परिचय
पिलोनिडल साइनस क्या है?
पिलोनिडल साइनस सर्जरी के बारे में जानने से पहले आप जान लें इसके बारे में। ये एक ऐसी समस्या है जो नितंबों (Buttocks) के बीच के स्थान में होती है। ये समस्या लगातार गाड़ी ड्राइव करने से या लगातार बैठे रहने से होती है। इसलिए इस बीमारी को आम भाषा में जीप ड्राइवर डिजीज (Jeep Driver Disease) भी कहते हैं। इसमें पीठ के बाल घर्षण और पसीने के कारण नितंबों के बीच के हिस्से में जमा होने लगते हैं और गंदगी और बैक्टीरिया के कारण वह खोखले साइनस का रूप ले लेता है। जिसमें पीप या पस (Pus) भर जाता है और दर्द होता है। आगे चल कर ये फोड़े जैसा दिखने लगता है।
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पिलोनिडल साइनस सर्जरी की जरूरत कब होती है?
जब आपका पिलोनिडल साइनस संक्रमित हो जाता है तो सर्जरी करने की जरूरत पड़ती है। अगर किसी के हिप पर फोड़ा हो जाता है और उसमें पस हो जाती है और समस्या बढ़ती जाती है, तो आपको इस सर्जरी को कराने की जरूरत पड़ सकती है। पहले डॉक्टर एंटीबायोटिक से इसका इलाज करने की कोशिश करते हैं, अगर समस्या फिर भी ठीक नहीं होती तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
जोखिम
पिलोनिडल साइनस सर्जरी करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
- अपने नितंबों के बीच यानि कि जन्मजात फांक (natal cleft) के बीच के हिस्से को हमेशा साफ करते रहना चाहिए।
- कभी-कबार पस के बहने पर इंफेक्शन वाले स्थान पर एंटीबायोटिक का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- कभी-कभी फोड़े को बहाने जैसी भी स्थिति बन सकती है।
- पिलोनिडल साइनस में अगर संक्रमित न हो तो सर्जरी कराने से बचे।
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पिलोनिडल साइनस सर्जरी के क्या साइड इफेक्ट्स और समस्याएं हो सकती हैं?
कई बार सर्जरी कराने के बाद किसी-किसी को कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। पिलोनिडल साइनस सर्जरी कराने से पहले आपको इसके रिस्क और कॉम्प्लिकेशन के बारे में जान लेना चाहिए। अगर आपको इससे संबंधित कोई अन्य सवाल या समस्या है तो अपने डॉक्टर या सर्जन से एक बार जरूर बात कर लें। साथ ही अपने स्वास्थ्य के साथ होने वाले साइड इफेक्टस के बारे में भी जान लें, जैसे कि-
- ब्लीडिंग होना
- इंफेक्शन होना
- लंंबे समय तक घाव बने रहना
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प्रक्रिया
पिलोनिडल साइनस सर्जरी के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?
सर्जरी कराने से पहले आपको अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। डॉक्टर से मिल कर आपको अपनी दवाओं (जो आप पहले से ले रहे हो), एलर्जी और हेल्थ कंडीशन के बारे में बात करनी चाहिए। इसके साथ ही आप अपने एनेस्थेटिस्ट से भी मिलें और सर्जरी के दौरान बेहोश या सुन्न करने की प्रक्रिया की जाएगी। साथ में आप अपने डॉक्टर से जान लें कि आपको सर्जरी से पहले क्या खाना पीना चाहिए। इसके अलावा, आप आप ये भी पूछ लें कि सर्जरी से कितने घंटे पहले से खाना पीना बंद करना है। परिवार के लोगों को भी आप डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में बता दें। ज्यादातर मामलों में सर्जरी कराने से छह घंटे पहले से कुछ भी नहीं खाना होता है। ऐसे में डॉक्टर द्वारा बताए गए लिक्विड डायट ही लें।
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पिलोनिडल साइनस सर्जरी में होने वाली प्रक्रिया क्या है?
पिलोनिडल साइनस सर्जरी के दौरान जनरल एनेस्थेटिक यानी कि सुन्न करने की प्रक्रिया की जाती है। इस सर्जरी को करने में लगभग आधे घंटे का समय जाता है। सर्जरी के दौरान आपका सर्जन साइनस और संक्रमित ऊतकों (infected tissue) को निकाल दिया जाता है।
पिलोनिडल साइनस सर्जरी के बाद क्या होता है?
- सर्जरी के बाद आप उसी दिन घर जा सकते हैं।
- आप दो से तीन हफ्ते के बाद अपने ऑफिस या काम पर जाने योग्य हो जाते हैं।
- नियमित एक्सरसाइज करने से आप जल्दी से ठीक हो सकते हैं। लेकिन, कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
- इन सभी बातों के अलावा अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो अपने सर्जन और डॉक्टर से जरूर मिलें और परामर्श लें।
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रिकवरी
पिलोनिडल साइनस सर्जरी के बाद मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
सर्जरी चाहे कोई भी हो, आपको सर्जरी के बाद खुद का ख्याल रखना काफी जरूरी होता है। सर्जरी के बाद अगर आप थोड़ी भी लापरवाही बरतेंगे, तो शरीर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए अगर आप ये सर्जरी कराते हैं, तो सर्जरी के बाद अपनी देखभाल का इंतजाम करे लें। आपको ऐसा कुछ नहीं करना है जिससे समस्या बढ़ जाए। साफ सफाई का पूरा ध्यान रखें और सर्जरी के बाद भी डॉक्टर की सलाह लेते रहें, ताकि कॉम्पलिकेशन न बढ़े।
पिलोनिडल साइनस सर्जरी के बाद कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन सामने आ सकते हैं। जैसे-
- पिलोनिडल साइनस कभी भी दोबारा से हो सकता है।
- घाव के स्थान पर सर्जरी के दौरान या बाद में संक्रमण हो सकता है।
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किसी भी तरह का संक्रमण होने पर अपने जनरल प्रैक्टिशनर से जरूर मिलें। जैसे कि :
- दर्द होने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उन्हें अपने दर्द की जानकारी दें। आपका डॉक्टर आपको इसके लिए दवा दे सकता है।
- लालपन आने पर भी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- त्वचा में सूजन आने पर भी डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- 38 डिग्री सेल्शियस से अधिक तापमान महसूस होने पर डॉक्टर के पास जाएं।
- घाव वाले स्थान पर गर्म लगने पर लापरवाही न बरतें, तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
- घाव के स्थान से बदबू आने पर भी डॉक्टर से सलाह करनी चाहिए।
उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में पिलोनिडल साइनस सर्जरी से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब मिल गए होंगे। इसमें आपको पिलोनिडल साइनस सर्जरी की प्रक्रिया से लेकर पिलोनिडल साइनस सर्जरी के बाद खुद की देखभाल करने तक के बारे में बताने की कोशिश की है। इसके अलावा आपको हमने ये भी बताया कि पिलोनिडल साइनस सर्जरी की जरूरत कब पड़ती है। आशा करते हैं कि आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया होगा और पिलोनिडल साइनस सर्जरी से जुड़ी जरूरी जानकारियां आपको यहां मिल गई होंगी। अगर इस समस्या से जुड़े आपके और कोई भी सवाल हैं, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपको डॉक्टर की सलाह से और भी सटीक जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। इसके साथ ही आपको हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा, हमारे साथ अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।
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