इसके अलावा, अगर कोई किसी तरह के उपचार के लिए किसी दवा का सेवन करता है लेकिन, उपचार खत्म होने के बाद भी वो उस दवा का सेवन करता है, तो उसे भी ड्रग्स की श्रेणी में रखा जा सकता है। यानी कि अगर किसी को किसी भी चीज की लत लग जाए, जो स्वास्थ्य के लिहाज से सुरक्षित नहीं है, उसे भी हम एक तरह का ड्रग कह सकते हैं।
ड्रग्स (Drugs) और दवा के बीच फर्क
दवाइयों और हानिकारक ‘ड्रग्स’ के बीच के फर्क को समझना हर किसी के लिए बहद जरूरी होता है। इनके बीच के फर्क को समझने के लिए इनके उद्देश्य को समझना होगा। जानिए क्या है दवा का उद्देश्य?
दवा (Medicine) का उद्देश्य क्या है?
आमतौर पर हम किसी भी बीमारी या रोग के इलाज के लिए जिसका इस्तेमाल करते हैं, वो दवा होती है, जिसका उद्देश्य किसी भी रोग से निजात दिलाना होता है। यह अंग्रेजी और देसी दोनों ही प्रकार की दवाइयां हो सकती हैं। इनमें अलग-अलग पदार्थों का मिश्रण हो सकता है। जिन्हें एक्ससिपिएंट्स कहा जाता है, जो रोग को जल्दी से दूर करने में मददगार हो सकते हैं। बीमारी को ठीक करने के लिए एक निश्चित समय तक दवाओं का सेवन किया जाता है।
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नशीली दवाओं (Narcotic drugs) का उद्देश्य क्या है?
नशीली दवाएं किसी भी रोगी पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डालती हैं। जैसे कि अगर बात करें हेरोइन कि तो यह एक प्रकार की नशीली दवा की श्रेणी में आती है। इसे विशिष्ट जैविक प्रभावों के लिए बनाया जाता है। लेकिन, यह किसी भी बीमारी का इलाज नहीं कर सकता है। इसलिए, हम इसे नशीली दवाओं के तौर पर कह सकते हैं। इसी तरह, तंबाकू का सेवन अधिकतर लोग करते हैं लेकिन, यह किसी प्रकार की बीमारी के इलाज के लिए नहीं इस्तेमाल की जाती। बल्कि, यह खुद कैंसर जैसे रोग का कारण बन जाता है। स्मोकिंग करने वाले लोगों को कैंसर का अधिक खतरा रहता है।