बड़े ब्रेस्ट के साथ स्तनपान से होता है ये फायदा भी
बड़े ब्रेस्ट में आमतौर पर सामान्य ब्रेस्ट से अधिक दूध रखने की क्षमता होती है। जिससे शिशु सामान्य से अधिक देर तक दूध पी सकता है। ऐसे में आपको ब्रेस्टफीडिंग का शेड्यूल बनाने की जरूरत है और यह समझने की जरूरत है कि बच्चा कब भूखा होता है। साथ ही इस बात को याद रखें कि एक बार यदि बच्चा ठीक से निप्पल पकड़ने लगता है तो वह आराम से दूध पी सकता है, चाहे ब्रेस्ट छोटा हो या बड़ा।
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बच्चे के वजन पर नजर रखें (Monitor the child weight)
बड़े ब्रेस्ट में जहां ज्यादा दूध रखने की क्षमता होती है, वहीं कई बार इसमें पर्याप्त मिल्क ना हो ऐसा भी हो सकता है और आपको तुरंत इस बात का पता नहीं चल पाएगा। इसलिए डॉक्टर के पास जाकर बच्चे का वजन नियमित रूप से चेक करती रहें। इससे पता चलेगा कि उसका वजन ठीक है या नहीं और कहीं वह ज्यादा या कम दूध तो नहीं पी रहा।
ब्रेस्ट में सूजन (Engorged Breasts)
कुछ मांओं के ब्रेस्ट प्रेग्नेंसी से पहले सामान्य या छोटे होते हैं। जबकि प्रेग्नेंसी के बाद उनके ब्रेस्ट बहुत ज्यादा सूज जाते हैं। इस स्थिति को इनगॉर्जड ब्रेस्ट (Engorged Breasts) कहते हैं। यह ब्रेस्ट मिल्क के अधिक निर्माण और सप्लाय के कारण हो सकते हैं। मां के लिए यह स्थिति बहुत पीड़ादायक होती है और इससे उन्हें दूध पिलाने में दिक्कत होती है। इस स्थिति का इलाज कराना बहुत जरूरी है क्योंकि बाद में गभीर समस्याएं हो सकती हैं।
ब्रेस्ट को सॉफ्ट रखें
बड़े ब्रेस्ट में मिल्क प्रोडक्शन अधिक होता है जिससे ब्रेस्ट सख्त हो जाते हैं, तब भी जब बच्चे के दूध पीने का समय नहीं होता। इसकी वजह से ब्रेस्ट बहुत हैवी और सख्त हो जाते हैं और मां को बहुत असहज महसूस होता है। ऐसे स्थिति में जब शिशु दूध पीने की कोशिश करता है तो स्तन सख्त होने की वजह से वह निप्पल को ठीक से पकड़ नहीं पाता। इसलिए जरूरी है कि मां अतिरिक्त दूध को हाथ या पंप की मदद से निकाल दें ताकि बच्चा आराम से दूध पी सके
आइने की मदद लें
शिशु को सही तरीके से दूध पिलाने के लिए सही और आरामदायक पोजिशन में बैठना बहुत जरूरी है। आप आइने की मदद ले सकती हैं। आइने में देखकर आपको पता चलेगा कि शिशु का मुंह निप्पल के पास है या नहीं और वह ठीक से फीड कर रहा है या नहीं। क्योंकि बड़े ब्रेस्ट की वजह से मां के लिए शिशु को सीधे देख पाना संभव नहीं होता है ऐसे में आइने से मदद मिलती है और इससे वह बच्चे की पोजिशन को भी ठीक रख सकती हैं।
ब्रेस्ट को C के शेप में पकड़ें
C होल्ड यानी ब्रेस्ट को इस तरह पकड़ना की अंग्रजी के c अक्षर का शेप बनें, इससे बच्चे को दूध पीने में आसानी होती है। इसमें हाथ से ब्रेस्ट को सपोर्ट दिया जाता है ताकि निप्पल सही तरीके से बच्चे के मुंह तक पहुंच सके।
सपोर्टिंग ब्रा (Supporting bra)

बड़े ब्रेस्ट हैवी हो जाते हैं जिसकी वजह से पीठ और गर्दन में दर्द हो सकता है, खासतौर पर जब आप ज्यादा देर तक स्तनपान कराती हैं। ऐसे में ब्रेस्ट को सपोर्ट देने के लिए अच्छी नर्सिंग ब्रा (Nurshing bra) खरीदें। इससे ब्रेस्ट को सपोर्ट मिलता है और ब्रेस्टफीडिंग भी आसान हो जाती है।
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