परिभाषा
एक पैराथाइराइड हार्मोन ब्लड टेस्ट (Parathyroid Hormone Blood Test) क्या है?
पैराथायराइड हार्मोन ब्लड टेस्ट (Parathyroid Hormone Blood Test) को अक्सर पैराथायराइड हार्मोन परख या पैराथाइरिन टेस्ट कहा जाता है।
यदि आपका ब्लड टेस्ट, बहुत हाई या बहुत लो कैल्शियम का लेवल दिखाता था, तो आपका डॉक्टर पैराथाइराइड हार्मोन ब्लड टेस्ट कराने का सुझाव दे सकता है । यह टेस्ट आपके पैराथाइरॉइड हार्मोन ioपीटीएच (PTH) के लेवल को मापेगा।
पीटीएच आपकी गर्दन में मौजूद चार छोटे पैराथायरायड ग्लैंड द्वारा बनाया जाता है। ये ग्लैंड आपके ब्लड में कैल्शियम के लेवल को कंट्रोल करती हैं। जब कैल्शियम का लेवल बहुत लो होता है, तो ग्लैंड कैल्शियम के लेवल को एक नॉर्मल लेवल पे लाने के लिए पीटीएच रिलीज करती है। जब आपके कैल्शियम का लेवल बढ़ता है, तो ग्लैंड पीटीएच को रिलीज करना बंद कर देता हैं।
पीटीएच को मापने से कैल्शियम के एब्नॉर्मल लेवल के कारणों का पता लगाने में मदद मिल सकती है ।
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पैराथाइराइड हार्मोन ब्लड टेस्ट (Parathyroid Hormone Blood Test) क्यों किया जाता है:
पीटीएच ब्लड टेस्ट आपके डॉक्टर को यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि आपके असामान्य कैल्शियम लेवल का कारण पैराथायरायड ग्लैंड तो नहीं। यदि आपका टेस्ट बताता है कि पीटीएच लेवल आपके कैल्शियम लेवल के लिए सही है, तो हाई या लो कैल्शियम के लेवल के कुछ अन्य कारण हो सकते है ।
यदि आपके अंदर हाइपरलकसेमिया (ब्लड में बहुत हाई कैल्शियम) या हाइपोकैल्सीमिया ( ब्लड में बहुत लो कैल्शियम) के लक्षण दिख रहे हैं तो आपका डॉक्टर इस ब्लड टेस्ट को कराने को बोल सकता है।
हाइपरलकसीमिया के लक्षणों में शामिल हैं:
- पेट मे दर्द
- अत्यधिक प्यास
- बार बार पेशाब लगना
- जी मचलना
- थकान
- मांशपेशियों में दर्द
- हड्डियों का दर्द
- किडनी में पथरी
हाइपोकैल्सीमिया के लक्षणों में शामिल हैं:
- अवसाद और झुंझलाहट
- मासपेशियों में ऐंठन
- हाथ, पैर या मुंह में झुनझुनी या सुन्नता
- असामान्य ह्रदय गति
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जोखिम और लाभ
पीटीएच ब्लड टेस्ट कराने में मामूली जोखिम होता हैं। इंजेक्शन इंजेक्ट करते समय आपको कुछ दर्द महसूस हो सकता है ।
ब्लड टेस्ट के दौरान संक्रमण या चोट लगने की बहुत कम संभावना है। कुछ लोगों को ब्लड टेस्ट के बाद थोड़ा हल्कापन महसूस होता है।
लाभ
एक पीटीएच ब्लड टेस्ट का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि टेस्ट आपके चिकित्सक को यह बताने में मदद करता है कि आपका शरीर बहुत हाई या बहुत लो पैराथायराइड हार्मोन बना सकता है या नहीं।
अगर ऐसा लगता है कि आपको पैराथाइरॉइड की समस्या है तो इसका निदान करने के लिए दूसरे टेस्ट भी किये जा सकते है । इस बात की भी संभावना है कि ये टेस्ट पैराथाइरॉइड डिजीज को नकार दे ।
असामान्य कैल्शियम लेवल के दूसरे कारणों का भी पता लगाने में ये टेस्ट आपके डॉक्टर की मदद कर सकता है ।
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प्रक्रिया
पैराथाइराइड हार्मोन ब्लड टेस्ट (Parathyroid Hormone Blood Test) की तैयारी कैसे करे
आपको टेस्ट होने के 10 घंटे पहले से उपवास करना होगा । टेस्ट होने के पहले से टेस्ट होने के बाद तक आपको सभी दवाओं और सप्पलीमेंट का सेवन ना करने के निर्देश दिए जा सकते है ।
टेस्ट होने से पहले अपनी सभी दवाओं के बारे में अपने डॉक्टर को सूचित करें ।
