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टीनएजर्स के लिए लॉकडाउन टिप्स हैं बहुत फायदेमंद, जानिए क्या होना चाहिए पेरेंट्स का रोल ?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/07/2021

    टीनएजर्स के लिए लॉकडाउन टिप्स हैं बहुत फायदेमंद, जानिए क्या होना चाहिए पेरेंट्स का रोल ?

    कोरोना महामारी के तेजी से फैलने के कारण कुछ शहरों में लॉकडाउन अभी भी जारी है और कुछ शहरों में कई चीजें खुल भी चुकी हैं। ऐसे में स्कूल का फिर से खुलना या फिर कॉम्पिटीटिव एक्जाम की डेट का सभी टीनएजर्स वेट कर रहे हैं। जब तक हालात पूरी तरह से सुधर नहीं जाते हैं, तब तक टीनएजर्स का स्कूल या फिर कॉलेज जाना मुश्किल लग रहा है। फिलहाल तो ऑनलाइन क्लासेज (Online Classes) सभी की जारी हैं। घर में रहना है और खुद को संक्रमण से बचाना ही सभी की प्राथमिकता है। चूंकि टीनएजर्स के पास समय बहुत है, इसलिए समय को सही तरीके से यूटिलाइज करना भी बहुत जरूरी है। ये बहुत जरूरी है कि पेरेंट्स भी टीनएजर्स को कुछ नया सिखाने के लिए तैयार रहे। वैसे भी जब स्कूल या कॉलेज खुल जाएंगे, तब किसी के पास भी कुछ नया सीखने के लिए वक्त बहुत कम रहेगा। अगर आप भी टीनएजर्स के पेरेंट्स हैं तो बेहतर होगा कि ये आर्टिकल पढ़ें और जानें की घर में ऑनलाइन पढ़ाई (Online education) के साथ बच्चे और क्या नया कर सकते हैं। जानें टीनएजर्स के लिए लॉकडाउन टिप्स (Tips for Teenager) और बच्चें ऑनलाइन पढ़ाई के साथ और क्या कर सकते हैं:

     निराशा को दूर भगाएं (Positive)

    पेरेंट्स (Parents) ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि टीनएजर्स बहुत जल्दी निराश होते हैं। निराशा किसी भी बात को लेकर हो सकती है। स्टडी का प्रेशर, करियर बनाने को लेकर प्रेशर, फैमिली में किसी भी प्रकार की अनबन होने पर मन में निराशा, किसी की बात को दिल पर ले लेना आदि। जल्दी निराश होने से कई बार टीनएजर्स (Teenagers) गलत कदम भी उठा लेते हैं। लॉकडाउन के समय कुछ लोगों में मानसिक समस्या की बात सामने आई है। हो सकता है कि आपके घर में किसी को ऐसी समस्या हो और बच्चा इस वजह से निराश हो गया हो। टीनएजर्स के लॉकडाउन टिप्स में पॉजिटीविटी को शामिल करें, जिससे बच्चे की निराशा दूर हो।

    इस बात का रखें ख्याल

    पेरेंट्स टीनएजर्स को बताएं कि किसी भी बात को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके पास एल्टरनेटिव मौजूद हैं। बच्चों से ऐसी लिस्ट तैयार करने को कहें, जिनमें निराशाजनक बातें शामिल हों। फिर लिस्ट को पढ़ें और उनके सामने ही उसके एल्टरनेटिव तरीके (Alternative Option) के बारे में डिस्कस करें। ये बहुत कामगर तरीका है। अगली बार आपने टीनएजर्स (Teenagers) को जब भी कोई बात परेशान करेगी, वो निराश होने के बजाय एल्टरनेटिव तरीके के बारे में सोच लेंगे।

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    टीनएजर्स के लॉकडाउन टिप्स : किताबों से करें दोस्ती (Books)

    टीनएजर्स के लॉकडाउन टिप्स में रीडिंग (Reading) को शामिल करना बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी ने पूरी दुनिया को ठहरा दिया है। भले ही लोग बाहर नहीं जा सकते हैं लेकिन किताबों की दुनिया में इस समय खोना आसान है। रोजाना इतना इत्मिनान  (Exam) कहां होता है, जब पसंदीदा किताबों को घंटों पढ़ने का मौका मिले। लेकिन लॉकडाउन के समय टीनएजर्स अपनी पसंदीदा किताबों में खो सकते हैं। ये जरूरी नहीं है कि आप सिर्फ सिलेबस की किताबे ही पढ़ें। आपको जो भी पसंद हो, उस किताब को लॉकडाउन में पढ़कर खत्म कर दीजिए। पेरेंट्स टीनएजर्स को बुक रीडिंग के लिए इनकरेज कर सकते हैं।

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     टाइम मैनेजमेंट (Time Management)

    स्कूल में तो स्टूडेंट्स टाइम मैनेजमेंट का मतलब समझते हैं, लेकिन कॉलेज पहुंचते ही टाइम से किसी भी काम का हो पाना मुश्किल सा लगता है। ऐसा सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि टीनएजर्स टाइम मैनेजमेंट (Time Management) स्किल को भूल जाते हैं। अब चूंकि टीनएजर्स लॉकडाउन की वजह से घर में हैं तो पेरेंट्स को उन्हें टाइम मैनेजमेंट का फायदा समझाना चाहिए। घर में सही समय पर सोना, सही समय पर उठकर ब्रेकफास्ट करना और फिर पढ़ने, अपने पसंदीदा काम को करने के लिए एक फिक्स टाइम (Fic TIming) सेट करना चाहिए। हो सकता है कि आपके बच्चे कॉलेज जाने के बाद बहुत सी अच्छी आदतें भूल गए हो, लेकिन ये अच्छा समय है जब आपको उनके टाइम मैनेजमेंट का पाठ दोबारा पढ़ा सकते हैं।

