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Urine Cytology: यूरिन सायटोलॉजी क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Kanchan Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/08/2020

Urine Cytology: यूरिन सायटोलॉजी क्या है?

परिचय

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट (Urine Cytology ) क्या है?

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट एक मूत्र में अबनॉर्मल सेल्स का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट यूरिन ट्रैक कैंसर की जांच के लिए अन्य परीक्षणों और प्रक्रियाओं के साथ प्रयोग किया जाता है। सबसे ज्यादा बार इस टेस्ट को यूरिन कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। अगर आपके यूरिन में बल्ड (हेमट्यूरिया) आता है तो डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने की सलाह दे सकते हैं।

यदि किसी व्यक्ति का यूरिन कैंसर का इलाज चल रहा है या कैंसर का पता चलता है तो यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट इसके बारे में ज्यादा जानकारी पता लगाने में मदद कर सकता है।

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट क्यों किया जाता है?

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट मूत्र पथ के कैंसर के इलाज के लिए अन्य परीक्षणों और प्रक्रियाओं के साथ किया जाता है, जिसमें शामिल हैं:

यह आमतौर पर उन लोगों के लिए उपयोग किया जाता है जिनके मूत्र पथ के कैंसर के लक्षण होते हैं या दिखाई देते हैं। जैसेः यूरिन में खून का आना।

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट मूत्र पथ पर तेजी से बढ़ रहे कैंसर का पता लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन यह मूत्र पथ के छोटे कैंसर जो कि वक्त के साथ धीरे-धीरे बढ़ता है उसका पता नहीं लगा सकता है।

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सावधानियां और चेतावनियां

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपका यूरिन का सैम्पल कैसे लिया जाता है। अधिकतर मामलों में इस टेस्ट के लिए यूरिन को स्टेरलाइज कंटेंनर में इकट्ठा किया जाता है, जिसमें रिस्क की संभावना नहीं होती है।

आपके मूत्रमार्ग में एक खोखली नली (कैथेटर) डालकर मूत्र एकत्र करने से यूरिन संक्रमण का खतरा हो सकता है।

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प्रक्रिया

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें?

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट हमेशा सुबह पहली बार जब पेशाब आये तभी करवाएं। ऐसा इसलिए है, क्योंकि रात भर ब्लैडर में सेल्स इकट्ठा हो जाएंगे। सुबह पेशाब के दौरान ये सभी चीजें निकल जाएगी और लैब में यूरिन का विश्लेषण करना मुश्किल हो जाएगा। अगर सुबह के पहले यूरिन से यह टेस्ट नहीं कराया जाता है तो संभव है कुछ चीजें छूट जाएं और रिजल्ट गलत आए।

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट के दौरान क्या होता है?

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट के लिए दो तरीकों से सेल्स को प्राप्त किया जाता है। डॉक्टर आपसे सिस्टोस्कोपी के दौरान एक सैंपल ले सकता है, जो बैल्डर के अंदर से लिया जाता है या साफ यूरिन सैंपल लेकर टेस्ट करने का सुझाव दे सकता है।

सिस्टोस्कोपी

सिस्टोस्कोपी एक सिस्टोस्कोप का इस्तेमाल करके किया जाता है। इसमें एक छोटे से कैमरे और पतली ट्यूब के जरिए टेस्ट किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में 10 से 20 मिनट लगते हैं।

क्योंकि आपकी पहली सुबह का पेशाब कई घंटों तक मूत्राशय में रहता है, इसलिए कोशिकाएं ख़राब हो सकती हैं और यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट के लिए उपयोगी नहीं हो सकती हैं। हालांकि इसका अर्थ यह नहीं है कि आपको टेस्ट से ठीक पहले ही पेशाब करना है। डॉक्टरों के अनुसार, आपको सिस्टोस्कोपी से पहले कुछ घंटों के लिए अपने मूत्राशय में मूत्र रखने की आवश्यकता हो सकती है। टेस्ट की जरूरत, इसके खतरे, यह कैसा किया जाता है और इसके परिणामों के बारे में किसी तरह की शंका होने पर डॉक्टर से परामर्श करें।

सिस्टोस्कोपी के लिए, आपका डॉक्टर आपके मूत्रमार्ग (मूत्राशय से निकलने वाली ट्यूब) के आसपास की त्वचा को साफ करेगा और शरीर के उस हिस्से को सुन्न करने के लिए एक जेल का इस्तेमाल करेगा। इसके बाद डॉक्टर, मरीज के मूत्रमार्ग में सिस्टोस्कोप को लगाएंगे। हल्का सा दवाब पड़ने के बाद आपको पेशाब करने की इच्छा होगी। इस प्रक्रिया के बाद आपका डॉक्टर एक कंटेनर में यूरिन को इकट्ठा करेगा और फिर कैथेटर को हटा देगा।

डॉक्टरों के अनुसार इस प्रक्रिया से इंफेक्शन और ब्लीडिंग का रिस्क हो सकता है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आपका डॉक्टर लैब में सैंपल को भेज देगा और फिर रिपोर्ट देगा।

