स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) क्या है ?
गले में स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के इंफेक्शन की वजह से स्ट्रेप थ्रोट होता है। वायरल थ्रोट इंफेक्शन की तुलना में स्ट्रेप थ्रोट इंफेक्शन ज्यादा परेशानी पैदा करता है। अगर स्ट्रेप थ्रोट का इलजा नहीं किया गया तो परेशानी बढ़ सकती है और इससे रूमेटिक फीवर (rheumatic fever) होने का खतरा बना रहता है।
कितना सामान्य है स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat)?
5 से 15 वर्ष के लोगों में स्ट्रेप थ्रोट का खतरा ज्यादा होता है। लक्षणों को समझकर इससे बचा जा सकता है।
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जानिए इसके लक्षण
स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) के लक्षण क्या हैं ?
स्ट्रेप जर्म्स के संपर्क में आने के 2 से 5 दिनों के बाद लक्षण नजर आते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:
- गले में दर्द या खाना खाने में परेशानी महसूस होना।
- बुखार आना।
- सिरदर्द होना।
- लाल रैशेज पड़ना
- पेट दर्द होना।
- भूख नहीं लगना और मतली आना।
- मसल्स में दर्द होना।
- जोड़ों में खिंचाव महसूस होना।
- पैर की अंगुलियों में सूजन आना या सफेद धब्बा होना या पस आना।
- मुंह पर छोटे-छोटे लाल दानों का होना।
- गले के लिम्फ ग्लैंड में सूजन आना या कड़ा होना।
- इन लक्षणों के अलावा और भी लक्षण हो सकते हैं।
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डॉक्टर से कब संपर्क करना चाहिए ?
निम्लिखित लक्षण नजर आने या महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:
- गले में परेशानी महसूस होना।
- सूजन होना या लिम्फ ग्लैंड (नॉड्स) में सूजन होना।
- 48 घंटे से ज्यादा गले में परेशानी महसूस होना।
- बच्चों में बुखार आना या 2 दिनों से ज्यादा बुखार रहना।
- सांस लेने में परेशानी होना।
- खाने-पीने में परेशानी होना।
- गले में रैशेज होना
- यूरिन के रंग में बदलाव होना (Cola-colored)।
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जानिए इसके कारण
किन कारणों से होता है स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat)?
स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया या इसके ग्रुप के इंफेक्शन की वजह से स्ट्रेप थ्रोट इंफेक्शन होता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं:
- ऐसे लोगों के संपर्क में आना जिनको जुकाम हो।
- एक दूसरे का जूठा खाना-पीना खाना।
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना।
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स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) जटिलताएं क्या हैं?
स्ट्रेप थ्रोट की समस्या कोई गंभीर शारीरिक परेशानी या बीमारी नहीं है, लेकिन अगर कुछ बातों जैसे अगर इसके लक्षणों को नजअंदाज किया जाए, तो पेशेंट्स की तकलीफ बढ़ सकती है। अगर यह तकलीफ बढ़ती है, तो निम्नलिखित शारीरिक अंगों में इंफेक्शन फैलने का खतरा बना रहता है। जैसे:
- टॉन्सिल
- कान
- ब्लड
- साइनस
- स्किन
इन ऊपर बताये बॉडी ऑर्गेन में इंफेक्शन फैलने से पेशेंट्स की परेशानी बढ़ सकती है। इसलिए शुरुआती लक्षणों को ही समझकर इलाज शुरू करवाएं।
जानिए जोखिम कारक
किन कारणों से बढ़ सकती है स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) की समस्या ?
- उम्र: 5 से 15 वर्ष के लोगों में इसका खतरा ज्यादा होता है।
- समय: वैसे तो स्ट्रेप थ्रोट कभी भी हो सकता है लेकिन, वसंत के मौसम में इसका खतरा ज्यादा रहता है।
- इम्यून सिस्टम कमजोर होना।
वैसे इन कारणों के अलावा अन्य कारण भी हो सकते हैं।
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निदान और उपचार
दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने चिकित्सक से संपर्क करें और सलाह लें।
स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) का निदान कैसे किया जाता है ?
