने को एनर्जी के रूप में बदलने का काम करती है, लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता है, तो ग्लूकोज ब्लड में मिलना शुरू हो जाता है। इसलिए डायबिटीज और पैनक्रियाज में  गहरा संबंध देखा गया है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को, डायबिटीज के इलाज के लिए डॉक्टर मेटफॉर्मिन दवा की सलाह देते हैं। यह दवा शुगर के लेवल को मैंटेन रखने में मदद करती है। जानिए यहां कि मेटफॉर्मिन दवा क्या है, डायबिटीज और पैंनक्रियाज में क्या संबंध है और डायबिटीज में मेटफॉर्मिन कैसे काम करती है।

    मेटफॉर्मिन क्या है?

    मेटफोर्मिन एक डायबिटीज की  दवा है और यह ओरल टैबलेट के रूप में उपलब्ध है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है। मेटफोर्मिन का उपयोग आहार और व्यायाम के साथ टाइप 2 मधुमेह मेलिटस वाले वयस्कों में रक्त शर्करा नियंत्रण में सुधार करने के लिए किया जाता है। मेटफोर्मिन का उपयोग कभी-कभी इंसुलिन या अन्य दवाओं के साथ किया जाता है, लेकिन यह टाइप 1 मधुमेह के इलाज के लिए नहीं है। टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस के मैनेजमेंट के लिए आहार और व्यायाम के सहायक के रूप में मेटफॉर्मिन का उपयोग किया जाता है। जो मरीज टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित होते हैं, उन्हें इसकी सलाह दी जाती है। यह दवा ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ किडनी डैमेज, अंधापन, नर्व समस्या, अंगों की हानि और सेक्शुअल समस्याओं को रोकने में मददगार है। मेटफॉर्मिन, स्वाभाविक रूप से बनने वाले इंसुलिन के प्रति शरीर के प्रॉपर प्रतिक्रिया को सुधारने में मदद करने का काम करती है। मेटफॉर्मिन शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्राेल करती है। जिन लोगों में डायबिटिक होने का खतरा ज्यादा हो उनमें डायबिटीज को रोकने के लिए लाइफस्टाइल जैसे डायट और एक्सरसाइज में बदलाव करने के साथ मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दवा का उपयोग मेंस्ट्रुअल साइकल (Menstrual cycle) को नियमित करने के लिए, पैनक्रियाज की प्रॉब्लम होने पर और फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद के लिए किया जाता है।

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    मेटफॉर्मिन के कुछ साइडइफैक्ट भी हो सकते हैं

    मेटफॉर्मिन को टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित 5% लोगों में औसतन वजन घटने का कारण बताया गया है। मेटफोर्मिन के प्रयोग के बाद रोगियों में यह साइड इफेक्ट देखे गए हैं:

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    डायबिटीज और पैनक्रियाज में संबंध (The relationship between diabetes and the pancreas)

    पैनक्रियाज में होने वाली सूजन को पैनक्रियाटाइटिस कहा जाता है। जब यह सूजन अचानक से आती है और कुछ दिनों तक बनी रहती है, तो यह पैनक्रियाटाइटिस की स्थिति होती है। जब ऐसा सालों तक लगातार बना रहता है, तो इसे पैनक्रियाटाइटिस की समस्या (Pancreatitis problem) कहते हैं। इसके इलाज के लिए मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है। कई बार स्थिति गंभीर और जानलेवा भी बन सकती है( पैनक्रियाज में लगातार सूजन बने रहना, इंसुलिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। जिससे डायबिटीज का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। लेकिन कई बार पैंक्रियाज के इलाज के लिए मेंटाफॉर्मिन दवा मना कर दी जाती है। डायबिटीज केयर जॉर्नल के अनुसार एक केस स्टडी की तरफ गौर करें,तो डायबिटीज मेलिटस टाइप 2 के शिकार एक 56 वर्षीय पुरुष मरीज को पेट दर्द के साथ आपातकालीन असपताल में भर्ती कराया गया। उन्हें ग्यारह साल से डायबिटीज की समस्या है और उसके इलाज में मेटफोर्मिन 500mg, दिन में दो बार दी जा रही। एक्यूट पैंक्रियाटिस का निदान उसकी क्लीनिक्ल पिक्चर, पॉजिटिव रिपोर्ट सीटी और 362 यू/एल के एक लाइपेस स्तर पर आधारित था। छह महीने पहले, रोगी को अज्ञात एटियलजि के एक्यूट पैंक्रियाटिस के लिए भी भर्ती कराया गया था। अस्पताल में भर्ती होने के दौरान, मेटफोर्मिन को रखा गया था, और उसका इलाज किया गया था। डिस्चार्ज होने पर, मेटफॉर्मिन को फिर से शुरू किया गया। अस्पताल में भर्ती के दौरान मेटफोर्मिन दवा को इसलिए बंद किया गया, क्योंकि इससे मरीज की समस्या के बढ़ने का संदेह था। लेकिन इसकी कोई ठोस पहचान नहीं की जा सकती थी, और इसलिए, इसे बंद कर दिया गया था।

    इसके अलावा पैनक्रियाज और टाइप 2 डायबिटीज के कुछ समान जोखिम वाले कारकों को समझना भी जरूरी है। जिनमें शामिल हैं, जैसे कि:

