परिचय
बुरांश (Buransh) क्या है?
बुरांश एक लाल रंग का फूल है, जिसे आयुर्वेद में बहुत सारी बीमारियों के इलाज के लिए उपयोगी बताया गया है। यह फूल उत्तराखंड का राष्ट्रीय वृक्ष है। उत्तराखंड और हिमाचल में यह पाया जाता है। इसे पहाड़ी फूल भी कहते हैं। नेपाल का राष्ट्रीय फूल बुरांश है। ये फूल गर्मी के मौसम में होते हैं। पहाड़ों पर रहने वाले लोग गर्मी के मौसम में इसका शर्बत बनाकर पीते हैं। इसके अलावा इससे पराठा, चटनी, पकोड़े और वाइन भी बनाए जाते हैं। इसका वानस्पातिक नाम रोडोडैन्ड्रोन अरबोरियम (Rhododendron arboreum Sm.) है। ये इरासेसिए (Ericaceae) परिवार से ताल्लुक रखता है। बुरांश को ट्री रोडोडैन्ड्रोन (Tree rhododendron), कामरी (Kamri) और बरास (Baras) के नाम से भी जाना जाता है।
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उपयोग
बुरांश (Buransh) का उपयोग किस लिए किया जाता है?
न्युट्रिएंट्स से भरपूर होता है बुरांश:
बुरांश के फूल में उच्च मात्रा में पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन-सी और आयरन पाया जाता है। इस फूल का लाल गहरा रंग इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड के कारण होता है। कई शोध के अनुसार, इसमें फायटोकेमिकल्स जैसे फेनॉल, सैपोनिन, जेंथोप्रोटीन, टैनीन, फ्लेवोनॉइड आदि होते हैं। इसमें क्वेरसेटिन (quercetin), रुटिन (rutin) और कौमारिक एसिड (coumaric acid) जैसे एक्टिव कंपाउंड होते हैं। ये तीनों कंपाउंड सेब में भी होते हैं। इन्हीं के कारण सेब को हेल्थ के लिए फायदेमंद मान जाता है। बुरांश की पत्तियों में फाइटोकेमिकल्स होते हैं। कुछ बीमारियों को ठीक करने के लिए बुरांश की पत्तियों का इस्तेमाल पारंपरिक औषधि के रूप में किया गया है।
एंटीइन्फलामेटरी प्रॉपर्टीज:
कई आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं में बुरांश के फूलों और पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। एंटीइन्फलामेटरी प्रॉपर्टीज के कारण इसका इस्तेमाल गाउट, रुमेटिस्म, ब्रोंकाइटिस और अर्थराइटिस के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें ऐसे पदार्थ होते हैं जो प्रोस्टेट, किडनी और यूरिनरी ब्लेडर की सूजन को दूर करते हैं। इसके अलावा मुंह में पेनफुल अल्सर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रेक्ट और ओस्टिओअर्थराइटिस के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है।
दर्द को दूर करने में कारगर:
बुरांश की नई पत्तियों का इस्तेमाल सिरदर्द के इलाज के लिए किया जाता है। नई पत्तियों को पिसकर पेस्ट बनाकर फोरहेड पर लगाया जाता है, जिससे दर्द से निजात मिलता है। इसकी पत्तियों में एस्ट्रिजेंट गुण होते हैं जो जख्मों को भरने और सूजन को दूर करने में मदद करते हैं। बुरांश के फूलों का जूस पेट दर्द के लिए लाभदायक होता है।
एंटीऑक्सीडेंट:
बुरांश की पत्तियों और फूलों में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर से हानिकारक मुक्त कणों (फ्री रेडिकल्स) से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। बुरांश के फूलों का जूस हृदय, लिवर, किडनी और स्किन के लिए एंटीऑक्सीडेंट ड्रिंक की तरह लिया जाता है।
डायबिटीज से निजात दिलाता है:
नेपाल में इसके फूलों को डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटी-डायबीटिक प्रॉपर्टीज होती हैं जो टाइप 1 और टाइप 2 दोनों तरह की डायबिटीज से निजात दिलाती हैं। इस बात की पुष्टि कई शोध में भी हुई है।
डायरिया का इलाज करता है:
इसके फूलों और पत्तियों को डायरिया और डिसेंटरी के इलाज के लिए घरेलू उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है। इसकी सूखी पंखुडियों का पाउडर और पत्तियों का पेस्ट बनाकर डायरियां से राहत पाई जा सकती है। एक शोध के अनुसार, इसके फूलों में एंटीडायरियल गुण होते हैं।
हृदय को स्वस्थ रखता है:
बुरांश के फूलों का जूस हृदय के लिए अच्छा होता है। ये ब्लड प्रेशर को लो करने बेड, कोलेस्ट्रॉल को दूर करने में मदद करता है। बुरांश फूल के जूस में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं, जो ह्दय को सुरक्षा कवच प्रदान करने के साथ ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस दूर करता है। इससे स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। हायपरटेंशन, एथिरोस्कलेरोसिस और हृदय संबंधित रोगों के इलाज के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
