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हियरिंग एड कैसे करता है काम, जानिए इससे जुड़ी खास जानकारी!

हियरिंग एड कैसे करता है काम, जानिए इससे जुड़ी खास जानकारी!

कुछ लोगों में सुनने की क्षमता किसी कारण से पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाती है या फिर बहरेपन की समस्या होती है। इस कारण से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हियरिंग कैपेसिटी के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए ‘वर्ल्ड हियरिंग डे’ मनाया जाता है। वर्ल्ड हियरिंग डे (World Hearing Day ) 3 मार्च को सेलीब्रेट किया जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने साल 2021 की थीम ‘हियरिंग केयर फॉर ऑल ’ (Hearing care for all) रखी है। यानी सभी लोगों की सुनने की क्षमता की देखभाल की जा सके। लोगों को ईयर डिजीज और बहरेपन के बारे में बहुत कम जानकारी होती है। इसी उद्देश्य से इस साल लोगों को इन बीमारियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। सुनने की क्षमता खत्म होने से पहले अगर कान की बीमारियों का इलाज करा लिया जाए, तो हियरिंग लॉस को रोका जा सकता है। उम्र की सभी अवस्थाओं में गुड हियरिंग बहुत जरूरी होती है, वरना एक-दूसरे की बातों को समझना मुश्किल हो जाता है। अगर सुनने की क्षमता कम हो जाती है, तो कान की मशीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वर्ल्ड हियरिंग डे के मौके पर हम आपको हियरिंग एड के प्रकार के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जानिए कैसे हियरिंग एड अपना प्रभावी असर दिखाते हैं।

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हियरिंग एड (Hearing aids) कैसे करता है काम?

हियरिंग एड (Hearing aids)

सभी हियरिंग एड में बेसिक पार्ट्स होते हैं, जो वातावरण से आ रहे साउंड को कानों तक पहुंचाता है और फिर उन्हें लाउड कर देता है। ज्यादातर हियरिंग एड डिजिटल होते हैं और ट्रेडीशनल हियरिंग बैटरी या रीचार्जेबल बैटरी से काम करते हैं। कान की मशीन में लगा स्मॉल माइक्रोफोन वातावरण से आवजों को एकत्रित करता है। एप्लीफायर में लगी कम्प्यूटर चिप इनकमिंग साउंड को डिजिटल कोड में चेंज करती है। हियरिंग लॉस, सुनने की जरूरतों और आपके आस-पास के वातावरण से आ रही आवाजों के अकॉर्डिंग ही साउंड एडजस्ट होता है। एप्लीफाइड सिग्नल्स साउंड वेव में कंवर्ट हो जाते हैं और स्पीकर्स के माध्यम से कानों तक पहुंचते हैं।

हियरिंग एड के प्रकार (Hearing aids ke types) कितने होते हैं?

हियरिंग एड मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं। पहला एनालॉग हियरिंग एड, जो यह मशीन साउंड वेव्स को इलेक्ट्रिक सिग्नल में चेंज करता है। दूसरा डिजिटल हियरिंग एड, जो मशीन साउंड वेव्स को न्यूमेरिकल कोड्स में चेंज कर देता है। आपको जैसी समस्या है, उसी के अनुसार आपको कान की मशीन उपलब्ध हो जाएंगी। फीचर्स बढ़ने के साथ ही कान की मशीन के दाम भी बढ़ते जाते हैं। हियरिंग एड के कई स्टाइल मार्केट में उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधा के अनुसार इन्हें ले सकते हैं। बेहतर होगा कि आप इस बारे में डॉक्टर से एक बार परामर्श जरूर कर लें।

मिनी CIC (Completely in the canal)

हियरिंग एड (Hearing aids)

मिनी CIC हियरिंग एड ईयर कैनाल के अंदर फिट होता है। ये एडल्ट्स में माइल्ट से लेकर मोडरेट हियरिंग लॉस को इम्प्रूव करता है। ये बहुत छोटा होता है और हवा की आवाज को कम पिक करता है। साथ ही इसमें एक्ट्रा फीचर्स नहीं होते हैं। इसमें यूज होने वाली बैटरी भी बहुत छोटी होती है, जो जल्द खत्म भी हो सकती है।

इन द कैनाल (In the canal)

हियरिंग एड (Hearing aids)

इन द कैनाल (ITC) हियरिंग एड आंशिक रूप से ईयर कैनाल में फिट बैठता है। एडल्ट में ये माइल्ड टू मोडरेट हियरिंग लॉस को इम्प्रूव करती है। ये हियरिंग एड कानों के बाहर दिखता नहीं है। छोटे साइज के कारण इसे कानों में एडजस्ट करना मुश्किल हो सकता है। इसके स्पीकर को ईयरवैक्स संवेदशील बना सकता है।

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इन द ईयर (in-the-ear)

इन द ईयर हियरिंग एड (ITE) दो स्टाइल में तैयार किया गया है। पहला आपके आउटर ईयर के अधिकांश भाग को घेरने का काम करता है वहीं दूसरा निचले हिस्से यानी आउटर शेल को कवर करने का काम करता है। कम से अधिक हियरिंग लॉस के लिए ये कान की मशीन फायदा पहुंचाती है और इसमें डायरेक्शनल माइक्रोफोन भी होता है।

बिहाइंड द ईयर (Behind the ear)

हियरिंग एड (Hearing aids)

बिहाइंड द ईयर (BTE) हियरिंग एड कान के पीछे लगाया जाता है और इसमें एक ट्यूब फिट होती है, जो ईयर कैनाल तक जाती है। किसी भी तरह के हियरिंग लॉस के लिए बिहाइंड द ईय हियरिंग एड बेहतर रहता है। इसमें डायरेक्शनल माइक्रोफोन होता है और ये ज्याद विंड साउंड को पिकअप करता है। इसके साथ रिचार्जेबल बैटरी भी उपलब्ध रहती है।