लक्षणों के आधार पर, शारीरिक जांच और टेस्ट के माध्यम से स्ट्रेप थ्रोट का निदान किया जाता है। यह डॉक्टर तय करते हैं कि पेशेंट को कौन सा टेस्ट करवाना है:
- थ्रोट कल्चर: इससे बैक्टीरिया की जांच की जाती है।
- रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाने की सलाह डॉकटर पेशेंट को दे सकते हैं।
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स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) का इलाज कैसे किया जाता है ?
वैसे लोग जिनमें इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है, उन्हें एंटीबायोटिक दी जाती है। पेशेंट पेनिसिलिन भी खा सकते हैं। वैसे पेशेंट, जिन्हें पेनिसिलिन से एलर्जी है वे अन्य दवओं का सेवन कर सकते हैं। बच्चों को एमोक्सीस्लिन सस्पेंशन दी जा सकती है। इसका स्वाद बच्चों को पसंद आ सकता है। दर्द और बुखार कम करने के लिए आईबूप्रोफेन और एसिटामिनोफेन लिया जा सकता है। रे सिंड्रोम (Reye’s syndrome) के खतरे से बचने के लिए बच्चों को एस्पिरिन दी जा सकती है। इनसब के साथ आराम करना, बहुत सारा पानी पीना, पौष्टिक आहार, गर्म नमक के पानी से गरारे करना, ह्यूमिडिफायर का उपयोग करना, और सिगरेट के धुएं से बचना लोगों को बेहतर महसूस कराने में मदद कर सकता है।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
निम्नलिखित टिप्स अपनाकर स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) से बचा जा सकता है:
- इंफेक्शन से बचने के लिए हाथ धोना चाहिए। कुछ भी खाने से पहले हाथ अवश्य धोएं।
- डॉक्टर द्वारा दिए गए एंटीबायोटिक दवाओं का कोर्स पूरा करें। अपनी मर्जी से दवा खाना बंद नहीं करें।
- स्ट्रेप थ्रोट इंफेक्शन (Strep Throat Infection)पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आएं या उनका जूठा खाद्य पदार्थ न खाएं।
- सूप, पका हुआ खाना, उबले हुए आलू और योगर्ट का सेवन किया जा सकता है।
- अगर आप खुद बीमार हैं, तो किसी के मुंह पर नहीं खासें और न ही छीकें।
स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं, लेकिन डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लें।
- लहसुन स्ट्रेप थ्रोट में बेहद फायदेमंद होता है। ये इन्फेक्शन के बैक्टीरिया को मारता है और गले की सुजन को कम करता है। इसके लिए लहसुन की कली को छीलकर हल्के -हल्के दांत से दबाकर चूसिये, जिससे लहसुन का रस धीरे -धीरे गले में जाता रहेगा और इससे आराम मिलता जायेगा।
- स्टीम गले की खराश में बहुत आराम देती है दरअसल कभी -कभी इंफेक्शन में गले के सूख जाने से खराश हो जाती है ऐसे में भाप लेने से खुश्की कम होती है। स्ट्रेप थ्रोट दूर करने के लिए एक बर्तन में गर्म पानी लें और किसी मोटे तौलिये से मुंह को ढक के बर्तन के ऊपर से भाप लें।
- अदरक और शहद दोनों में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कि स्ट्रेप थ्रोट में फायदा करते हैं। इस्तेमाल के लिए 1 कप पानी लेकर उसमे अदरक को अच्छे से उबाल लें फिर इसे छानकर हल्का ठंडा होने दें जितना आप आराम से पी सकें , फिर इसमें 1 टेबल स्पून शहद मिलाकर पी लें। जल्द आराम पाने के लिए दिन में कम से कम 3 बार इसे जरूर पिएं।
इस आर्टिकल में हमने आपको स्ट्रेप थ्रोट (Strep Throat) से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।