के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
स्ट्रेस इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ECG) एक डायग्नोस्टिक टेस्ट है, जो हृदय की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है। ECG हृदय द्वारा उत्पन्न छोटे इलेक्ट्रिकल तरंगों का पता लगाता है। ECG स्ट्रेस टेस्ट, अन्य ECG जैसा ही है, लेकिन इसमें एक्सरसाइज को शामिल किया जाता है। थकान के समय दिल कितनी तेजी से प्रतिक्रिया करता है स्ट्रेस टेस्ट यह जानने का दर्दरहित और सुरक्षित तरीका है।
ईसीजी को इलेट्रोकार्डियोग्राफी कहते हैं। ये एक प्रकार का परिक्षण यानी टेस्ट होता है। ईसीजी से दिल की धड़कन के बारे में जानकारी मिलती है। इलेक्ट्रिक सिग्नल के बारे में जानकारी मिलने से दिल के सामान्य, अधिक या फिर दिल के दौरे आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
स्ट्रेस इलेकट्रोकार्डियोग्राफी या कार्डियक स्ट्रेस टेस्टिंग उद्देशयों में शामिल हैंः
आपको स्ट्रेस टेस्ट की जरूरत है यदि आपके सीने में दर्द है, सांस उखड़ रही है या फिर हृदय में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं हो रहा।
यदि आपको CHD डायग्नोस्ड हुआ है या हाल ही में हार्ट अटैक आया है , तो स्ट्रेस टेस्ट बताएगा कि क्या आप एक्सरसाइज़ प्रोग्राम को संभाल सकते हैं या नहीं। यदि आपको पर्कुटेनियस कोरोनरी इंटरवेन्शन जिसे कोरोनरी एंजीयोप्लास्टी (स्टेंट प्लेसमेंट के साथ या बिना) कहते हैं या कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग हैं, तो स्ट्रेस टेस्ट बताएगा कि CHD के लक्षणों को दूर करने के लिए इलाज कितनी अच्छी तरह चल रहा है।
आपको स्ट्रेस टेस्ट की ज़रूरत हो सकती है, यदि एक्सरसाइज के दौरान आपको बेहोश आ जाती है, आपकी दिल की धड़कने बहुत तेज़ हो जाती है या कुछ अन्य लक्षण और अनियमित हार्ट बीट।
एक्सरसाइज के दौरान आपको सीने में दर्द नहीं होता, लेकिन सांस उखड़ने लगती है, तो डॉक्टर आपको स्ट्रेस टेस्ट की सलाह देगा। इससे यह पता करने में मदद मिलेगी कि सांस की समस्या का कारण फेफड़ों की समस्या या दिल की समस्या है।
स्ट्रेस टेस्ट को CHD के लिए नियमित स्क्रीन टेस्ट की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। स्ट्रेस टेस्ट की सलाह देने से पहले आपमें CHD के लक्षण दिखने चाहिए।
हालांकि, डायबिटीज की समस्या होने पर आपका डॉक्टर CHD के स्क्रीन के लिए स्ट्रेस टेस्ट का इस्तेमाल कर सकता है। इस बीमारी से CHD का खतरा बढ़ जाता है। वैसे फिलहाल, ऐसे कोई सबूत नहीं मिला है जो बताए कि डायबिटीज़ होने पर स्ट्रेस टेस्ट से परिणाम में सुधार आए।
कोरोनरी आर्टरी डिजीज के निदान के लिए स्ट्रेस इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी या कार्डियक स्ट्रेस टेस्टिंग किसी भी उम्र और लिंग के वयस्क का किया जा सकता है। यह उन मरीजों का भी किया जाता है, जिन्हें कोरोनरी आर्टरी डिसीज है, लेकिन उनका क्लिनिकल स्टेटस बदल गया है, लो से इंटरमीडिएट रिस्क स्टेबल एंजाइना पेशेंट जिसमें हार्ट अटैक या एक्टिव इस्केमिया के लक्षण दिखें। हाई रिस्क वाले अस्थिर एंजाइना पेशेंट को सीधे कार्डिएक कैथीटेराइजेशन के लिए आगे ले जाया जाता है।
स्ट्रेस टेस्ट में गंभीर हानि का खतरा बहुत कम होता है। हार्ट अटैक की संभावना भी 5,000 में से एक होती है।
टेस्ट के लिए कई घंटों एक्सरसाइज करने की वजह से आपको थकान महसूस होगी, खासतौर पर यदि आप सामान्य रूप से एक्सरसाइज नहीं करते हैं। यदि ऐसा करते तो एक्सरसाइज के कुछ घंटों बाद ही आप बिल्कुल सामान्य महसूस करते। यदि आपको एक दिन से ज़्यादा थकान महसूस हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।
