परिचय
सिर का सीटी स्कैन मस्तिष्क के अंदर की डिजीटल तस्वीर लेने में मदद करता है। इसमें मुख्य रूप से मस्तिष्क, खोपड़ी, साइनस, वेंट्रिकल और आंखें शामिल होती हैं। सीटी का मतलब होता है कंप्यूटेड टोमोग्राफी यानी कंप्यूटराइज्ड एक्स-रे (X-ray) और इस प्रकार के स्कैन को अक्सर कैट (CAT) स्कैन के नाम से जाना जाता है। सिर का सीटी स्कैन कई अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे ब्रेन स्कैन (Brain Scan), हेड स्कैन (Head scan), स्कल स्कैन और साइनस स्कैन।
इस प्रक्रिया में किसी प्रकार की सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। इसका इस्तेमाल अक्सर सर्जरी से पहले तंत्रिकाओं संबंधी और अन्य प्रकार के लक्षणों के जांच के लिए किया जाता है।
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सिर का सीटी स्कैन (Cranial CT Scan) कब करवाना चाहिए?
सिर का सीटी स्कैन द्वारा तैयार की गई तस्वीरें सामान्य एक्स-रे (X-ray) के मुकाबले कई गुना विस्तृत होती हैं। ये कई प्रकार की स्थितियों को पहचानने में मदद करता है। निम्न कुछ ऐसे कारण हैं जिनके लिए डॉक्टर आपको सिर का सीटी स्कैन कराने की सलाह दे सकते हैं :
- मस्तिष्क से जुड़ी स्थितियों जैसे हाइड्रोसेफालस (धमनियों में अत्यधिक तरल पदार्थ जमना), सूजन, फुलाव, खून बहना और किसी चोट के निशान की जांच के लिए
- सिर में ट्यूमर, सिस्ट और फोड़े की जगह, आकार और स्थिति का पता लगाने के लिए
- मस्तिष्क और खोपड़ी में जन्मदोष का पता लगाने के लिए
- पिट्यूटरी ग्लैंड, पीनियल ग्लैंड और साइनस का मूल्यांकन करने के लिए
- सिर की विकृत या क्षतिग्रस्त हुई रक्त वाहिकाओं की पहचान के लिए
- सिरदर्द, कमजोरी या किसी मानसिक स्थिति में बदलाव के कारणों की जांच के लिए
इन स्थितियों की जांच के अलावा डॉक्टर हाल ही में लगी किसी चोट या निम्न लक्षणों के दिखाई देने पर सिर का सीटी स्कैन की सलाह दे सकते हैं :
- बेहोशी
- सिरदर्द
- दौरे पड़ना, खासतौर पर अगर हाल ही में कोई दौरा पड़ा हो
- व्यवहार या सोच में अचानक बदलाव आना
- बहरापन
- अंधापन
- मांसपेशियों में कमजोरी आना या सुन्न पड़ना
- बोलने में तकलीफ होना
- निगलने में परेशानी आना
सिर का सिटी स्कैन अन्य प्रक्रियाओं जैसे सर्जरी या बायोप्सी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
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क्रैनियल सीटी स्कैन के लिए कैसे तैयारी करें?
