के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
बनियन सर्जरी को बनियनटॉमी (Buniontomy) भी कहते हैं। बनियन एक ऐसी अवस्था है जिसमें पैर के अंगूठे के पास उभार हो जाता है, जिसमें दर्द होता है। इसी के साथ ही पैर का अंगूठा भी टेढ़ा हो जाता है। बनियन के होने का कारण साइज से छोटे जूते पहनना है। जूते में पैर का अंगूठा सही तरीके से हिलडुल नहीं पाता है, जिस वजह से बनियन की समस्या आती है। कभी-कभी बनियन की समस्या आर्थराइटिस के कारण भी होती है।
ज्यादातर मामलों में बनियन का इलाज बिना सर्जरी के हो जाता है। जब मरीज पर दवाओं का असर नहीं होता है तो डॉक्टर बनियन सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। सर्जरी से दर्द से राहत मिलता है और पैर को सीधा होने में मदद मिलती है। इसके साथ ही जब चलने में परेशानी होती है या अपनी दिनचर्या में पैर परेशानी करता है तो आपके लिए बनियन सर्जरी ही एक मात्र विकल्प बचता है। समस्या ज्यादा बढ़ने पर ही इस सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
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अगर आप बनियन सर्जरी कराने जा रहे हैं तो इसकी सही और पूरी जानकारी होना जरूरी है। जानकारी के अभाव में आपको कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। सबसे पहले तो आपको पता होना चाहिए कि बनियन सर्जरी कॉस्मेटिक सर्जरी नहीं है। इसके साथ ही इस सर्जरी का विज्ञापन भी गलत और भ्रामक तरीके से किया जाता है। बनियन सर्जरी का प्रचार-प्रसार ‘फिक्स सर्जरी’ के रूप में किया जाता है। जिसका मतलब होता है कि सर्जरी के बाद बनियन पूरी तरह से ठीक हो जाएगा और आपका पैर सीधा हो सकेगा, जबकि ऐसा होता नहीं है। बनियन सर्जरी अंगूठे में होने वाले दर्द से राहत दिलाता है, लेकिन इसके दोबारा होने का भी जोखिम रहता है।
बनियन सर्जरी कराने के बाद आपको छोटे साइज का जूता या नोक वाले जूते नहीं पहनना चाहिए। इसके अलावा आपको समझना होगा कि किस तरह के जूते पहनने से आपको बनियन दोबारा नहीं होगा, क्योंकि टाइट या छोटे जूते पहनने से ही बनियन की दिक्कत होती है। बनियन सर्जरी में कुछ सामान्य समस्याएं सामने आती हैं :
इसके अलावा कुछ विशेष समस्याएं होती हैं, जो बहुत दुर्लभ है :
जरूरी नहीं है कि ये समस्या सभी लोगों को हो, ये ऐसी समस्याएं हैं जो शायद ही कभी किसी को हो। इसलिए सर्जरी कराने से पहले अपने डॉक्टर से सभी तरह के जोखिमों के बारे में बात कर लें, ताकि आपको सही राय मिल सके।
सर्जरी कराने से पहले आपको अपने ऑर्थोपेडिस्ट से मिलना चाहिए। उन्हें आपको अपनी दवाओं (जो आप पहले से ले रहे हो), एलर्जी और हेल्थ कंडीशन के बारे में बात करनी चाहिए। ताकि पता चल सके कि सर्जरी के पहले कौन-सी दवाएं जारी रखनी है और कौन-सी बंद कर देनी है। इसके साथ ही ऑर्थोपेडिस्ट आपके पैर के कुछ लैब टेस्ट कराएंगे। जैसे- ब्लड टेस्ट, इसीजी (ECG), एक्स-रे, यूरीन टेस्ट आदि। इनके रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर आपकी सर्जरी प्लान करेंगे।
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इस सर्जरी को करने में लगभग आधा से एक घंटा लगता है। सर्जरी करने से पहले जरूरत के हिसाब से मरीज को बेहोश या सुन्न किया जाता है। सर्जन सर्जरी करने के लिए कई तरह की विधियों का इस्तेमाल करते हैं। सर्जरी के लिए सर्जन पिन, वायर या स्क्रीयू का इस्तेमाल करते हैं। जिससे पैर की हड्डियों को कड़ाई के साथ बांधा जाता है। ताकि हड्डी अपनी जगह पर फिक्स हो जाए। इसके लिए सर्जन कई तरह की सर्जरी करते हैं :
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इस आर्टिकल में हमने आपको बनियन सर्जरी से जुड़ी जरूरी जानकारियां देने की कोशिश की हैं, जो आपके काम आ सकती हैं। इसमें हमने आपको इसकी प्रक्रिया के साथ-साथ इस सर्जरी के बाद होने वाली देखभाल के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। ध्यान रहे कि सर्जरी की प्रक्रिया के बाद आपको अपनी पूरी देखभाल करने की जरूरत होती है, इसलिए इसके बाद अपने साथ कोई भी लापरवाही न करें। केवल सर्जरी के बाद ही नहीं, बल्कि सर्जरी से पहले भी आपको अपना खास ध्यान रखते हुए सर्जरी के लिए खुद को शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से तैयार करने की जरूरत होती है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने सर्जन से जरूर पूछ लें।
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