परिचय
खांसी क्या है?
आमतौर पर खांसी की समस्या काफी आम हो सकती है। सामान्य तौर पर, गले में किसी तरह का इंफेक्शन होने पर खांसी की समस्या होने लगती है, जो सांस की नली में किसी तरह के बलगम या अन्य बाहरी कणों जैसों, सूक्ष्मजीवों, रोगाणुओं, जलन, तरल पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने का कार्य करता है और हमारे श्वसन नली और गले को साफ करता है। खांसी की प्रक्रिया फेफड़ों से हवा को तेजी से बाहर निकालती है। कई बार इनके कण गले में ही रहने पर खांसी अधिक समय तक के लिए भी बनी रह सकती है, जो आमतौर पर किसी तरह के वायरस के भी लक्षण हो सकते हैं।
खांसी की समस्या दो हफ्ते से अधिक लेकिन तीन हफ्ते कम रह सकती है। लेकिन, अगर इसके बाद भी उचित उपचार से खांसी की समस्या ठीक नहीं होती है, तो यह गंभीर बीमारी के संकेत हो सकते हैं। इसके अलावा, अगर खांसी की समस्या आठ हफ्तों से अधिक रहती है, तो यह क्रोनिक खांसी की समस्या हो सकती है।
खांसी को ट्यूसिस (Tussis) भी कहा जाता है जिसकी स्थिति अचानक से हो सकती है। खांसी के अधिकतर मामलों में उपचार की जरूरत नहीं होती है, क्योंकि अधिकतर मामलों में यह अपने आप ठीक हो जाती है।
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खांसी के मुख्य तीन स्टेज हो सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- सांस लेना
- वोकल कॉर्ड्स का बंद हो जाना
- गले से तेज आवाज आना
इसके अलावा, खांसी के कई प्रकार को सकते हैं, जिसके आधार पर खांसी की गंभीरता और उसका उपचार निर्धारित किया जा सकता हैः
खांसी के प्रकार
एक्यूट खांसी (Acute cough)
एक्यूट खांसी अचानक से हो सकती है जो तीन सप्ताह तक बना रह सकता है।
सबएक्यूट खांसी (Subacute cough)
सबएक्यूट खांसी तीन से आठ सप्ताह तक बनी रह सकती है।
क्रोनिक खांसी (Chronic cough)
क्रोनिक खांसी आठ हफ्ते से अधिक समय तक के लिए बनी रह सकती है।
बलगम वाली खांसी (Productive cough)
बलगम वाली खांसी में खांसने के साथ गले से थूक और बलगम निकलता है।
सूखी खांसी (Dry cough)
सूखी खांसी में खांसने के दौरान थूक या बलगम जैसा कोई तरल पदार्थ नहीं निकलता है।
काली खांसी या कुकुर खांसी (Whooping cough)
काली खांसी या कुकर खांसी में खांसने के दौरान गले से एक तरह की आवाज निकलती है। इसकी खांसी आने की अवधि सामान्य स्थितियों से लंबी हो सकती है।
रात में होने वाली खांसी (Nocturnal cough)
रात में होने वाली खांसी केवल रात के समय ही हो सकती है। खासकर तब, जब कोई लेटकर सोने का प्रयास करता हो।
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लक्षण
खांसी के लक्षण क्या हैं?
खांसी के लक्षण पता लगाने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रख सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
- बहती या भरी हुई नाक
- गले के अंदर किसी तरह के तरल पदार्थ के अटके होने का एहसास होना
- बार-बार गला साफ करने की स्थिति होना
- गले में खराश होना
- आवाज का धीमा होना या आवाज में किसी तरह का बदलाव होना
- गले से घरघराहट होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- मुंह का स्वाद खट्टा होना
- सांस की नली में सूजन या जलन होना
- गले से खून आना (यह काफी दुर्लभ स्थिति हो सकती हैं)
- बुखार होना
- ठंड लगना
- बदन दर्द
- मतली
- उल्टी
- सिरदर्द
- साइनस में दबाव
- रात में पसीना आना
- साइनस संक्रमण
- पोस्ट नेसल ड्रिप, इस स्थिति में बलगम गले के पीछे की ओर बढ़ सकता है
- सीने में जलन होना
आमतौर पर इसके सभी लक्षण सामान्य हो सकते हैं, इसके लिए किसी तरह के गंभीर उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
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किन तरह के लक्षणों में मुझे अधिक गंभीर होना चाहिए?
निम्न स्थितिओं में आपको अपने लक्षणों को लेकर गंभीर होना पड़ सकता है, क्योंकि यह कैंसर या फेफेड़ो के कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
- खांसते समय मुंह से या बलगम के साथ खून आना
- बहुत ज्यादा थकान महसूस करना
- भूख कम लगना
- वजन कम होना
- ठोस या तरल पदार्थों को निगलने की क्षमता कम होना
ऊपर बताए गए लक्षणों में सभी तरह के सामान्य और गंभीर लक्षण नहीं बताए गए हो सकते हैं। अगर आपको खांस की लक्षणों से जुड़ा कोई संदेह है, तो इस बारे में अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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कारण
खांसी के क्या कारण हो सकते हैं?
