परिचय
ओटोप्लास्टी क्या है?
ओटोप्लास्टी कान की कॉस्मेटिक सर्जरी है। जिसमें सर्जरी के द्वारा कान को आकार और पोजिशन दिया जाता है। ओटोप्लास्टी का मुख्य उद्देश्य कान की विकृति को ठीक कर के आकार देना है। जिससे कान की पोजिशन सही जगह हो और वह देखने में अच्छा लग सके।
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ओटोप्लास्टी सर्जरी की जरूरत कब होती है?
ओटोप्लास्टी सर्जरी कराना आपकी अपनी च्वॉइस है। इस सर्जरी की जरूरत तब होती है जब आपके कान आपके सिर से दूर और सही जगह पर नहीं होते हैं। वहीं, अगर कभी एक्सीडेंट में आपके कान विकृत हो गए हैं या जन्मजात कान विकृत हैं तो ओटोप्लास्टी किया जाता है।
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जोखिम
ओटोप्लास्टी सर्जरी करवाने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
ओटोप्लास्टी किसी भी उम्र में कराई जा सकती हैं। अगर आप चाहें तो बच्चे की भी ओटोप्लास्टी हो सकती है। लगभग तीन से पांच साल के उम्र के बच्चों की ओटोप्लास्टी हो सकती है। वहीं, अगर आप इसे 20 या 50 साल की उम्र में भी कराना चाहें तो भी करा सकते हैं।
अगर बच्चा विकृत कान के साथ पैदा होता है तो डॉक्टर जन्म के तुरंत बाद एक तरह का सपोर्टर (Splint) लगा कर कान को ठीक करने का प्रयास किया जाता है।
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ओटोप्लास्टी सर्जरी के क्या साइड इफेक्ट्स और समस्याएं हो सकती हैं?
ओटोप्लास्टी सर्जरी के तुरंत बाद परेशानी होना लाजमी है। सर्जरी के कारण होने वाला दर्द सामान्य बात है। इसके अलावा कान पर बंधी पट्टियां खुजली भी कर सकती हैं। कुछ हफ्ते तक आपको अपने कान सुन्न महसूस हो सकते हैं। रात के समय कानों में ज्यादा दर्द होगा। इसलिए सोते समय ध्यान दें कि सर्जरी कराए गए कान के तरफ सिर रख कर न सोएं।
इसके अलावा कई अन्य समस्याएं भी होती हैं :
- कानों पर सर्जरी के निशान हमेशा के लिए रह सकते हैं।
- सर्जरी कराने से कान ऊपर नीचे भी हो सकते हैं यानी कि एक सीध में न हो कर थोड़ा ऊपर नीचे हो सकते हैं।
- कान के पास की त्वचा में सेंस्टिव हो सकती है।
- कानों पर लगाए गए टांकें आपके लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। क्योंकि कभी-कभी कान को सहीआकार देने के लिए टांकें लगाए जाते हैं।
इसके अलावा अन्य गंभीर समस्या भी हो सकती है :
- ब्लीडिंग
- संक्रमण
- एनेस्थीसिया के कारण रिएक्शन
- सर्जिकल टेप से एलर्जी
जरूरी नहीं है कि ये समस्याएं सभी को हो। लेकिन, फिर भी आपको इसके साइड इफेक्ट्स और होने वाली समस्याओं के बारे में जान लेना चाहिए। साथ ही इससे संबंधित कोई सवाल हो तो सर्जन से जरूर शेयर करें।
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प्रक्रिया
ओटोप्लास्टी सर्जरी के लिए मुझे खुद को कैसे तैयार करना चाहिए?
- ओटोप्लास्टी सर्जरी कराने से पहले अपने प्लास्टिक सर्जन से मिलें। उन्हें अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताएं। डॉक्टर से मिल कर आपको अपनी दवाओं (जो आप पहले से ले रहे हो), एलर्जी और हेल्थ कंडीशन के बारे में बात करनी चाहिए। इसके साथ ही आप अपने एनेस्थेटिस्ट से भी मिलें और सर्जरी के दौरान बेहोश या सुन्न करने की प्रक्रिया प्लान करें।
- आप अपने डॉक्टर से जान लें कि आपको सर्जरी से पहले क्या खाना पीना चाहिए। इसके अलावा आप डॉक्टर से ये भी पूछ लें कि सर्जरी से कितने घंटे पहले से खाना पीना बंद करना है। परिवार के लोगों को भी आप डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में बता दें। ज्यादातर मामलों में सर्जरी कराने से छह घंटे पहले से कुछ भी नहीं खाना होता है। ऐसे में डॉक्टर द्वारा बताए गए तरल पदार्थ या ड्रिंक्स ही लें।
- खून को पतला करने वाली दवाएं जैसे एस्पिरीन अगर आप ले रहे हैं तो डॉक्टर को जरूर बताएं। ताकि, जरूरत के हिसाब से डॉक्टर दवा को बंद कर सकें।
- सर्जरी कराने से पहले स्मोकिंग बंद कर दें। क्योंकि स्मोकिंग आपके घाव को जल्दी भरने नहीं देगा।
- सर्जरी के लिए आने से पहले नहा लें। लेकिन, किसी भी तरह का कोई लोशन, परफ्यूम, डियोडरेंट या नेल पॉलिश नहीं लगाएं।
- सर्जरी होने वाले स्थान को खूद से शेव न करें।
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ओटोप्लास्टी सर्जरी में होने वाली प्रक्रिया क्या है?
