के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
किडनी का प्रमुख कार्य शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को छानकर बाहर निकालना होता है। किडनी अपशिष्टों को पानी के साथ मिलाकर ब्लैडर की तरफ भेजती है। ब्लैडर इसे यूरिन पास करने के समय तक रोककर रखता है। ब्लैडर की मांसपेशियों के सिकुड़ने पर स्पिनच्टर (sphincter) आराम करता है, जिससे यूरिन को पेनिस के जरिए शरीर से बाहर छोड़ा जा सके। ऐसे में शरीर पर किसी भी प्रकार के दबाव की वजह से पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या हो जाती है। इसकी वजह से बिना इच्छा के यूरिन लीकेज होने लगता है। इस समस्या को पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस कहा जाता है। इसके अलावा, इस समस्या को मेल स्ट्रेस यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस भी कहा जाता है। अन्य शब्दों में पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस की समस्या तब होती है जब हंसना, छींकना, खांसना, कुछ उठाना या पॉश्चर में बदलाव जैसे अनुचित समय में स्पिनच्टर ब्लैडर के आसपास होती है।
किडनी यूरिन को बनाती हैं। इसे मांसपेशियों से बनाए गए एक सेक (Sac) में स्टोर किया जाता है। इसे यूरिनरी ब्लैडर कहा जाता है। यूरेथ्रा (मूत्रमार्ग) (urethra) नामक एक नलिका प्रोस्टेट और लिंग के माध्यम से यूरिन को ब्लैडर से बॉडी के बाहर तक जाती है।
ब्लैडर के यूरिन से भर जाने पर यह तंत्रिका संकेत देता है। स्पिनच्टर को यह सिकुड़े रहने का संकेत देता है, जब तक ब्लैडर आराम की अवस्था में रहता है। तंत्रिका और मांसपेशियों बॉडी से यूरिन के लीकेज होने को रोकने के लिए एक साथ मिलकर कार्य करती हैं। जब आप यूरिन पास करते हैं तब तंत्रिका संकेत मांसपेशियों की वॉल को ब्लैडर को सिकोड़ने के लिए कहते हैं।
इस दबाव की वजह से यूरिन ब्लैडर से बाहर निकलता है और मूत्रमार्ग में पहुंच जाता है। इसी वक्त ब्लैडर सिकुड़ता है और मूत्र नलिका आराम करती है। इससे यूरिन को यूरेथ्रा के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है।
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम निदेशक और प्रमुख डॉ. राजीव यादव ने यूरोलॉजिक डिजीज के बारे में बताया कि पुरुषों और महिलाओं दोनों में यूरीनरी ट्रेक को प्रभावित करने वाली कुछ सामान्य बीमारियां जैसे कि यूरीनरी ट्रेक इन्फेक्शन (Urinary tract infections), किडनी स्टोन आदि की समस्या हो सकती है। यह एक सामान्य समस्या है। इसके पीछे अनेकों कारण होते हैं। यदि आपको भी यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस का एहसास होता है तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
स्ट्रेस यूरिनरी इनकॉन्टिनेंट या पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंट में निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं:
उपरोक्त लक्षणों के अलावा भी कुछ लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीब्ध नहीं किया गया है। यदि आप पुरुषों में यूरिन इनकॉन्टिनेंस को लेकर चिंतित हैं तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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यदि आपको उपरोक्त लक्षणों या संकेतों का अनुभव होता है तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें। हालांकि, पुरुषों में यूरिन इनकॉन्टिनेंस में हर व्यक्ति की बॉडी अलग ढंग से प्रतिक्रिया देती है। स्थिति को बेहतर तरीके से समझने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस के कारण निम्नलिखित हैं:
कैंसर वाली प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालना, जिसकी वजह से यूरिन पास करने में परेशानी आना। यूरिनरी स्पिनच्टर का क्षतिग्रस्त होना, जिससे पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंट की समस्या पैदा होती है।
इसके अतिरिक्त, प्रोस्टेट ग्लैंड को निकालने से फिजिकल सपोर्ट हटने से स्पिनच्टर को कार्य करने में समस्याएं पैदा होती हैं। इससे पुरुषों में यूरिन इनकॉन्टिनेंस की समस्या उत्पन्न होती है। इसे पोस्ट-प्रोस्टेटक्टमी इनकॉन्टिनेंस (post-prostatectomy incontinence) के नाम से जाना जाता है। स्पिनच्टर की ताकत में कमी करने से यूरिन मूत्र नलिका (यूरेथ्रा) से लीक होने लगता है।
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निम्नलिखित वजहों से पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंट का खतरा रहता है:
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
निम्नलिखित तरीकों से पुरुषों में यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस का निदान किया जाता है:
नॉन-इनवेसिव ट्रीटमेंट (Non-invasive treatment)
सर्जिकल इलाज
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फार्मास्युटिकल ट्रीटमेंट
निम्नलिखित उपायों से आप यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस से लड़ सकते हैं:
यूरोलॉजिकल हेल्थ की देखभाल के लिए सावधानी रखें। अगर आपको मूत्र संबंधी किसी भी तरह की समस्या है, तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं और ट्रीटमेंट कराएं। समय पर बीमारी का इलाज न कराने से शरीर के दूसरे अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।
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