अगर कोई व्यक्ति बार-बार खांस की समस्या के लक्षण अनुभव करता है, तो उसे किसी गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में उसे तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
खांस की कारण खांसी के प्रकार पर निर्भर कर सकते हैं, जो निम्न हैंः
बलगम वाली खांसी या गीली खांसी
- ठंड लंगना
- फ्लू होना
- निमोनिया होना
- क्रॉनिक अब्स्ट्रक्टिव प्लमोनरी डिजीज (COPD)
- ब्रोंकाइटिस की समस्या
- अस्थमा की समस्या
यह सामान्यतौर पर छोटे शिशुओं और बच्चों को अधिक प्रभावित कर सकता है।
ड्राई कफ या सूखी खांसी
- ऊपरी सांस मार्ग में संक्रमण होना, जैसे सर्दी या फ्लू होना
- लैरींगाइटिस
- साइनसाइटिस
- अस्थमा
- एलर्जी
- गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स रोग (GERD)
- दवाओं के साइड इफेक्ट्स, विशेष रूप से एसीई इनहिबिटर
- वायु प्रदूषण, धूल, या धुएं के संपर्क में आना
गंभीर स्थितियों में सूखी खांसी के लक्षण कोविड-19 (COVID-19) कोरोना वायरस के भी लक्षण हो सकते हैं। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। और नीचे दिए गए हमारे आर्टिकल कोरोना वायरस के लक्षणों को पढ़ सकते हैंः
इसके अलावा निम्न स्थितियां भी खांसी का कारण बन सकते हैंः
- फेफड़ों से सम्बंधित समस्याएं
- फेफेड़ों तक ऑक्सीजन पहुंचाने वाले मार्ग में किसी तरह की परेशानी आना
- फेफेड़ों से बाहर सीने के भीतर की गुहा में समस्या होना
- पाचन संबंधी समस्या होना
- धूम्रपान की आदत
- पालतू जानवरों या अन्य किसी वस्तु से एलर्जी होना
- टीबी
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निदान
खांसी के बारे में पता कैसे लगाएं?
खांसी का निदान करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर आपके स्वास्थ्य की स्थिति और लक्षणों की निगरानी करते हैं, ताकि वे इसका पता लगा सकें कि आपको खांसी की समस्या सामान्य जुकाम या फ्लू की वजह से हुई है या किसी अन्य कारणों से।
इसके लिए डॉक्टर आपको खाद्य पदार्थों से जुड़ी एक सलाह दे सकते हैं और बुखार या शरीर दर्द को दूर करने के लिए दवा की खुराक दे सकते हैं। हालांकि, अगर इसके बाद दो हफ्तों से भी अधिक समय के लिए खांसी की समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर आपको निम्न टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जिनमें शामिल हो सकते हैंः
छाती का एक्स-रे (chest X-ray)
छाती के ए्क्स-रे में डॉक्टर आपके बलगम के सैंपल का टेस्ट करते हैं। जिससे वे किसी तरह के संक्रमण के कारण का जांच कर सकते हैं।
कुछ मामालों में आपके डॉक्टर आपको श्वसन विशेषज्ञ (Respiratory specialist) से मिलने की भी सलाह दे सकते हैं। हालांकि, स्थिति दुर्लभ होने पर ही वो इसकी सलाह देते हैं।
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रोकथाम और नियंत्रण
खांसी को कैसे रोका जा सकता है?
खांसी की रोकथाम करने के लिए आपको निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिएः
- ठंडी चीजें खाने से परहेज करें
- घर पर ही रहें और सार्वजनिक स्थानों से बचें
- परिवार के अनय सदस्यों या पालतू जानवरों से उचित दूरी बना कर रखें
- खांसते और छींकते समय नाक को कवर करें, ताकि आपके कारण परिवार के अन्य सदस्य न बीमार हो
- साल 2004 में किए गए एक शोध के मुताबिक, ऐसे लोग जो अधिक मात्रा में फलों, फाइबर और फ्लेवोनॉयड्स का सेवन करते हैं, उन्हें खांसी या क्रोनिक खांसी की समस्या होने का जोखिम अन्य व्यक्तियों के मुकाबले कम हो सकता है।
- इम्यूनिटी को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें
- स्मोकिंग या ड्रिंकिंग न करें
- नाक खोलने या आराम से सांस लेने के लिए डिकंजेशटैंट स्प्रे का उपयोग करें
- धूल या प्रदूषण वाले स्थानों से दूर रहें
- गुनगुना पानी पीएं
- गले को आराम देने के लिए कफ ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें
- खूब पानी पीएं
- गर्म पानी में नमक डालकर गरारा करें
- किसी तरह के बाहरी कण आपके मुंह में न प्रवेश करे, इससे बचने के लिए आपने हाथों को हमेशा साफ रखें।
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उपचार
खांसी का उपचार कैसे किया जाता है?
खांसी का उपचार खांसी के कारणों पर निर्भर कर सकता है।
आमतौर पर, वायरल संक्रमण से होने वाली खांसी अपने आप ठीक हो जाती है। इसके लिए बस आपको अपने आहर पर ध्यान देना चाहिए, ताकि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत बनी रहे।
दवाएं
खांसी को कम करने वाली दवाओं का निर्देश आपके डॉक्टर सिर्फ सूखी खांसी के उपचार के लिए ही दे सकते हैं। जिनमें शामिल है सकती हैंः
- फोलकोडिन (pholcodine)
- डेक्सट्रोमेथोर्फेन (dextromethorphan)
- एंटीहिस्टामाइन (antihistamine)
गुआइफेनसिन (Guaifenesin)- इसके सेवन से बलगम को पतला किया जा सकता है और सांस की नली को चिकना बनाता है, जिससे वायुमार्ग के द्वारा बलगम आसानी से निकल सकता है।
घरेलू उपाचर
- शहद का सेवन करनाः खांसी की समस्या से राहत पाने के लिए शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। शहद गले पर एक परत बना देता है, जिससे गले में जलन और खांसी कम हो जाती है।
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।