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बच्चे के लिए डे केयर चुनते समय रखें इन बातों का ध्यान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Shruthi Shridhar


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/06/2021

    बच्चे के लिए डे केयर चुनते समय रखें इन बातों का ध्यान

    आजकल अधिकतर  पैरेंट्स वर्किंग होते हैं। ऐसे में बच्चे की देखभाल कैसे हो ये एक बड़ी समस्या है। ऊपर से परिवार संयुक्त से एकाकी होने के कारण दादा-दादी भी बच्चे से अलग रह रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में मां के पास सिर्फ एक विकल्प बच्चे के लिए डे केयर (Day Care) ही बचता है। लेकिन, बच्चे के लिए डे केयर में बच्चे को भेजने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। 

    क्या है बच्चों के लिए डे केयर? (Day Care for Children)

    अक्सर जिन बच्चों के माता और पिता दोनों ही वर्किंग होते हैं। उन लोगों के पास अपने बच्चे को देने के लिए और उनकी देखरेख के लिए समय नहीं होता है। ऐसे माता-पिता अपने बच्चे की देखरेख के लिए उन्हें डे केयर सेंटर में रखते हैं। पैरेंट्स ऐसा इसलिए भी करते हैं कि बच्चे  स्कूल में बैठने की आदत सीख सके। जैसे हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं, वैसे ही डे केयर के भी दोनों पहलु हैं। इसलिए अपने बच्चे के लिए डे केयर सेंटर चुनते समय आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। डे केयर एक ऐसा सेंटर होता है, जहां छोटे बच्चों की देखभाल, खेलकूद जैसी एक्टीविटी कराई जाती है। इससे धीरे-धीरे बच्चों को घर से दूर कई घंटे रहने की आदत हो जाती है, जिससे वो आसानी से स्कूल भी जाने लगते हैं। 

    बच्चों को डे केयर में भेजने से पहले जान लें ये बातें (Know these things before sending children to day care)

    ऐसी बहुत-सी बातें हैं, जो बच्चों को डे केयर छोड़ने से पहले आपको जानने की आवश्यकता है। कुछ लोग डे केयर में अपने बच्चे को छोड़कर ऐसा महसूस करते हैं, जैसे वो बच्चे की जिम्मेदारी से कई घंटों के लिए मुक्त हो गए हैं। यदि आप भी ऐसा ही सोचते हैं, तो यह सही नहीं है। भले ही आप डे केयर सेंटर पर भरोसा कर रहे हों, लेकिन बावजूद इसके आपको बच्चे की सुरक्षा के बारे में सारी जानकारी रखने की आवश्यकता होती है। आपको अपने बच्चे की चिंता करना बंद नहीं करना चाहिए। यदि आप भी अपने बच्चे को डे केयर सेंटर में रखने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको नीचे लिखी इन बातों को ध्यान से पढ़ने और समझने की जरूरत है। आइए जानते हैं बच्चे को डे केयर में भेजने से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना है।

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    बच्चे की सुरक्षा सबसे अहम (Child safety most important)

    बच्चे की सुरक्षा पेरेंट्स के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती है। इसलिए बच्चे के लिए डे केयर में अपने बच्चे को भेजने से पहले जांच लें कि वह पूरी तरह से बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं। बस इस बात का ध्यान रहे  कि जिस डे-केयर में आप अपने बच्चे को भेज रहे हैं, तो उसके पास लीगल लाइसेंस है या नहीं। बच्चों के लिए डे केयर में सीसी टीवी कैमरे हैं या नहीं। ये सभी बातें ध्यान से जांच लें। यदि किसी डे केयर सेंटर में कैमरा नहीं लगा है, तो आपको उनसे इसकी मांग करनी चाहिए। सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे सेंटर में सीसीटीवी कैमरा होना बेहद आवश्यक है।

    अनुशासन का रखें ध्यान (Take care of discipline)