रिसीवर इन कैनाल (RIC) या रिसीवर इन द ईयर (RITE)

हियरिंग एड (Hearing aids)

रिसीवर इन कैनाल या रिसीवर इन द ईयर बिहाइंड द ईयर के समान ही काम करता है। इसमें एक छोटा वायर होता है, जो स्पीकर या रिसीवर से जुड़ा होता है। ये ईयर पोर्शन में कम दिखाई पड़ता है। साथ ही इसमें डायरेक्शनल माइक्रोफोन होता है। मैनुअल कंट्रोल का ऑप्शन भी इसमें उपलब्ध होता है। रिचार्जेबल बैटरी के साथ मिलने वाला ये हियरिंग एड ईयरवैक्स के प्रति संवेदनशील होता है।

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हियरिंग एड या कान की मशीन खरीदने से पहले जरूर पूछें ये बातें

हियरिंग एड के फीचर्स के अनुसार ही इनके दाम भी अलग होते है। आपकी समस्या के अनुसार हियरिंग एड आपको आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। अगर आपको पता है कि कौन-सी कान की मशीन बेस्ट है, तो आपको खरीदने से पहले दिए गए प्रश्न जरूर पूछने चाहिए।

  • कौन से फीचर्स मेरे लिए उपयोगी हैं और कौन-से नहीं।
  • हियरिंग एड की लागत कितनी है और क्या इसमें मुझे नए फीचर्स मिलेंगे?
  • क्या ट्रायल पीरियड्स के लिए कान की मशीन उपलब्ध हैं? अगर ‘हां’ तो मुझे कितने रूपय देने होंगे। समय पर न लौटाने पर कितने रुपय कट जाएंगे?
  • हियरिंग एड की वारंटी कितनी है और क्या इसे बढ़ाया जा सकता है।
  • अगर मुझे कान की मशीन में किसी तरह की समस्या आती है, तो रिपेयर के लिए मुझे इसे किसे देना चाहिए?

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कौन सा हियरिंग एड बेहतर है?

ये बात निर्भर करती है कि आपको किस तरह का हियरिंग लॉस है। अगर आपके दोनों कानों में हियरिंग लॉस है, तो आपको दो हियरिंग एड की जरूरत पड़ेगी। दोनों कानों में हियरिंग एड पहनने से ब्रेन को नैचुरल सिग्नल मिलेंगे और साथ ही ये भी आसानी से पता चल सकेगा कि आखिर आवाज कहां से आ रही हैं। आपको इस बारे में ऑडियोलॉजिस्ट (audiologist) से बात करनी चाहिए कि कौन सा हियरिंग एड आपके लिए बेहतर रहेगा। मंहगे हियरिंग एड में फीचर्स अधिक होते हैं। अगर आपको अधिक फीचर्स की जरूरत है, तो सस्ते हियरिंग एड न लें। एक बात का ध्यान रखें कि सिर्फ कम पैसे के चक्कर में अच्छा हियरिंग एड मिस न करें। आप चाहे तो इस बारे में डॉक्टर से भी सलाह कर सकते हैं।

हियरिंग एड की ऐसे करें केयर

कान की मशीन या हियरिंग एड को नहाते समय उतार कर रख दें। गीला होने या फिर मॉइश्चर होने पर मशीन खराब हो सकती है। बेहतर होगा कि आप मशीन को हीट से भी दूर रखें। ऑयलिंग करते समय भी आप मशीन को कुछ देर के लिए हटा सकते हैं। जब कान की मशीन यूज न करनी हो, तो आप उसे बंद कर दें ताकि बैटरी ज्यादा न खर्च हो। अगर बैटरी खत्म हो गई हो, तो उसे समय पर चेंज करा लें।

आपने ये तो जान ही लिया है कि कान की मशीन के मार्केट में बहुत से स्टाइल मौजूद हैं। अगर आप जानकार या एक्सपर्ट से सलाह के बाद हियरिंग एड खरीदते हैं, तो आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। कान की मशीन को खरीदने से पहले जानकारी जरूर जुटाएं। साथ ही उसकी खामियों के बारे में भी जान लें। कान की मशीन को हमेशा संभाल कर रखें और बच्चों की पहुंच से दूर रखें। हम उम्मीद करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा और आपको इस आर्टिकल के माध्यम से हियरिंग एड के बारे में जानकारी मिल गई होगी। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Hearing aids: How to choose the right one – https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/hearing-loss/in-depth/hearing-aids/art-20044116 -Accessed on 02/03/2020

Hearing Aids – https://www.nidcd.nih.gov/health/hearing-aids – Accessed on 02/03/2020

HEARING AIDS MAY PROTECT YOUR THINKING ABILITY – https://www.futurity.org/hearing-aid-cognitive-decline-2291762/ – Accessed on 02/03/2020

What is a hearing aid? – https://www.hearinglink.org/your-hearing/what-is-a-hearing-aid/ -Accessed on 02/03/2020

Celebrating World Hearing Day https://www.who.int/news-room/events/detail/2021/03/03/default-calendar/world-hearing-day-2021-hearing-care-for-all– Accessed on 02/03/2020

Guidelines to prescribe BTE hearing aids under National Program on
Prevention and Control of Deafness (NPPCD), Government of India/https://main.mohfw.gov.in/sites/default/files/2489679489nppcd7.pdf/Accessed on 02/03/2020

Current Version

02/03/2022

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 02/03/2022

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