के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
क्षीर चम्पा एक फूल का पौधा है जिसमें औषधीय गुण पाए जाते हैं। सामान्य तौर पर लोग इसे चंपा, चम्पा, चम्पक या चमेली के नामों से जानते हैं। इसे अंग्रेजी में प्लमेरिया (Plumeria) कहते हैं। यह मैगनोलिएसी (Magnoliaceae) परिवार से संबंध रखता है। इसके अलावा इसे गुलचीन भी कहते हैं। इसके फूल की खासियत है कि यह बारहमासी खिलते हैं। इसके फूल बाहर की तरफ से सफेद रंग के और अंदर की तरफ से हल्के पीले रंग के हो सकते हैं।
क्षीर चम्पा का पौधा दक्षिण- पूर्व एशिया के देशों यानी चीन, मलेशिया, सुमात्रा, जावा और भारत में प्राकृतिक रूप से पाया जा सकता है। हालांकि, इसकी मूल उत्पत्ति का स्थान भारत में पूर्वी हिमालय के साथ-साथ अन्य पड़ोसी देशों को माना जाता है। इसके अलावा निकारगोवा और लाओस देशों का ये राष्ट्रीय फूल भी घोषित किया गया है।
वहीं, इसके फूलों के आधार पर इसकी दो मुख्य प्रजातियां पाई जा सकती हैं, जिनमें शामिल हैंः
इसकी पंखुड़ियां लंबी और नुकीली होती हैं। इसकी प्रमुख चार प्रजातियां होती हैं, जिनमें शामिल हैंः
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इसकी पंखुड़ियां चौड़ी और गोल होती हैं। मुख्य रूप से इसकी पांच से छह प्रकार पाए जा सकते हैं, जिसमें से चार सबसे अधिक पाए जा सकते हैं। इनमें शामिल हैंः
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इसका वानस्पतिक नाम मैगनोलिया चम्पक या मिशेलिया चम्पक होता है। सफेद चंपा के तने की छाल का स्वाद कड़वा होता है, जो लैक्सिटिव, डायूरेटिक, सूजन, वात, बुखार, गोनोरिया और हर्पीस के उपचार में लाभकारी माना जा सकता है। छाल का उपयोग आंतरिक रूप से और बाह्य रूप से अल्सर के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। साथ ही, इसकों जड़ों में त्वचा से संबंधित परेशानियों को कम करने की क्षमता होती है। वहीं, इसके बीज का इस्तेमाल शरीर में खून को गाढ़ा करने नें मदद कर सकता है। इसके बीज में हेमोस्टेटिक गुण होते हैं।
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इसके अलावा, भारत में भी क्षीर चम्पा के मुख्य रूप से पांच प्रकार पाए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
इसके फूल पीले, सफेद और नारंगी रंग के हो सकते हैं जिनकी खुशबू बहुत तेज होती है। इसलिए इसका इस्तेमाल इत्र के रूप में भी किया जा सकता है। साथ ही, इसके तेल का इस्तेमाल शरीर की गर्मी दूर करने के लिए किया जा सकता है जो चंदन के तेलों से अधिक असरदार हो सकता है। निम्न स्थितियों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसेः
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नाग चम्पा के फूल पीले या गुलाबी रंग के हो सकते हैं। इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से भारत और नेपाल के कुछ हिन्दू और बौद्ध मठों में इत्र बनाने के लिए किया जाता है। जिसका इस्तेमाल अध्यात्मिक ध्यान को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है। साथ ही, यह मन को शांत कर सकता है। इसके फूल की पंखुड़ियां सांप के जैसे होती है, जिस वजह से इसे नाग चम्पा कहा जाता है।
इसमें विभिन्न रासायनिक घटक पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैंः
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कनक चम्पा के पत्तों का इस्तेमाल भोजन परोसने के लिए भी किया जा सकता है। इसके पत्ते 40 सेमी तक लम्बे होते हैं और इसकी दोगनी चौड़ाई के हो सकते हैं। इसका पेड़ 50 से 70 फिट ऊंचा हो सकता है। इसके फूल कलियों के अन्दर बंद होते हैं। इसकी कलियां पांच हिस्सों में बंटी होती हैं। जो एक छिले हुए केले की तरह दिखाई देती हैं।
हालांकि, इसका फूल सिर्फ एक दिन तक ही खिला रह सकता है और अगली सुबह होते ही ये पूरी तरह से मुरझा जाते हैं। इसके पत्ते और छाल का इस्तेमाल चेचक और खुजली की दवा बनाने में किया जाता है।
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सुल्तान चम्पा दक्षिणी भारत, पूर्वी अफ्रीका, मलेशिया और आस्ट्रेलिया के समुद्र तटीय क्षेत्रों में पाए जा सकते हैं। इनकी ऊंचाई 8 से 20 मीटर तक हो सकती है। इस पेड़ का इस्तेमाल विभिन्न तरह के तेल और साबुन बनाने में किया जा सकता है। इसको वात, पित, डायरिया और मूत्र जैसे कई रोगों के उपचार में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
कटहरी चम्पा को ही हरी चंपा कहते हैं। इसका पौधा क्षीर चम्पा की अन्य जातियों से काफी अलग होता है। हालांकि, इसका फूल क्षीर चम्पा की ही प्रजातियों से मिलता है लेकिन इसके फूल का रंग हरा होता है। इसका पेड़ झाड़ी जैसा होता है, जो तीन से लेकर पांच मीटर तक ऊंचा हो सकता है। इसके फूलों की खुशबू पके हुए कटहल के जैसी हो सकती है।