स्कैन करने की मशीन साइज में छोटी हो सकती है। यदि आप अधिक मोटे हैं तो डॉक्टर से सीटी स्कैनर टेबल के वजन सहन करने की क्षमता के बारे में जरूर जान लें। हालांकि, 100 किलो का व्यक्ति स्कैनर पर आराम से आ सकता है। यदि आप गर्भवती हैं तो डॉक्टर को यह पहले ही बता दें। गर्भवती महिलाओं को किसी भी प्रकार के एक्स-रे या सिर का सिटी स्कैन करवाने की अनुमति नहीं दी जाती है।
यदि आप इससे पहले भी यह स्कैन करवा चुके हैं तो डॉक्टर को इसके बारे में जरूर बताएं और इसके अलावा अगर आपको पिछली बार कोई दुष्प्रभाव पड़े हों तो इस बात की जानकारी भी डॉक्टर को अवश्य दें। मधुमेह से ग्रस्त मरीजों का मेटफार्मिन (ग्लूकोफेज) स्तर मापा जाता है। यदि आप इसके लिए किसी दवा का सेवन कर रहे हैं तो इसकी जानकारी भी डॉक्टर को देना जरूरी है।
मरीज की स्थिति के अनुसार डॉक्टर सीटी स्कैन के लिए कुछ विशेष निर्देश दे सकते हैं जिसमें वह आपको कुछ समय के लिए कुछ भी खाने और पीने से मना कर सकते हैं। इसके अलावा सिर का सिटी स्कैन कराने से पहले सभी प्रकार की ज्वैलरी और अन्य धातु उतारने को कहेंगे क्योंकि इससे स्कैन के परिणामों पर असर पड़ सकता है।
कंट्रास्ट डाई के कुछ सीटी स्कैन के मामलों में मरीज को मेटफार्मिन दवा का सेवन बंद करने को कहा जा सकता है। इस दवा और डाई का मिश्रण व्यक्ति पर कई गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकता है।
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प्रक्रिया
क्रैनियल सीटी स्कैन (Cranial CT Scan) के दौरान क्या होता है?
स्कैनर एक गोल आकार की मशीन की तरह दिखता है जिसके सेंटर में एक छेद होता है। सेंटर में एक बेड लगा होता है जिस पर व्यक्ति को प्रक्रिया के दौरान लेटने के लिए कहा जाता है। मरीज को क्लॉस्टेरोफोबिया से बचाने के लिए स्कैनर आमतौर पर खुला होता है।
कमरे में जाने से पहले रेडियोलॉजी तकनीशियन मरीज को गाउन पहनने के लिए दे सकता है। यदि स्कैन के लिए कंट्रास्ट डाई का इस्तेमाल किया जाता है तो तकनीशियन स्कैन से पहले व्यक्ति के हाथ पर 4 रेखाएं बना देते हैं। स्कैन के दौरान रेडियोलॉजी तकनीशियन एक स्पीकर की मदद से बात करेंगे जिससे वह ये सुनिश्चित करते हैं कि स्कैन कब शुरू होगा।
स्कैनर व्यक्ति के मस्तिष्क पर कई एक्स-रे की किरणें मारता है जिसके बाद एक्स-रे वापिस स्कैनर के पास आती हैं और कंप्यूटर में डिजिटल इमेज तैयार हो जाती है। तकनीशियन इस बात को सुनिश्चित करता है कि तैयार हुई तस्वीर अच्छी क्वालिटी की है या नहीं और यह किसी हिस्से से धुंधली तो नहीं है।
सामान्य सिर का सीटी स्कैन 10 मिनट में हो जाता है।
कंट्रास्ट डाई और सिर का सीटी स्कैन (Cranial CT Scan) कैसे किया जाता है?
कंट्रास्ट डाई, सीटी स्कैन की तस्वीरों के कई हिस्सों को हाईलाइट करने में मदद करती है। इसकी मदद से रक्त वाहिकाओं, आंतों और कई अन्य हिस्सों को आसानी से देखा जा सकता है। डाई को सुई की मदद से व्यक्ति के हाथ या बांह की नस के जरिए अंदर डाला जाता है।
जोखिम और दुष्प्रभाव
जोखिम
सामान्य तौर पर सीएटी स्कैन सुरक्षित होता है। हालांकि, इसमें सामान्य एक्स-रे से ज्यादा रेडिएशन की जरूरत होती है। किसी भी तरह के रेडिएशन के संपर्क में आने से शरीर पर कुछ जोखिम तो पड़ता ही है लेकिन सीएटी स्कैन में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन की मात्रा को खतरनाक नहीं माना जाता है। बेहतर परिणाम पाने के लिए रेडियोलोजिस्ट न्यूनतम मात्रा में रेडिएशन का इस्तेमाल करते हैं। अगर आप गर्भवती हैं तो आपको ये एक्स-रे नहीं करवाना चाहिए।