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    ऑनलाइन पढ़ाई के साथ न्यू लैंग्वेज लर्निंग (New Language Learning)

    टीनएजर्स के लॉकडाउन टिप्स में न्यू लैंग्वेज लर्निंग (Language Learning) बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। ऐसी कई ऑनलाइन वेबसाइट हैं जो एक से दो महीने में न्यू लैंग्वेंज लर्निंग की सुविधा उपलब्ध कराती हैं। बेहतर होगा कि लॉकडाउन में पैनिक (Panic) होने के बजाय नई चीजें सीखी जाएं। बेहतर होगा कि उस लैग्वेंज की सीखें, जिससे आपको फ्यूचर में हेल्प मिले। कुछ टीनएजर्स को लिखने का भी शौक होता है। लॉकडाउन में समय को बर्बाद किए बिना 250 से 300 शब्दों में किसी भी टॉपिक में लिखना शुरू कर दें। अगर आप रोजाना ऐसा करते हैं तो कुछ ही दिनों में आपके पास इंटरेस्टिंग टॉपिक का कलेक्शन हो जाएगा, जो आप बाद में भी पढ़ना चाहेंगे।

    लॉकडाउन में किशोर सीखे ये जीवन कौशल : मनी मैनेजमेंट के बारे में सीखें (Money Management)

    टीनएजर्स को लॉकडाउन में मनी मैनेजमेंट के बारे में जरूर सिखाएं। घर में बजट को कैसे मेंटेन किया जाता है, ये बात आपके बच्चों को पता होनी चाहिए। महीने में बिजली का बिल Electricity Bill), राशन का खर्च, घर का किराया, महीने का औसत खर्चा आदि के बारे में टीनएजर्स (Teenager) को जानकारी होना बहुत जरूरी है। बच्चों को हर महीने होने वाले उनके एकेडमिक खर्चों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। जो टीनएजर्स मनी मैनेजमेंट सीख जाते हैं, वो फिजूल खर्जी नहीं करते हैं। लॉकडाउन में सभी टीनएजर्स को ये टिप्स जरूर सीखना चाहिए।

    कोरोना वायरस के कारण देश-दुनिया में तेजी से बदलाव आया है। कोरोना का कहर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, इसलिए कोरोना से सावधानी ही इस बीमारी का इलाज है। कोरोना वायरस के लक्षण दिखते ही कोरोना का इलाज कराएं। कोरोना वायरस (Corona Virus) फैलने के कारण अब ऑनलाइन स्टडी अधिक अहम हो गई है। पेरेंट्स के साथ ही ये टीचर्स के लिए भी चुनौती बन गया है। कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन स्टडी के साथ ही बच्चे ऑनलाइन क्रिएटीविटी भी सीख रहे हैं। ये सच है कि जब तक कोरोना वायरस पर नियंत्रण नहीं कर लिया जाएगा, तब तक बच्चों को स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में बच्चों के साथ ही पेरेंटस को भी कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, ताकि बच्चा घर में भी रहकर ऑनलाइन माध्यम से चीजों को सीख सकें।

    कोरोना लॉकडाउन टिप्स:  घर में रहकर इन बातों का रखें ध्यान (Home Safety)

    पेरेंट्स (Parents) टीनएजर्स को बातों को समझा कर समस्या का समाधान निकाल सकते हैं, लेकिन छोटे बच्चों को समझाना पेरेंट्स के लिए मुश्किल हो सकता है। अगर आप एक ही साथ टीनएज और छह साल के कम उम्र के बच्चे को संभाल रही है तो बैलेंस करना बहुत जरूरी है। छोटे बच्चे ऑनलाइन क्लास लेते समय या तो सही से नहीं पढ़ते हैं या फिर बीमारी का नाटक कर सकते हैं।बच्चा अगर क्लास अटेंड नहीं कर पाया तो पेरेंट्स को क्लास जरूर ज्वाइन करनी चाहिए ताकि ये पता चल सके कि टीचर ने क्या पढ़ाया है। ऐसा करने से बाद में पेरेंट्स समय निकाल कर बच्चे को पढ़ा सकते हैं। कई बार तो टीचर्स भी ये सलाह देती हैं कि बच्चों को ऑनलाइन क्लास (Online Class) के लिए फोर्स न करें और जितनी देर मन हो, उतना ही पढ़ें। ऐसे में पेरेंट्स को बच्चे पर प्रेशर नहीं डालना चाहिए। ठीक ऐसा ही क्रिएटिविटी की क्लास में भी किया जा सकता है। बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास एक नया माहौल है, जिसे वो आसानी से एडॉप्ट नहीं कर पाएंगे। हो सकता है कि बच्चा कुछ समय बाद इन चीजों को एंजॉय करें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल की जानकारी पसंद आई होगी और आपको टीनएजर्स के लॉकडाउन टिप्स  से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट में विजिट करें।

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