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क्षीर चम्पा के एक से अधिक प्रजातियां पाई जा सकती हैं। जिसका इस्तेमाल उनकी प्रजाति के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। मुख्य तौर पर, क्षीर चम्पा के पौधे अक्सर घर को सजाने, पार्किंग एरिया और गार्डन में पाए जा सकते हैं। इसके फूलों में भीनी-भीनी खूशबू होती है। क्षीर चम्पा के पौधे के पूरे भागों में सफेद रंग का दूध जैसा पदार्थ होता है। जो विषैला माना जाता है। अगर यह पदार्थ आंखों में चला जाए, तो इससे आंखों की रोशनी जा सकती है।
हालांकि, अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार में इस पदार्थ का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल आप एक एंटी इफ्लैमटोरी, एंटीपायरेटिक, मूत्रवर्धक, एमेनगॉग , फेब्रिफ्यूज,परगेटिव और रूबफासेंट के तौर पर कर सकते हैं।
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निम्न स्वास्थ्य स्थितियों में आपके डॉक्टर आपको क्षीर चम्पा के सेवन की सलाह दे सकते हैं, जिसमें शामिल हो सकते हैंः
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आप निम्न रूपों में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
इंडोनेशिया में किए गए एक शोध के मुताबिक, इसके छाल में साइटोटॉक्सिक घटक पाया जाता है जो कैंसर सेल्स को खत्म कर सकता है।
अध्ययनों के अनुसार इसके फूलों में खासतौर पर सफेद रंग के फूलों में बेंजिल सैलिसिलेट, बेंजिल बेंजोएट, ट्रांस-नेरोलिडोल, नारिल फेनिलसेट और लिननलोल की मात्रा होती है जिसका इस्तेमाल विभिन्न तरह के तेल बनाने के लिए किया जा सकता है।
इस जडी बूटी के एसेंशियल ऑयल से स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ होते हैं, जैसे कि –
त्वचा को स्वस्थ : यह एसेंशियल ऑयल एस्ट्रिंजेंट की तरह काम करता है। मसाज थेरेपी में स्किन को मॉइश्चराइज करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह तेल त्वचा को मुलायम रखता है और फटी और रूखी त्वचा को ठीक करता है।।
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जिन लोगों को बहुत तेज सिरदर्द होता है, उन्हें क्षीर चम्पा एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें एंटी इंफलामेट्री गुण होते हैं जो तेज सिरदर्द, मांसपेशिशें में दर्द और कमर दर्द को दूर करते हैं।
ये एसेंशियल ऑयल शरीर में स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है और मन और दिमाग को शांत रखता है। इसके शामक प्रभाव से अच्छी नींद आती है। यह मन को शांत करता है और तनाव से राहत प्रदान करता है।
क्षीर चम्पा एसेंशियल ऑयल एंटीऑक्सीडेंटस और एंटी इंफलामेट्री गुण होते हैं जो शरीर के सभी कार्यों को ठीक तरह से करने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से भी बचाते हैं और बीमारी पैदा करने वाले कीटाणुओं को शरीर से दूर करता है। बॉडी के लिए एंटीऑक्सीडेंट बहुत अच्छे और फायदेमंद होते हैं।
क्षीर चम्पा के विभिन्न प्रजातियों के फूलों, बीजों, पत्तियों और छालों में विभिन्न तरह के औषधीय गुण पाए जा सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
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क्षीर चम्पा की विभिन्न प्रजातियों के कई हिस्सों का इस्तेमाल एक औषधी के रूप में किया जा सकता है। जिसका औषधीय रूप में इस्तेमाल करना पूरी तरह से लाभकारी माना जा सकता है। हालांकि, इसके पौधे से बहने वाले सफेद पदार्थ को आंखों से दूर रखना चाहिए। इसका एसिड आंखों की रोशनी के लिए घातक साबित हो सकता है।
इसके अलावा, अगर आप किसी भी रूप में इसका सेवन करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें और अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्देशों के अनुसार ही इसका सेवन करें। साथ ही, ध्यान रखें कि, आपको इसके ओवरडोज की मात्रा से बचना चाहिए। उतनी ही खुराक का सेवन करें, जितना आपके डॉक्टर द्वारा निर्देशित किया गया हो।
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क्षीर चम्पा के विभिन्न प्रजातियों को मुख्य रूप से पाया जा सकता है। हालांकि, इसकी सभी प्रजातियों पर अभी भी उचित अध्ययन करने की आवश्यकता है। अगर इसका सेवन करने के दौरान आपको किसी तरह के साइड इफेक्ट्स दिखाई देते हैं, तो तुरंत इसका सेवन करना बंद करें और अपने डॉक्टर से परामर्श करें। साथ ही, निम्न स्थितियों के बारे में भी अपने डॉक्टर से बात करें अगरः
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क्षीर चम्पा का इस्तेमाल आप विभिन्न रूपों में कर सकते हैं। इसकी मात्रा आपके स्वास्थ्य स्थिति, उम्र और लिंग के आधार पर आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित की जा सकती है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
हालांकि, एक दिन में आप इसके अधिकतम खुराक का सेवन करते हैंः
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आयुर्वेद में क्षीर चंपा के विभिन्न रूपों का सेवन किया जा सकते है, जिसमें शामिल हैंः
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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