    बच्चे को अनुशासन सिखाने के लिए घर भी प्राइमरी शुरुवात हो सकती है। घर के अलावा अनुशासन स्कूल में भी सिखाया जा सकता है। लेकिन, फिलहाल अगल आपका बच्चा स्कूल नहीं जा रहा है तो आप उसे घर पर ही अनुशासन का पाठ पढ़ाती हैं। इसी तरह से बच्चे के लिए डे केयर भी बच्चे के लिए घर जैसा ही है। इसलिए आप बच्चे के लिए डे केयर के अनुशासन के बारे में जान लें। बच्चे के लिए डे केयर में जाने से बच्चा सुबह सही समय पर उठना सीख जाता है। नियमों का पालन करना उसके दिन का हिस्सा बन जाता है। जिसके कारण बच्चा अपना हर कार्य सही समय पर करना सीख जाता है। 

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    बच्चों के लिए डे केयर (Day care for children) हो ऑफिस के पास

    कोशिश करें कि बच्चे के लिए डे केयर आपके घर या ऑफिस के पास ही हो। नजदीक होने से जरूरत पड़ने पर आप पहुंच सकते हैं। इसके अलावा, अगर आपको दिन में समय मिले तो बच्चे से जा कर मिल भी सकते हैं।

    बच्चे को इमरजेंसी नंबर जरूर दे दें (Give the child an emergency number)

    बच्चों के लिए डे केयर सेंटर में अपने दो से तीन इमरजेंसी नंबर दे दें ताकि जरूरत पड़ने पर आपसे बच्चों के लिए डे केयर के लोग संपर्क कर सकें। साथ ही आप भी दो से तीन नंबर बच्चों के लिए डे केयर का ले लें।

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    डे केयर (Day Care) की पूरी दिनचर्या के बारे में जान लें

    बच्चों के लिए डे केयर में भेजने से पहले वहां की पूरी एक्टिविटी और दिनचर्या के बारे में जान लें। इसके साथ ही बच्चे को कैसा खाना व पानी दिया जाता है, इसकी भी जानकारी ले लें। खाने की गुणवत्ता की जांच करें। इसके साथ ही बच्चे को डे केयर में भेजने के बाद भी समय-समय पर चेक करते रहें।

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    प्रतिदिन बच्चे से बात करें (Talk with your child everyday)

    जब आप बच्चे को छोड़कर ऑफिस चले जाते हैं, उसके बाद भी डे केयर में फोन करें। अपने बच्चे से बात करें उससे जानने की कोशिश करें कि क्या आपके बच्चे ने खाना खाया? इस तरह प्रतिदिन अपने बच्चे को फोन करके उससे बात करें।

    बच्चों के लिए डे केयर (Day care for children) में प्रशिक्षित टीचर ही हों

    बच्चों के लिए डे केयर का चयन करने में वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों का अनुभव और शैक्षणिक अनुभव बहुत मायने रखता है। इस लिए टीचर्स के रिकॉर्ड के बारे में जानना बहुत महत्वपूर्ण होता है। टीचर्स ही हैं, जिनके ऊपर बच्चों के भविष्य का दारोमदार होता है। टीचर्स ही बच्चों के जीवन में अलग-अलग स्टेज में ढाल बनते हैं। घर के बाद स्कूल ही वह दूसरी जगह है, जहां बच्चा जाता है। टीचर्स उसे घर से दूर कंफर्टेबल रहने में मदद करते हैं। टीचर को इसकी समझ होनी चाहिए कि बच्चों को पेरेंट्स से दूर उसके अंदर अलग होने की एंग्जायटी को कैसे हैंडल करना है। टीचर को बच्चों को शांत रखने में, ज्यादा स्ट्रेस न लेने में एक्सपर्ट होना चाहिए, क्योंकि बच्चे इमोशनली बहुत ही नाज़ुक होते हैं।

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    बच्चों के लिए डे केयर (Day Care for children) में सिखाए जाने वाली एक्टिवटी के बारे में जानें