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अगर आपको निम्न समस्याएं हैं तो अपने डॉक्टर को बताना न भूलेंः
टेस्ट के बारे में डॉक्टर आपको विस्तार से बताएगा और किसी तरह का सवाल होने पर आप उनसे पूछ सकते हैं।
आपको एक सहमति फॉर्म पर साइन करने के लिए कहा जाएगा जो टेस्ट की इजाज़त देते हैं। फॉर्म को ध्यान से पढ़ें और किसी तरह का सवाल होने पर उसे साफ कर लें।
टेस्ट से कुछ घंटे पहले आपको कुछ भी खाने और पीने से मना किया जाएगा।
टेस्ट से 2 घंटे पहले स्मोकिंग न करें और न ही किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करें।
यदि आप प्रेग्नेंट या यदि आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बताएं।
डॉक्टर को हर तरह की दवा (पर्ची वाली और बिना पर्ची वाली), विटामिन, हर्ब्स और जो भी सप्लीमेंट्स आप ले रहे हैं, के बारे में जानकारी दें।
आपको टेस्ट से पहले कुछ दवाओं को रखने के लिए कहा जा सकता है, जैसे बीटा ब्लॉकर्स। इस संबंध में डॉक्टर आपको विशेष निर्देश देंगे।
आरामदायक जूते, ढीले पैंट या शॉर्ट्स पहनें। महिलाओं को छोटी बांह वाले और सामने से खुलने वाले कपड़े पहने चाहिए ताकि ईसीजी इलेक्ट्रोड्स छाती पर अटैच करने में आसानी हो।
यदि अस्थमा की समस्या या किसी तरह की सांस की समस्या के लिए आप इनहेलर लेते हैं, तो टेस्ट के दौरान लेकर आएं।
आपकी स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर डॉक्टर आपको विशेष तैयारी के लिए कह सकता है।
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स्ट्रेस टेस्ट का ‘स्ट्रेस’ वाला हिस्सा (जब दिल काम कर रहा होता है) 15 मिनट या उससे पहले ही खत्म जाता है।
हालांकि, टेस्ट के पहले तैयारी में और बाद में मॉनिटरिंग में समय लगता है। इन दोनों के कारण टेस्ट में लगने वाला कुल समय बढ़ जाता है और कुछ इमेजिंग स्ट्रेस टेस्ट में 3 घंटे या उससे ज़्यादा का भी समय लग जाता है।
आमतौर पर एक्सरसाइज़ ECG में यह प्रक्रिया अपनाई जाती है:
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आमतौर पर ECG के बाद किसी खास तरह की देखभाल की ज़रूरत नहीं होती है।
यदि डॉक्टर कोई खास सलाह न दें, तो आप सामान्य डायट और एक्टिविटी कर सकते हैं।
यदि आपको सीने में दर्द, सांस की समस्या, चक्कर या बेहोशी जैसा लगे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
आपकी स्थिति के आधार पर डॉक्टर टेस्ट के बाद आपको विशेष हिदायत दे सकते हैं।
स्ट्रेस इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी के बारे में किसी तरह का प्रश्न होने पर और उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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स्ट्रेस ECG के परिणाम आमतौर पर नकारात्मक, सकारात्मक और अनिर्णायक होते हैं।
निगेटिव
नकारात्मक परिणाम एक सामन्य परिक्षण का संकेत देता है, जो कोरोनरी आर्टरी डिसीज़ की संभावना को काफी कम कर देता है।
पॉजिटिव
परिणाम सकारात्मक तब होते हैं, जब कोरोनरी आर्टरी डिसीज का निदान निश्चित है।
अनिर्णायक
अनिर्णायक परिणाम आमतौर पर नॉन डायग्नोस्टिक ईसीजी बदलवाओं के कारण होता है या जब टेस्ट को थकान के कारण बीच में ही रोकना पड़े यानी हार्ट रेट निर्धारित लक्ष्य तक नहीं पहुंचती।
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। सभी लैब और अस्पताल के आधार पर स्ट्रेस इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। परीक्षण परिणाम से जुड़े किसी भी सवाल के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
डिस्क्लेमर
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