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पीला डॉक के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Yellow Dock

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/10/2020

पीला डॉक के फायदे एवं नुकसान – Health Benefits of Yellow Dock

परिचय

पीला डॉक (Yellow-dock) क्या है?

पीला डॉक एक औषधि है। इसकी पत्तियों के डंठल का इस्तेमाल सलाद के रूप में किया जाता है। वहीं, पीला डॉक की जड़ों का इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है। इसका साइंटिफिक नाम Rumex Crispus है। यह उत्तरी अमेरिका में कई स्थानों पर पाया जाता है। इस औषधि का इस्तेमाल नाक मार्ग और श्वसन मार्ग में होने वाली दर्द और सूजन के उपचार के लिए किया जाता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल विभिन्न तरह के टॉनिक बानने के लिए किया जाता है। साथ ही, यह बैक्टीरिया के संक्रमण और यौन संचारित रोगों के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

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उपयोग

पीला डॉक (Yellow-dock) का इस्तेमाल किस लिए होता है?

पीला डॉक का इस्तेमाल निम्नलिखित परिस्थितियों में होता है:

शरीर से विषाक्त पदार्थों की सफाई करना

पीले डॉक के इस्तेमाल से आप अपने शरीर के कई जरूरी अंगों की सफाई कर सकते हैं। इसके सेवन से लिवर, किडनी, पित्ताशय, मूत्राशय और आंतों के विषाक्त पदार्थों को आसानी से साफ किया जा सकता है। इन अंगों की सफाई करने के साथ ही यह मूत्र के प्रवाह को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है। इस तरह यह एक मूत्रवर्धक के रूप में भी कार्य करता है।

पाचन क्रिया में सुधार करे

इसके सेवन से शरीर को अधिक पित्त का उत्पादन करने में मदद मिलती है और पित्त और अन्य पाचन रस के प्रवाह में सुधार होता है। जो आंतों में जलन और सूजन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। यह पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

रक्त विकारों में सुधार करे

अगर खून से जुड़ी कोई समस्या है, तो इसके सेवन से राहत पाई जा सकती है। इसके सेवन से शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ती है। जो रक्त विकारों और उनके फेफड़ों में रक्तस्राव के इलाज के लिए उपयोगी हो सकता है।

त्वचा रोग दूर करे

त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं, जैसे कोई घाव, सूजन, फोड़े, कटने के निशान, मुंहासे और एक्जिमा जैसी समस्याओं को दूर करने में भी यह काफी लाभकारी साबित हो सकता है।

इसके अलावा, आप अपने डॉक्टर की सलाह पर निम्न स्थितियों के उपचार के लिए भी इसका सेवन कर सकते हैं, जिसमें शामिल हैंः

पीला डॉक को अन्य दिक्कतों में इस्तेमाल करने की सलाह दी जा सकती है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।

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यह कैसे कार्य करता है?

यह औषधि कैसे कार्य करती है, इस संबंध में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें। हालांकि, ऐसे कुछ शोध उपलब्ध हैं, जिनमें बताया गया है कि पीला डॉक में एंथ्राक्विनोन्स (Anthraquinones) नामक कैमिकल्स होते हैं। यह कैमिकल्स लेक्सेटिव स्टिमुलेंट के तौर पर कार्य करते हैं।

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सावधानियां और चेतावनी

पीला डॉक (Yellow Dock) को इस्तेमाल करने से पहले मुझे क्या जानना चाहिए?

निम्नलिखित परिस्थितियों में इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें:

  • यदि आप प्रेग्नेंट या ब्रेस्टफीडिंग करा रही हैं। दोनों ही स्थितियों में सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही दवा खानी चाहिए।
  • यदि आप अन्य दवाइयां ले रही हैं। इसमें डॉक्टर की लिखी हुई और गैर लिखी हुई दवाइयां शामिल हैं, जो मार्केट में बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के खरीद के लिए उपलब्ध हैं।
  • यदि आपको पीला डॉक के किसी पदार्थ से एलर्जी है या अन्य दवा या औषधि से एलर्जी है।
  • यदि आपको कोई बीमारी, डिसऑर्डर या कोई अन्य मेडिकल कंडिशन जैसे खून के थक्के बनना, एलर्जी, गेस्ट्रोनटेस्टिनल (Gastrointestinal) ब्लॉकेज, पेट या आंत का अल्सर और गुर्दे की समस्या है।
  • यदि आपको फूड, डाई, प्रिजर्वेटिव्स या जानवरों से अन्य प्रकार की एलर्जी है।

अन्य दवाइयों के मुकाबले आयुर्वेदिक औषधियों के संबंध में रेग्युलेटरी नियम अधिक सख्त नही हैं। इनकी सुरक्षा का आंकलन करने के लिए अतिरिक्त अध्ययनों की आवश्यकता है। पीला डॉक का इस्तेमाल करने से पहले इसके खतरों की तुलना इसके फायदों से जरूर की जानी चाहिए। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने हर्बालिस्ट या डॉक्टर से सलाह लें।

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पीला डॉक (Yellow Dock) कितना सुरक्षित है?

