क्रिएटिनिन टेस्ट के बाद क्या होता है?
आमतौर पर टेस्ट के बाद खून निकाले जाने वाली जगह पर हल्की सूजन दिखाई देती है, जो अपने आप चली जाती है। अगर आपको अत्यधिक दर्द या किसी प्रकार का इंफेक्शन नजर आता है, तो आप अपनी डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
इसके अलावा यूरीन टेस्ट के बाद किसी प्रकार की देखरेख की आवश्यक्ता नहीं होती जबतक डॉक्टर ने आपको ना कहा हो। आप टेस्ट के बाद उन दवाईयों को फिर शुरू कर सकते हैं, जो आपने टेस्ट के पहले बंद की हों।
अगर आपको क्रिएटिनिन टेस्ट को लेकर कोई और सवाल हैं, तो अपने डॉक्टर से मदद लेना ना भूलें।
समझें इस टेस्ट के परिणाम
क्या कहते हैं मेरे टेस्ट के परिणाम?
क्रिएटिनिन ब्लड टेस्ट के नतीजे मिलिग्राम प्रति डेसीलीटर या माइक्रोमोल्स प्रति लीटर के हिसाब से मापे जाते हैं। इसकी सामान्य रेंज 0.84 to 1.21 मिलिग्रा प्रति डेसीलीटर यानी (74.3 to 107 micromoles per liter) होनी चाहिए। हालांकि, इस टेस्ट के नतीजे लैब, पेशेंट की उम्र और महिला और पुरुषों के शरीर पर निर्भर करते हैं। क्रिएटिनिन की मात्रा खून में ज्यादा वजनी मांसपेशियों की वजह से बढ़ जाती है। इसलिए महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में क्रिएटिनिन ज्यादा पाया जाता है।
आमतौर पर यह माना जाता है कि खून में क्रिएटिनिन की ज्यादा मात्रा का सीधा ताल्लुक किडनी के असामान्य व्यवहार से है। अगर आपके शरीर में पानी की कमी है, खून की कमी है, आप ज्यादा मांस का सेवन करते हैं या किसी तरह की दवाई ले रहे हैं, तो भी कुछ समय के लिए क्रिएटिनिन की मात्रा बढ़ सकती है।
अगर क्रिएटिनिन की मात्रा अत्यधिक पाई जाती है तो डॉक्टर एक और ब्लड टेस्ट या यूरिन टेस्ट कराकर इसकी पुष्टि करता है। ऐसे में अगर किडनी की क्षति पाई जाती है तो जिस वजह से उसे क्षति पहुंची है उसे रोकने की दिशा में काम किया जाता है। खासतौर पर आपको अपने ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रण में लाने की जरूरत होती है। इसके लिए दवाईयों का सहारा लेना पड़ता है।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।
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