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ज्वार (Jowar) एक प्राचीन अनाज है, जिसमें काफी ज्यादा पौष्टिक तत्व हैं। इसका बोटेनिकल नाम सोरघम (Sorghum) है, जो कि पोएसी (Poaceae) फैमिली से ताल्लुक रखता है। यह दिखने में छोटा, गोल और आमतौर पर सफेद या पीले रंग का अनाज होता है।
ज्वार कई देशों में उगाया जाता है, जैसे- अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अन्य दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश। यह अनाज पश्चिम देशों में कम प्रचलित होने के बाद भी दुनिया का पांचवा सबसे ज्यादा उगाया जाने वाला अनाज है। जिसकी पैदावार हर साल 57.6 मिलियन टन के करीब होती है। यह एक पूर्ण अनाज है, जो कि कम नमी, धूप और विभिन्न प्रकार की मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है।
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ज्वार विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का अच्छा स्त्रोत है। इसकी वजह से यह शाकाहारी लोगों के लिए यह प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। यह कुछ खास प्रकार के कैंसर के खतरों को भी कम कर सकता है। साथ ही यह हृदय और मधुमेह रोगियों के लिए भी अच्छा विकल्प है। ज्वार बवासीर और घावों में लाभदायक है।
नॉर्थ अमेरिका में ज्वार ज्यादातर जानवरों के खाने और इथेनॉल ईंधन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, इसके काफी पौष्टिक तत्व होने की वजह से यह धीरे-धीरे वहां के लोगों के खाद्य पदार्थ का हिस्सा बनता जा रहा है। इसे किनोवा और चावल की तरह पकाया जा सकता है या फिर इसका इस्तेमाल आटे के रूप में या मक्का की तरह भूनकर भी किया जा सकता है। यह सिरप के रूप में भी पसंद किया जाता है, जो कि स्वीटनर का काम करता है। ज्वार एक ग्लूटेन-फ्री अनाज है, जिससे मधुमेह के रोगी भी आराम से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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इसका प्रयोग हम कई चिकित्सा स्थितियों में करते है, जिनमें शामिल हैः
ज्वार में काफी उच्च मात्रा में पोषण होने के बावजूद कमतर आंका जाता रहा है। आधा कप (96 ग्राम) कच्चे ज्वार में निम्नलिखित पौष्टिक तत्व होते हैः
ज्वार में विटामिन बी काफी उच्च मात्रा में मौजूद होता है, जो कि शरीर में सही मेटाबॉलिज्म, तंत्रिका विकास, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी होता है। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा होने की वजह से यह स्वस्थ दिल और मजबूत हड्डियों के लिए काफी लाभदायक है। इसमें प्रोटीन होने की वजह से, यह शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है।
96 ग्राम ज्वार में शरीर की दैनिक जरूरत का 20% फाइबर होता है, जो कि बल्ड शुगर लेवल को नियंत्रित रखता है और वजन बढ़ने से रोकता है।
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ज्वार का इस्तेमाल करने से पहले निम्नलिखित स्थितियों में अपने चिकित्सक या फार्मसिस्ट या हर्बलिस्ट से परामर्श करें:
किसी भी अनाज या हर्बल सप्पलीमेंट के सेवन से होने वाले फायदे से पहले आपको उसके खतरों को समझ लेना चाहिए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने हर्बल एक्सपर्ट से बात कीजिए।
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ज्वार का सेवन करने से होने वाले साइड इफेक्ट के बारे में अभी और वैज्ञानिक शोध किए जाने की जरूरत है। इस कारण अभी यह बताना मुश्किल है कि इसके सेवन के बाद क्या-क्या दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। फिर भी,
हालांकि, हर किसी को इन साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन कुछ साइड इफेक्ट दूसरी तरह के भी हो सकते हैं, जो यहां नहीं बताए गए हैं। अगर आपके मन में साइड इफेक्ट को लेकर कोई चिंता है, तो कृपया अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।
यह आपकी मौजूदा दवाओं या मेडिकल कंडिसन्स पर असर डाल सकता है। उपयोग करने से पहले अपने हर्बलिस्ट, फार्मसिस्ट या डॉक्टर से परामर्श करें।
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दी हुई जानकारी को किसी चिकित्सा सलाह के रूप में न देखें।
ज्वार के दानों की राख बनाकर मंजन करने से दांतों का हिलना, उनमें दर्द होना बंद हो जाता है तथा मसूड़ों की सूजन भी समाप्त हो जाती है।
ज्वार के कच्चे दाने पीसकर उसमें थोड़ा कत्था व चूना मिलाकर लगाने से चेहरे के मुंहासे दूर हो जाते हैं।
अगर गर्मी की वजह से शरीर में जलन है, तो ज्वार का आटा पानी में घोल लें, फिर उसका शरीर पर लेप करें।
यह पेट की जलन को मिटाता है। भुनी ज्वार बताशों के साथ खाने से पेट की जलन, अधिक प्यास लगना बंद हो जाते है।
इस हर्बल सप्लीमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग-अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों पर निर्भर करती है। हर्बल हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। कृपया अपने उचित खुराक के लिए अपने हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
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