    बच्चों के लिए डे केयर का चयन करते समय उनका सिलेबस और करिकुलम होना भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वाति पोपट कहती हैं “पेरेंट्स को भी सिलेबस के असली मतलब को समझना बहुत जरुरी होता है। स्वाति आगे कहती हैं “ज्यादातर लोग सिलेबस को गलत समझते हैं। अधिकतर पेरेंट्स इसे केवल पढ़ाई- लिखाई से जोड़कर देखते हैं। जबकि उनका फोकस इस बात पर होना चाहिए कि स्कूल में बच्चे को क्या चीजें पढ़ाई जा रही हैं और किस तरीके से पढ़ाई जा रही है? पेरेंट्स का फोकस इस ओर ज्यादा होना चाहिए कि बच्चे कैसे और किस माहौल में पढ़ रहे हैं?” सिलेबस में डे केयर की फिलॉसफी दिखनी चाहिए। इसमें ये पता चलना चाहिए की स्कूल प्रोजेक्ट पर आधारित पाठ्यक्रम पर भरोसा करता है या खेले-खेल में बच्चों को पढ़ाया जाता है।”

    बच्चों के लिए डे केयर के मैनेंजमेंट के बारे में जान लें (Learn about managing day care for children)

    बच्चों के लिए डे केयर का चयन करते समय यह भी जानना जरूरी है कि स्कूल का मैनेजमेंट किन लोगों के हाथों में है? इसका मकसद यह समझना है कि अगर कोई शिक्षा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाला और दूसरा फोटोग्राफर स्कूल का मैनेजमेंट संभाल रहा है तो आपको पहले विकल्प पर जाना चाहिए। हो सकता है कि बिजनेसमैन के द्वारा चलाया जा रहा डे केयर पैसे कमाने के लिए क्वालिटी से समझौता करे। वहीं, अगर स्कूल किसी शिक्षक द्वारा चलाया जा रहा हो तो वह क्वालिटी को सबसे अधिक तवज्जो देगा। वहां सिलेबस सही बना रहता है और टीचर्स को ट्रेनिंग भी दी जाती है।

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    क्या डे केयर में बच्चे को भेजने से कोई समस्या हो सकती है? 

    यह बिल्कुल जरूरी नहीं है कि सभी केस में ऐसा हो, लेकिन कुछ रेयर मामलों में इसका इसका नुकसान हो सकता है। जब हम अपने छोटे से बच्चे को दिन भर के लिए डे केयर में छोड़कर चले जाते हैं, कई बार कुछ माता-पिता उन्हें दिन भर में एक फोन करके भी उनका हाल नहीं पूछते हैं। ऐसी स्थिति में आपके छोटे से बच्चे के दिमाग पर गलत प्रभाव पड़ता है। क्योंकि बच्चे बहुत सेंसटिव होते हैं, तो उन्हें प्यार की कमी महसूस होने लगती है। कई मामलों में बच्चे को आपसे दूर रहने की धीरे-धीरे आदत हो जाती है। कुछ गंभीर मामलों में बच्चों में इसका असर उनके बड़े होने के बाद दिखाई देता है। जब वो आपसे सवाल जवाब करने योग्य हो जाते हैं। ऐसे कई मामले हैं, जिसमें अत्यधिक व्यस्त रहने वाले माता-पिता के कारण बच्चे तनाव में रहने लगते हैं,  क्योंकि उन्हें प्यार और अपनेपन की कमी महसूस होने लगती है। डे केयर सेंटर में बच्चे को रखना एक सही निर्णय है, लेकिन इसके साथ आपको इन सभी बातों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।

    इस तरह से बच्चे के लिए आप सुरक्षित तरह से बच्चों के लिए डे केयर ढूंढ सकेंगे। साथ ही खुद भी फ्री माइंड हो कर काम पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने चाइल्ड काउंसलर से जरूर पूछ लें।

    डिस्क्लेमर

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    Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 29/06/2021

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