परिचय
हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) क्या है?
हाइपरवेंटिलेशन एक ऐसी बीमारी है जिसमें मरीज की सांसें बहुत तेजी से चलने लगती हैं यानी हार्ट बीट बढ़ जाती है। स्वस्थ श्वास के लिए हमारा ऑक्सिजन लेना और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने के बीच एक संतुलन होना जरूरी है। जब आप अधिक श्वास छोड़ते हैं तब आप इस संतुलन को बिगाड़ देते हैं। इससे शरीर में कार्बन डाइऑक्साइड की तेजी से कमी होती है। कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर कम होने से मस्तिष्क में रक्त पहुंचाने वाली वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। मस्तिष्क में रक्त न पहुंचने से उंगलियों में झुनझुनी की समस्या जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर हाइपरवेंटिलेशन होने पर आपको बेहोशी आ सकती है।
कितना सामान्य है हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation)?
हाइपरवेंटिलेशन एब दुर्लभ और गंभीर बीमारी है। यह केवल भय, तनाव या किसी फोबिया के होने पर होती है। कुछ में यह स्थिति भावनात्मक विकार जैसे तनाव (Tension), अवसाद (Depression), चिंता या क्रोध (Anger) की प्रतिक्रिया के रूप में भी दिखाई देती है। जब हाइपरवेंटिलेशन लगातार होता है, तो इसे हाइपरवेंटिलेशन सिंड्रोम के रूप में भी जाना जाता है। इस तरह की समस्या हो अनदेखा न करें या उसे टाले न। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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लक्षण
हाइपरवेंटिलेशन के सामान्य लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Hyperventilation)
हाइपरवेंटिलेशन एक गंभीर बीमारी हो सकती है। इसका असर 20 से 30 मिनट तक रह सकता है। निम्नलिखित लक्षण होने पर आपको हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) का शिकायत होती है, इसलिए इनके हाेने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- पहली बार जब तेज और गहरी सांस लेने का अनुभव हो।
- दर्द हाेना
- बुखार रहना
- खून निकलना
- चिंता, घबराहट या तनाव महसूस करना
- दिल की धड़कन (Heart beat) तेज होना
- हाथ, पैर या मुंह के आसपास सुन्नपन या झुनझुनी होना
- सीने में जकड़न, दबाव, या दर्द महसूस होना
- चक्कर आना
हाइपरवेंटिलेशन के कुछ अन्य लक्षण भी हैं—
- सिरदर्द
- गैस बनना या बार—बार डकार आना
- बहुत पसीना आना
- देखने में समस्या होना
- याददाश्त (Memory) कमजोर होना
- बेहोशी होना
यह सिंड्रोम अच्छी तरह से समझा नहीं गया है। इसे अक्सर अस्थमा भी समझ लिया जाता है जो कि गलत है।
मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
दिए गए लक्षणों में अगर कुछ भी आपको अनुभव हो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। शरीर के हिसाब से डॉक्टर आपको इलाज के बारे में बताएंगे।
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कारण
हाइपरवेंटिलेशन के कारण क्या हैं? (Cause of Hyperventilation)
कई कारक हैं जो हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) को जन्म दे सकते हैं। यह स्थिति सबसे अधिक चिंता, घबराहट या तनाव से उत्पन्न होती है। यह अक्सर पैनिक अटैक का रूप ले लेता है। इन कारणों से होता है हाइपरवेंटिलेशन, उत्तेजक पदार्थों का उपयोग
- ड्रग (Drug) का ओवरडोज लेना
- गंभीर दर्द महसूस होना
- गर्भावस्था (Pregnancy) के दाैरान दिक्कत
- फेफड़ों में संक्रमण होना
- फेफड़ों के रोग, जैसे कि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) या अस्थमा
- दिल का दौरा पड़ना
- मधुमेह (Diabetes) की समस्या
- सिर की कोई गंभीर चोट
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जोखिम
कैसी स्थितियां हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
सही समय पर इलाज ना मिलने से हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) जैसी बीमारी बढ़ सकती है। इसके अलावा इस बारे में अपने डॉक्टर से बात कर सकते हैं।
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निदान और उपचार
हाइपरवेंटिलेशन (Hyperventilation) का निदान कैसे किया जाता है?
इस तरह की समस्या होने पर डॉक्टर रोगी की सांस की जांच करेगा। यदि आपके चिकित्सक समस्या ज्यादा गंभीर नहीं दिखती है तो वह आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेगा और शारीरिक परीक्षण करेगा। जांच के हिसाब से ही डॉक्टर आगे का इलाज करता है। डॉक्टर हाइपरवेंटिलेशन पैदा करने वाले अन्य कारणों को खत्म करने की कोशिश करता है। आपके निम्लिखित टेस्ट हो सकते हैं—
- ब्लड सैंपल
- अन्य ब्लड टेस्ट (Blood test)
- सीने का एक्स-रे (X-ray)
- सीने का सीटी स्कैन
- ईसीजी (ECG)
हाइपरवेंटिलेशन का इलाज कैसे होता है? (Treatment for Hyperventilation)
हाइपरवेंटिलेशन का इलाज घर पर ही हो सकता है। आप ये तरीके अपना सकते हैं, जैसे-
- मुंह के माध्यम से सांस लें
- एक पेपर बैग में धीरे-धीरे सांस लेना शुरू करें
- नाक की जग मुंह से सांस लें
- एक बार में अपनी सांस 10 से 15 सेकंड तक रोककर रखें।
- इसके अलावा आप योगा की अनुलोम-विलोम की क्रिया को अपना सकते हैं। इसमें आप पहले बाएं नथुने को बंद कर दाएं से सांस लें फिर दाएं को बंद कर बाएं से सांस लें।
- रोज व्यायाम करने और तेज पैदल चलने से भी यह बीमारी ठीक हो सकती है।
- इसके अलावा स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करनी चाहिए।
- हाइपरवेंटिलेशन सिंड्रोम (Hyperventilation Syndrome) के लिए एक्यूपंक्चर भी एक प्रभावी उपचार हो सकता है। एक्यूपंक्चर प्राचीन चीनी चिकित्सा पर आधारित एक वैकल्पिक उपचार है। इसमें पतली सुइयों द्वारा इलाज होता है। एक प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया कि एक्यूपंक्चर ने चिंता और हाइपरवेंटिलेशन की गंभीरता को कम करने में मदद की है। इसके अलावा डॉक्टर जो दवाई दें, उसे लेते रहें।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव, जो मुझे हाइपरवेंटिलेशन की स्थिति को रोकने में मदद कर सकते हैं?
- हर रोज मेडिटेशन करें, जिससे स्ट्रेस और चिंता नहीं होगी।
- सांस लेने और छोड़ने का व्यायाम करें।
- शरीर का व्यायाम भी करें।
- हर दिन पैदल चलने की आदत डालें।
- समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहें।
अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो उसकी बेहतर समझ के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
यदि आप हाइपरवेंटिलेशन का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत अपने डाॅक्टर से संपर्क करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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