    •  पित्ताशय  में पथरी का होना और लंबे समय से इलाज न होना
    • ब्लड में हाय ट्राइग्लिसराइड का लेवल होने की समस्या
    • ब्लड में हाय कैल्शियम  का लेवल नॉमर्ल से अधिक होना
    • अत्यधिक शराब का सेवन करना
    • ओवर वेट होना यानि कि मोटापे के शिकार
    • हाय ब्लड प्रेशर की समस्या वाले मरीजों में इसका जोखिम अधिक होता है।

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    मेटफॉर्मिन को लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

  • अपने डॉक्टर को बताएं अगर आपको मेटफॉर्मिन या मेटफॉर्मिन लिक्विड या टैबलेट की सामग्री से या दूसरी दवाइयों से एलर्जी हो। अपने फार्मासिस्ट से इस बारे में पूछें या सामग्री की लिस्ट के लिए निर्माता द्वारा दी गई जानकारी को चेक करें।
  • अगर आप प्रिस्क्रिप्शन वाली या नॉनप्रिस्क्रिप्शन वाली दवाइयां विटामिन, न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स और हर्बल प्रोडक्ट्स ले रहे हैं तो डॉक्टर या फार्मासिस्ट को इस बारे में बताएं। अगर आप निम्नलिखित दवाइयां लेते हैं तो इस बात को सुनिश्चित करें: ऐसिटाजोलामाईड (डायामोक्स); ऐमिलोराइड (मिडामोर, मोडुरेक्टिक); ऐंजियोटेंशिन कन्वर्टिंग एंजाइम (एसीई, ace) इन्हिबिटर जैसे बेनाजेप्रिल (लौटेंशिन), कैप्टोप्रिल (कैपोटेन), इनालाप्रिल (वैसोटेक), फोसिनोप्रिल (मोनोप्रिल), लिसिनोप्रिल (प्रिनिविल, जेस्ट्रिल), मोएक्सीप्रिल (यूनिवास्क), पेरिंडोप्रिल (ऐसियोन), क्विनाप्रिल (एक्यूप्रिल), रैमीप्रिल (एल्टास) और ट्रांडोलाप्रिल (माविक); बीटा ब्लॉकर जैसे ऐटिनोलोल (टेनोर्मिन), लैबेटालोल (नोर्मोडाइन), मेटोप्रोलोल (लोप्रेसर, टोप्रोल एक्सएल), नाडोलोल (कोरगार्ड) और प्रोप्रेनोलोल (इंडेराल); कैल्शियम चैनल ब्लॉकर जैसे ऐमलोडीपीन (नारवास्क), डिलटियाजेम (कार्डिजेम, डिलाकोर, टियाजैक, अन्य), फेलोडीपीन (प्लेंडिल), इसराडीपीन (डाइनासिर्क), निकार्डिपिन (कार्डेन), निफेडीपीन (ऐडलैट, प्रोकार्डिया), निमोडीपीन (निमोटॉप), निसोल्डिपिन (सुलर) और विरेपामिल (कलान, आइसोप्टिन, विरेलैन); सिमेटीडीन (टेगामेट), डिगोक्सिन (लेनोक्सिन), डाईयूरेटिक्स (वाटर पिल्स), फुरोसेमाईड (लैसिक्स); हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी; इंसुलिन या डायबिटीज की दूसरी दवाइयां; आइसोनियाजिड; अस्थमा बीमारी और सर्दी-जुकाम की दवाइयां; दिमागी बुखार और मिचली की दवाइयां; थायरॉइड की दवाइयां; मॉर्फिन (एमएस कॉन्टिन, अन्य); नियासिन; ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव (बर्थ कंट्रोल पिल्स); ओरल स्टेरॉयड जैसे डेक्सामेथासोन (डेकाड्रोन, डेक्सोन); मेथिलप्रेडनीसोलोन (मेडरोल) और प्रेडनिसोन (डेल्टासोन); फेनिटोइन (डाईलेंटिन, फेनीटेक); प्रोकेनामाईड (प्रोकैनबिड); क्विनिडिन; क्विनाइन; रैनीटीडीन (जेंटेक); टोपिरामेट (टोपामैक्स); ट्रियमटेरीन (डायाजाइड, मैक्सजाइड, अन्य); ट्राईमेथोप्रिम (प्रिमसोल); वैंकोमायसिन (वैंकोसिन); या जोनिसामाईड (जोनेग्रान)। आपका डॉक्टर आपकी खुराक को बदल सकता है साइड इफेक्ट्स को ध्यान से मॉनिटर कर सकता है।
  • अपनी मौजूदा या पहले की मेडिकल स्थिति के बारे में डॉक्टर को बताएं।
  • अगर आप प्रेग्नेंट हैं या होने वाली हैं या ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं तो इस बारे मे डॉक्टर को बताएं। अगर आप मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल करने के दौरान प्रेग्नेंट हो जाती हैं तो डॉक्टर को बताएं।
  • अगर सामान्य से कम खाते हैं या सामान्य से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं तो डॉक्टर को बताएं। इस स्थिति में डॉक्टर आपको सही निर्देश दे सकता है।
  • और पढ़ें:टाइप 1 डायबिटीज पेशेंट्स को फिजिकल एक्टिविटीज के बाद हो सकती हैं यह परेशानियां, रखना जरूरी है इन चीजों का ध्यान!

    डायबिटीज के मरीजों में पैंक्रियाज की समस्या देखी जाती है। मेटफॉर्मिन दवा के कुछ साइफ इफेक्ट भी देखने को मिल सकते हैं। यह दवा डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए। इसके साइड इफेक्ट से बचने के लिए जरूरी है कि कुछ भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें। मेटफॉर्मिन के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

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