पैराथाइराइड हार्मोन ब्लड टेस्ट (Parathyroid Hormone Blood Test) के दौरान क्या होता है ।
- एक डॉक्टर, नर्स या लैब टेकनीशियन त्वचा को साफ करंगे जहां से उन्हें ब्लड सैंपल लेने है ।
- शरीर की नसों में ब्लड प्रवाह रोकने के लिए बांह को एक रबड़ बैंड या किसी दूसरे तरीके से कस दिया जाएगा ।
- स्वास्थ्य कर्मी आपके हाथों से ब्लड सैंपल लेने के लिए सुई का प्रयोग करेगा और ब्लड सैम्पल को एक शीशी में कलेक्ट करके सुई को निकाल लेगा ।
- कॉटन कपड़ों या दूसरे सोखने वाले कपड़ो की मदद से उस जगह की त्वचा को साफ किया जाएगा जहा सुई को इंजेक्ट किया गया था । उसके बाद घाव पे बैंडेज लगा दिया जाएगा ।
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पैराथाइराइड हार्मोन ब्लड टेस्ट (Parathyroid Hormone Blood Test) के बाद क्या होता है
फाइनली ब्लड सैंपल को लैब में जांच के लिए भेज दिया जाएगा । जहां इसे पीटीएच, कैल्शियम, हार्मोन, खनिज, या अन्य पदार्थों के लिए मापा जाएगा।
मेरे परिणाम का क्या मतलब है
इस टेस्ट में पीटीएच के तीनों रूपों को मापा जाता है। टेस्ट करने वाली प्रयोगशाला के आधार पर नार्मल रेंज में बदलाव संभव हैं।
अपने डॉक्टर के साथ परिणामों पर चर्चा करें ताकि आप समझ सकें कि इन संख्याओं का क्या मतलब है।
पीटीएच के तीन रूप और कुछ सामान्य श्रेणियां हैं:
एन-टर्मिनल: 8 से 24 पीजी / एमएल
सी-टर्मिनल: 50 से 330 पीजी / एमएल
इंटेक्ट मॉलिक्यूल : 10 से 65 पीजी / एमएल
लैब के आधार पर, आपके परीक्षा परिणाम आने में कुछ दिन लग सकते हैं। अगर आपका डॉक्टर जल्दी टेस्ट रिपोर्ट का आकलन करना चाहता है तो ये जल्दी भी आ सकते है ।
हाई पीटीएच का लेवल ओवर एक्टिव पैराथायरायड ग्रंथियों के कारण हो सकता है। इसे हाइपरपरैथायराइडिज्म कहा जाता है।
हालांकि, हाई पीटीएच लेवल के अन्य संभावित कारण हैं, जैसे:
- जन्मजात मिला लो विटामिन डी लेवल
- रीढ़ की हड्डी में चोट
- लो कैल्शियम जो पैराथाइराइड ग्लैंड से सम्बंधित नहीं है
- किडनी जो नॉर्मल पीटीएच पे काम नहीं करती
लो पीटीएच का लेवल अंडरएक्टिव पैराथाइरॉइड ग्रंथियों (हाइपोपैरैथायरायडिज्म) से संबंधित हो सकता है। अन्य कारणों में शामिल हो सकते हैं:
- रेडिएशन
- आयन की हाईता
- थायरॉइड रोग के लिए सर्जरी
यदि आपका पीटीएच का लेवल हाई है, लेकिन आपके कैल्शियम का लेवल अभी भी लो है, तो यह हो सकता है कि आपकी पैराथायराइड ग्लैंड ठीक से काम कर रही हों। आपका डॉक्टर तब आपके विटामिन डी, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम के लेवल का टेस्ट कर सकता है, यह देखने के लिए कि क्या वे आपके कैल्शियम के लेवल को प्रभावित कर रहे हैं।
दूसरी ओर, यदि आपके कैल्शियम का लेवल ऊंचा है और आपका पीटीएच का लेवल भी सामान्य से हाई है, तो आपको हाइपरपैराट्रोइडिज्म हो सकता है। आपका डॉक्टर आपकी पैराथायरायड ग्रंथियों की जांच के लिए एक्स-रे या अन्य इमेजिंग टेस्ट का आदेश दे सकता है।
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यदि ग्लैंड बड़े हो जाते है या ट्यूमर होता है, तो उसे निकालने के लिए सर्जरी के साथ हाइपरपैराट्रोइडिज़्म का इलाज भी किया जा सकता है।
यदि आपको थोड़ी बहुत दिक्कत है और कोई लक्षण नहीं हैं, जैसे कि किडनी की समस्या या लोजोर हड्डियां, तो आपका डॉक्टर सुझाव दे सकता है कि आपके कैल्शियम और पीटीएच के लेवल की नियमित जांच की जाए। कुछ समय के कोई सर्जरी की जरूरत नहीं है ।
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