प्रक्रिया संक्रमण या रक्तस्राव के एक छोटे जोखिम को वहन करती है। आपका डॉक्टर विश्लेषण के लिए मूत्र का नमूना एक प्रयोगशाला में भेजेगा, और फिर एक रिपोर्ट प्राप्त करेगा।

क्लीन कैच यूरिन सैंपल

क्लीन कैच यूरिन सैंपल काफी आसान तरीका है, यह निर्जीव है और इसमें किसी तरह का कोई रिस्क नहीं होता है। आप चाहे तो डॉक्टर की लैब या घर पर ही क्लीन कैच यूरिन सैंपल ले सकते हैं और इसे लैब में भेजकर टेस्ट करवा सकते हैं। इस टेस्ट के लिए आपके डॉक्टर द्वारा एक खास तरह का कंटेनर यूरिन कलेक्शन के  लिए दिया जाएगा।

यूरिन को टेस्ट के लिए इकट्ठा करने से पहले डॉक्टर से सभी दिशा-निर्देशों की पूरी जानकारी लें। अगर, आप सैंपल लेने के दौरान किसी भी तरह की कोई गलती करते हैं तो आपका रिजल्ट खराब आ सकता है और डॉक्टर आपको दोबारा टेस्ट कराने के लिए कह सकता है।

सैंपल लेने या टेस्ट कराने से पहले मूत्रमार्ग की आसपास की स्किन को सही तरीके से साफ करें। स्किन को साफ करने के लिए खास तरह के कपड़े का इस्तेमाल करें। आपको टॉयलेट में थोड़ी मात्रा में यूरिन करने की आवश्यकता होगी और फिर यूरिन के प्रवाह को रोकना होगा। फिर आप वांछित स्तर तक पहुंचने तक कंटेनर में पेशाब करेंगे।

कुछ मामलों में डॉक्टर आपको कई दिनों तक यूरिन के नूमने देने के लिए कह सकता है। इस दौरान आपके यूरिन को लैब में भेजा जाएगा और फिर रिपोर्ट के जरिए बीमारियों का पता लगाया जाएगा।

यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट के बाद क्या होता है ?

यूरिन का सैंपल लेने के बाद पैथोलॉजिस्ट माइक्रोस्कोप के जरिए सेल्स का विश्लेषण करेगा और इस बात की जांच करेगा कि क्या किसी तरह की कोई असामान्यताएं हैं। पैथोलॉजिस्ट कल्चर डिश (Culture dish)  के जरिए भी सेल्स को देख सकता है कि क्या यूरिन में किसी तरह के बैक्टीरिया बढ़ रहे हैं।

पैथोलॉजिस्ट आपके यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट को आपके डॉक्टर के पास भेजेगा, जिसके बाद आपको सारी जानकारी मिलेगी। सैंपल देने के बाद अपने डॉक्टर से पूछे कि रिजल्ट आने में कितना समय लगेगा।

अगर यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट के लिए आपके मन में किसी तरह का कोई सवाल है या कोई भी परेशानी है तो अपने डॉक्टर से बातचीत करें।

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परिणाम

मेरे परिणामों का क्या मतलब है?

कई तरह के लैब में टेस्ट के लिए कई तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। इस बात की जानकारी आपका डॉक्टर आपको देगा कि उस रिजल्ट का मतलब क्या है। कुछ सामान्य शब्द हैं जो आपके रिजल्ट के बारे में बता सकते हैं।

निगेटिव

अगर आपकी मूत्र कोशिकाएं नॉर्मल दिखाई देती हैं तो यह माना जाता है कि इनमें बैक्टीरिया और ईस्ट नहीं है। लैब इसे निगेटिव रिजल्ट बताते हैं।

असंतोषजनक

अगर, आपका सैंपल में टेस्ट करने के लिए प्राप्त सेल्स नहीं है तो आपका टेस्ट असंतोषजनक आ सकता है। इस स्थिति में आपको दोबारा टेस्ट देना होगा और नया सैंपल देकर टेस्ट कराना होगा।

एटिपिकल (Atypical- check pronunciation) या संदिग्ध

ये टर्म बताती है कि बॉडी सेल्स नॉर्मल नहीं दिखाई दे रही हैं, हालांकि इस टेस्ट के दौरान इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती है कि आपको कैंसर नहीं है।

पॉजिटिव

अगर, आपके सैम्पल में बैक्टीरिया और ईस्ट मौजूद है, तो आपको मूत्राशय या मूत्र पथ पर संक्रमण है। इस स्थिति में आप एंटीबायोटिक्स का इलाज करवा सकते हैं। आपके मूत्र में अबनॉर्मल सेल्स दिखाई देते हैं तो  किडनी, मूत्रवाहिनी या मूत्रमार्ग के मूत्र पथ या कैंसर में सूजन का संकेत दे सकती हैं। हालांकि, एक यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट सभी बीमारियों और उसके इलाज की पुष्टि नहीं कर सकता है। बीमारियों के इलाज के लिए आपको कई तरह के टेस्ट कराने की जरूरत हो सकती है।

लैब और अस्पताल के आधार पर यूरिन सायटोलॉजी टेस्ट की सामान्य सीमा अलग-अलग हो सकती है। अगर, आपके मन में टेस्ट को लेकर किसी तरह का कोई सवाल है तो इस बारे में डॉक्टर से बातचीत करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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