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एलर्जी से राहत:
बुरांश के फूलों को एलर्जी, अस्थमा, हाइव्स और हे फीवर के इलाज के लिए उपयोगी माना जाता है।
कैंसर से बचाता है:
कई शोध के अनुसरा, इन फूलों में कई ऐसे पदार्थ होते हैं जो कैंसर सेल्स की ग्रोथ को रोकते हैं। यह फूल एंटी-कैंसर प्रॉपर्टीज के लिए जाना जाता है।
लिवर को दुरुस्त रखता है:
बुरांश के फूलों का इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल को कम करने और लिवर की आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है। जानवरों पर किए गए एक शोध के अनुसार, बुरांश के फूल और पत्तियां लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं। स्टडी में इस बात की पुष्टि हुई है कि इसमें फ्लेवोनॉइड, सैपोनिन और फेनोलिक कंपाउंड जैसी एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं। इसके फूलों के जूस को हैंगऑवर के लिए भी लिया जाता है।
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कैसे काम करता है बुरांश (Buransh) ?
बुरांश का जूस देखने में रोज और रसबेरी ड्रींक जैसा लगता है। पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन और विटामिन सी से भरपूर बुरांश जूस एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में और एक पहाड़ी बीमारी को ठीक करने के लिए, एक एपिटाइजर के रूप में लिया जाता है। मौसमी बीमारी के इलाज के लिए इसकी चटनी का सेवन किया जाता है।
हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार, बुरांश का इस्तेमाल सिरदर्द, पेटदर्द के लिए किया जाता है। इसमें एंटी-डायबीटिक, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इन्फलामेटरी और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती हैं। इसकी सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। अति हर चीज की बुरी होती है। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
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साइड इफेक्ट्स
बुरांश (Buransh) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
बुरांश से होने वाले फायदों से आप अच्छी तरह वाकिफ हो गए होंगे। अब जानते हैं इसके दुष्परिणामों के बारे में। इसका अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। यदि आप हार्ट कि या डायबिटीज की दवाएं ले रहे हैं तो भी इसका सेवन करने से बचें। दवाइयों के साथ इसका सेवन इंटरैक्ट कर सकता है।
इसका सेवन करने से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
- कमजोरी (weakness)
- चक्कर आना (dizziness)
- जी मिचलाना (nausea)
- उल्टी (vomiting)
- लो ब्लड प्रेशर (low blood pressure)
- स्लो हार्टबीट (slow heartbeat)
- अनियमित धड़कन (irregular heartbeat)
- साफ दिखाई न देना (blurred vision)
- पसीना आना (sweating)
- ठंड लगना (chills)
- बेहोश होना (fainting)
- सदमे में जाना (shock)
- दौरा पड़ना (seizure)
- कार्डिएक और रेस्पिरेटरी अरेस्ट (cardiac and respiratory arrest)
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डोसेज
बुरांश (Buransh) को लेने की सही खुराक क्या है?
बुरांश की डोसेज हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। इसे लेकर कोई वैज्ञानिक जानकारी नहीं है। कभी भी इसकी खुराक खुद से निर्धारित न करें। बेहतर होगा कि आप डॉक्टर द्वारा निर्धारित की गई खुराक का ही सेवन करें। डॉक्टर आपकी उम्र, मेडिकल कंडिशन और अन्य कारकों के अनुसार आपकी खुराक निर्धारित करेंगें।
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उपलब्धता
किन रूपों में उपलब्ध है बुरांश (Buransh) ?
बुरांश (Buransh) निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध है:
- बुरांश के फूल
- बुरांश की पत्तियां
- बुरांश के फूल का पाउडर
- बुरांश के फूल की पत्तियों का पाउडर
- बुरांश के फूलों का सिरप
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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