ओटोप्लास्टी सर्जरी करने में लगभग दो घंटे लगते हैं। एनेस्थेटिस्ट जरूरत के हिसाब से आपके कान को सुन्न या आपको बेहोश करते हैं। ओटोप्लास्टी सर्जरी कान को कैसा आकार देना है इस पर निर्भर करता है।
सर्जरी करने के लिए सर्जन कान के पीछे या कान के अंदर के फोल्ड यानी कि सिकुड़े हुए स्थान पर चीरा लगा सकते हैं। इसके बाद अगर कान का कार्टिलेज और त्वचा ज्यादा है तो सर्जन उसे निकाल देते हैं। लेकिन, अगर वह विकृत है तो उसे सही स्थान पर रख कर अंदर से टांके लगा कर कान को फिक्स करते हैं। इसके बाद चीरे को बंद करने के लिए टांका लगाते हैं।
ओटोप्लास्टी सर्जरी के बाद क्या होता है?
- ओटोप्लास्टी के बाद सर्जन आपके कान पर पट्टियां बांधते हैं ताकि कान को सपोर्ट मिल सके और घाव जल्दी भर जाए।
- एक-दो हफ्ते तक आप कान पर खुजली और असहजता महसूस करेंगे। इसके लिए डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं लें।
- कुछ दिनों के बाद डॉक्टर कान से पट्टियां निकाल देंगे। लेकिन, इसके बाद भी आपके कान में लालपन और सूजन रहेगी। इसलिए आप रात में सोते समय एक ढीला हेडबैंड बांधें जिससे आपका कान ढका रहे।
- पट्टियां हटाने के बाद आपको अपने कानों के आकार में बदलाव नजर आएगा। अगर प्लास्टिक सर्जन के द्वारा दिए गए आकार से संतुष्ट नहीं हो तो सर्जन से दोबारा ओटोप्लास्टी करा सकते हैं।
- इन सभी बातों के अलावा अगर आपको किसी भी तरह की समस्या आती है तो अपने सर्जन और डॉक्टर से जरूर मिलें और परामर्श लें।
रिकवरी
ओटोप्लास्टी सर्जरी के बाद मुझे खुद का ख्याल कैसे रखना चाहिए?
- ओटोप्लास्टी सर्जरी के बाद कान पर किसी भी तरह का प्रेशर न दें। इसलिए रात में सोते समय आप सर्जरी कराए गए कान की तरफ न सोएं। साथ ही ढीले कॉलर वाले कपड़ें पहनें जो कान को न छू पाए।
- ओटोप्लास्टी सर्जरी के टांकें कटवाने के लिए डॉक्टर से मिलें और इसके बाद भी डॉक्टर से कुछ दिनों के अंतराल पर मिलते रहें।
- अपनी सामान्य दिनचर्या के शुरू करने से पहले आप अपने डॉक्टर से पूछ लें।
जानें सर्जरी के होने वाले दुष्प्रभाव
इस प्रक्रिया को अपनाने के दौरान कुछ दुष्परिणाम हो सकते हैं। इसके अंतर्गत हो सकती हैं यह समस्याएं, जैसे
- इंफेक्शन : सर्जरी के बाद संभावना रहती है कि कान में कहीं इंफेक्शन न हो जाए। ऐसे में सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए एक्सपर्ट एंटीबायटिक का सुझाव देते हैं। इसका सेवन कर भविष्य में होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है।
- ब्रशिंग : हिमोटोना या एक प्रकार का ब्लड क्लोट की भी संभावलना रहती है। यह कान के स्किन पर हो सकता है। वहीं सर्जरी के एक से तीन दिनों तक रहता है। इसमें दर्द भी हो सकता है।
- असंतोषजनक दिखना : हो सकता है कि सर्जरी के बाद आपका कान वैसा न दिखे जैसा कि आपने उम्मीद की थी।
- सुन्नपन का एहसास : कुछ लोगों को सर्जरी के कुछ सप्ताह तक कान में सुन्नपन का एहसास होता है।
सामान्यत: सुरक्षित रहती है सर्जरी
ऑटोप्लास्टी सर्जरी सामान्य तौर पर सुरक्षित रहती है। वहीं सर्जरी के बाद काफी लोग इससे संतुष्ट रहते हैं। जर्मनी में शोधकर्ताओं ने पाया कि सर्जरी के बाद उनके कान पहले की तुलना में ज्यादा अच्छा दिखता है। यह सर्जरी भी कास्मेटिक सर्जरी का हिस्सा है। वैसे लोग जिनका कान हादसे में क्षतिग्रस्त हो जाता है, या फिर वैसे बच्चे जो जन्मजान कान संबंधी विकृति से जन्म लेते हैं उनको यह समस्या हो सकती है। यह अनुवांशिक कारणों की वजह से भी हो सकता है। ऐसे में सकारात्मक सोच के साथ सर्जरी करवाना चाहिए।
कान के शेप को बदल देता है सर्जरी
इस सर्जरी की खासियत ही यही है कि यह लोगों के कान के शेप को बदलकर रख देता है। वहीं उसकी क्वालिटी में काफी सुधार लाता है। लेकिन सर्जरी के पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि इसके क्या-क्या फायदे और क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। इस मामले में डॉक्टरी सलाह ले लेना चाहिए। तब जाकर ही सर्जरी की प्रक्रिया को अपनाना चाहिए। यही बेस्ट होता है। मरीजों को सर्जरी के पूर्व इन बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने सर्जन से जरूर पूछ लें।
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