कंट्रास्ट सॉल्यूशन आमतौर पर सुरक्षित होता है और इसमें एलर्जी होने की संभावना भी बहुत कम होती है। अगर आपको एलर्जी का खतरा है तो इस बारे में डॉक्टर से बात करें। कोई भी दवा, डाई और फूड से एलर्जी है तो इस बारे में भी डॉक्टर को स्कैन से पहले ही बता दें। जिन मरीजों को कंट्रास्ट सॉल्यूशन से एलर्जी होने का खतरा रहता है, उन्हें एंटीहिस्टामाइन (एलर्जी रोकने वाली दवाएं) या स्टेरॉइड की जरूरत पड़ सकती है। ये दुष्प्रभाव के जोखिम को कम कर देते हैं।
अगर आपके बच्चे को शामक यानी नींद या बेहोशी लाने वाली दवा की जरूरत है दवा की वजह से उसकी सांस लेने की गति धीमी हो सकती है।
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दुष्प्रभाव
सिर का सिटी स्कैन करवाने पर आपको असुविधा महसूस हो सकती है। इसके साथ ही रेडिएशन के संपर्क में आने या कंट्रास्ट डाई से एलर्जिक रिएक्शन होने की आशंका रहती है।
किसी भी प्रकार की चिंता होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करें। और उनसे अपने स्वास्थ्य अनुसार पूछें की इस सर्जरी के आपके लिए क्या जोखिम हो सकते हैं।
असुविधा – वैसे तो सिर के सिटी स्कैन की प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता है, लेकिन कुछ लोगों को टेबल के ऊपर लेटे रहने पर बेचैनी या असुविधा महसूस हो सकती है। कंट्रास्ट डाई के नसों में जानें पर आपको हल्की जलन महसूस हो सकती है।
रेडिएशन के संपर्क में आना – सिटी स्कैन के दौरान आपको रेडियशन के संपर्क में भी आना पड़ता है। डॉक्टर्स के अनुसार आमतौर पर बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के रेडिएशन थेरेपी के संपर्क में आने पर खतरा कम होता है
यदि आप प्रेग्नेंट हैं या किसी स्वास्थ्य स्थिति जैसे मानसिक या शारीरिक रोग से ग्रस्त हैं तो इसके बारे में अपने डॉक्टर को जरूर बताएं।
कंट्रास्ट से एलर्जी – अगर आपको पहले कभी कंट्रास्ट डाई के संपर्क में आने पर एलर्जी हुई है तो इस बारे में डॉक्टर को स्कैन करने से पहले ही सूचित कर दें।
कंट्रास्ट डाई में आयोडीन होता है जिसके कारण व्यक्ति को उल्टी, मतली, चकत्ते, हीव्स, खुजली या छींक आ सकती है। ऐसा केवल आयोडीन एलर्जिक लोगो के साथ ही होता है।
इन लक्षणों से बचने के लिए आपको स्टेरॉयड या एंटीहिस्टामिन का इंजेक्शन लगाया जा सकता है।
बेहद दुर्लभ मामलों में कंट्रास्ट डाई के कारण एनाफिलैक्सिस हो सकता है। इस स्थिति में पूरे शरीर में एलर्जिक रिएक्शन देखा जा सकता है।
परिणाम
सिर का सीटी स्कैन: परिणामों को कैसे समझें?
रेडियोलोजिस्ट इमेजिंग सिर का सिटी स्कैन होने के बाद उसकी जांच करते हैं ताकि मस्तिष्क में और इसके आसपास के ऊतकों में किसी प्रकार की असामान्यता का पता लगाया जा सके। इसके बाद रेडियोलोजिस्ट रिपोर्ट तैयार कर उसे डॉक्टर के पास भेज देते हैं।
यदि मरीज अस्पताल में भर्ती है और एमरजेंसी में सिर का सिटी स्कैन करवाना पड़ रहा है तो इस स्थिति में रेडियोलोजिस्ट तुरंत स्कैन की रिपोर्ट तैयार करते हैं।
सिर का सीटी स्कैन कैसे और क्यों करवाया जाता है? यह जानकारी आपको मिल गई होगी। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना सही होगा।
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