प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग: प्रेग्नेंसी या ब्रेस्टफीडिंग में मौखिक रूप से पीला डॉक का सेवन असुरक्षित हो सकता है। यह लेक्सेटिव प्रभाव के तौर पर कार्य करता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान सही नही है।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसमें मौजूद लेक्सेटिव प्रभाव वाले कैमिकल्स शिशु की बॉडी में प्रवेश कर सकते हैं।

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साइड इफेक्ट

पीला डॉक (Yellow Dock) से मुझे क्या साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?

पीला डॉक से डायरिया, उबकाई, पेट में ऐंठन, अधिक यूरिन आना, त्वचा में जलन, ब्लड में पोटेशियम और कैल्शियम का स्तर घटना और कुछ लोगों की त्वचा में जलन होना। इससे उल्टी, दिल की समस्या, सांस लेने में परेशानी और मृत्यु जैसे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।

हालांकि, हर व्यक्ति को यह साइड इफेक्ट्स नहीं होता है। उपरोक्त दुष्प्रभाव के अलावा भी पीला डॉक के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, जिन्हें ऊपर सूचीबद्ध नहीं किया गया है। यदि आप इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।

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इंटरैक्शन

पीला डॉक (Yellow Dock) से मुझे क्या रिएक्शन हो सकते हैं?

पीला डॉक आपकी मौजूदा दवाइयों के साथ रिएक्शन कर सकता है या दवा का कार्य करने का तरीका परिवर्तित हो सकता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क करें।

निम्नलिखत दवाइयों के साथ पीला डॉक रिएक्शन कर सकता है:

डाइगोक्सिन (Digoxin): पीला डॉक लेक्सेटिव स्टिमुलेंट प्रभाव वाला होता है। स्टिमुलेंट लेक्सेटिव बॉडी में पोटैशियम के स्तर को कम कर सकते हैं। पोटैशियम का स्तर घटने से डाइगोक्सिन (Lanoxin) के साइड इफेक्ट्स का खतरा बढ़ जाता है।

वॉटर पिल्स ‘ड्यूरेटिक ड्रग्स’ (Diuretic Drugs): ड्यूरेटिक दवाइयों के साथ पीला डॉक का सेवन करने से बॉडी में पोटैशियम का स्तर और कम हो सकता है। क्लोरोथिजाइड (ड्यूरिल) Chlorothiazide (Diuril), क्लोरथालाइडोन (थालिटोन) Chlorthalidone (Thalitone), फुरोसेमाइड (लेसिक्स) furosemide (Lasix), हाइड्रोक्लोरोथाइजाइड (एचसीटीजेड, हाइड्रोड्यूरिल, माइक्रोजाइड) Hydrochlorothiazide (HCTZ, Hydrodiuril, Microzide) और अन्य ड्यूरेटिक ड्रग्स के साथ इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

वारफारिन (Warfarin): पीला डॉक लेक्सेटिव के रूप में कार्य करता है। कुछ मामलों में इससे डायरिया हो सकता है। डायरिया से वारफारिन का प्रभाव बढ़ सकता है, जिससे ब्लीडिंग का खतरा रहता है।

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डोसेज

उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। इसका इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या हर्बलिस्ट से सलाह लें।

पीला डॉक (Yellow Dock) का सामान्य डोज क्या है?

पीला डॉक का सामान्य डोज निम्नलिखित है:

पीला डॉक की जड़ों की चाय

लगभग दो कप पानी में एक या दो चम्मच इसकी जड़ों को उबालें और सामान्य रूप से दिन में तीन बार लें।

पीला डॉक की जड़ों का घोल

दिन में तीन बार दो चम्मच इसके घोल का सेवन करने की सलाह दी जाती है।

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पीला डॉक की जड़ों का सीरप

अपर रेस्पिरेटरी की समस्याओं (Upper Respiratory Disorders) में राहत पाने के लिए एक बार में एक चम्मच लेवन करने की सलाह दी जाती है।

पीला डॉक का लेप

इसकी पत्तियों को भाप दें और इसके बाद सीधे ही प्रभावित हिस्से पर लगाएं।

हर मरीज के मामले में आयुर्वेदिक औषधियों का डोज अलग हो सकता है। जो डोज आप ले रहे हैं वो आपकी उम्र, हेल्थ और दूसरे अन्य कारकों पर निर्भर करता है। औषधियां हमेशा ही सुरक्षित नहीं होती हैं। पीला डॉक के उपयुक्त डोज के लिए अपने डॉक्टर या हर्बालिस्ट से सलाह लें।

पीला डॉक (Yellow Dock) किन रूपों में आता है?

पीला डॉक निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकता है:

  • चाय
  • घोल
  • सिरप
  • लेप/ क्रीम/ मलहम

इससे जुड़ी आधिक जानकारी के लिए आप अपने हर्बलिस्ट से परामर्श कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/10/2020

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