
विकास और व्यवहार
मेरे बच्चे को अभी क्या-क्या गतिविधियां करनी चाहिए?
इस उम्र में बेहतर भाषा कौशल विकास के साथ ही बच्चे की एक अलग पर्सनालिटी विकसित होती है, वह खुद को बॉस समझता है और ऐसे ही व्यहार करता है जैसे- ‘मेरा कोट रखें’, ‘मम्मी इधर आओ’, ‘पापा इधर बैठो’। आपका बच्चा खुद को शायद ब्रह्मांड का केंद्र (खुद को बहुत अहम) मानता है और सोचता है कि सारी चीजे बस उसके आसपास ही घूमे। इसके साथ ही वह हर दिन मजेदार चीजे करता हैं। बच्चा चुटकुले से नहीं हंसता, बल्कि कुछ अजीब आवाजें, अजीब चेहरे आदि देखकर उसकी हंसी छूट जाती है।
- इस उम्र के बच्चे बात बात पर नखरे करते हैं
- ये बच्चे दूसरे बच्चों के साथ कम समय के लिए खेलते हैं, लेकिन अपनी कोई चीज शेयर करना पसंद नहीं करते
- उन्हें किसी चीज का इंतजार करना या किसी चीज का चयन करना पसंद नहीं होता है
- ये घर में दूसरों की नकल करना पसंद करते हैं।
34 महीने के बच्चे की देखभाल : बच्चे को अब किन चीजों के लिए तैयार करना चाहिए ?
34 महीने के बच्चे की देखभाल: बच्चे का इस समय जिस तरह से विकास हो रहा है इस बारे में आप बहस तो नहीं कर सकते हैं लेकिन, हां उन्हें कुछ अच्छी चीजे जरूर बच्चे को सिखा सकते हैं। जैसे उन्हें कुछ चाहिए तो वह ‘प्लीज’ और ‘धीमी आवाज’ में बोलकर मांग सकते हैं। इस दौरान बच्चे की देखभाल ज्यादा जरूरी हो जाती है।
यदि आपने बच्चे को अभी तक टॉयलेट में बैठना नहीं सिखाया है या आपकी कोशिश असफल हो चुकी है तो यह सही समय है बच्चे को टॉयलेट ट्रेनिंग देने का। इस उम्र में बच्चे अकेले ही टॉयलेट जाना चाहते हैं लेकिन, कई बार वे डर जाते हैं, इसलिए उन्हें इसके बारे में सिखाना आपकी जिम्मेदारी है।
सबसे पहले बच्चे को बताएं कि टॉयलेट का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है और कैसे बैठना है? बच्चे को हर दो-तीन घंटे पर टॉयलेट ले जाएं। इसे रूटीन में शामिल कर लें। बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद बच्चे को फ्लश करना और अच्छी तरह हाथ धोना भी सिखाएं।
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फिजिकल स्किल्स
अपने 34 महीने के बच्चे की देखभाल : बच्चे में कौन सी फिजिकल स्किल्स डेवलप होती हैं?
आपका बच्चा अपनी शारीरिक क्षमताओं के साथ बहुत अधिक आश्वस्त है, लेकिन उन्हें ये नहीं मालूम होता कि उन्हें कब रूकना है। ये खुद को सुरक्षित नहीं रख पाते हैं। इसलिए आपको उनके लिए एक सीमा तय करनी चाहिए। आप उनकी देखरेख करे के साथ उन्हें सुरक्षित खेलने के लिए प्रेरित कर उनके कौशन को विकसित करने में उनकी मदद कर सकते हैं। इस उम्र में बच्चा बेहतर तरीके से अपनी बात पैरेंट्स को समझा पाता है। बच्चा सीढियां चढ़ना, एक लात से बॉल को मारना, जंप करना आदि एक्टिविटी करते हैं। बच्चे अपने कपड़े खुद उतारने लगता है। कुछ बच्चे तो इस दौरान खुद कपड़े पहनना भी सिख लेते हैं।
34 महीने के बच्चे के विकास को प्रोत्साहित करने में मदद करेंगे ये टिप्स:
- 34 महीने के बच्चे की देखभाल के लिए जब भी मुनासिब हो उन्हें अकेले में अटेंशन दें।
- उनके सामने तेज तेज पढ़ें और तस्वीरों के बारे में बात करें।
- अपने बच्चे से बात करें और उनसे सवाल पूछें कि वो क्या कर रहे हैं और क्या करना चाहते हैं? उनमें दिलचस्पी दिखाएं।
- बच्चों को अलग-अलग तरह के खिलौने जैसे ब्लॉक बनाना, पेंटिंग करना, पजल, टॉय कार, जानवर, गुड़िया आदि दें।
- 34 महीने के बच्चे की देखभाल में उन्हें पार्क में लेकर जाएं। वहां उन्हें स्लाइड्स, स्लिपरी डिप्स में मस्ती करने का मौका दें।
- उन्हें आस पास की दुनिया को एक्सप्लोर करने का मौका दें। नए नए चेहरों को दिखाएं और उनसे बात करने के लिए प्रोत्साहित करें, लेकिन सुरक्षा के मुद्दों पर कड़ी नजर रखते हुए।
डायट
34 महीने के बच्चे की देखभाल : डायट में किन चीजों को शामिल करें?
34 महीने के बच्चों का डायट प्लान इस तरह बनाएं कि उनके आहार में पर्याप्त पोषक तत्व मिल जाएं। खाने में विटामिन, मिनरल, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा युक्त चीजों को शामिल करें। बच्चों के वजन के अनुसार यह तय किया जाता है कि उनके आहार में कितनी कैलोरी होनी चाहिए। बच्चे का दूध बंद न करें। दूध और दूध से बने पदार्थ उनके दांत और हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है। प्रोटीन के लिए आप अपने बच्चे को खाने में अंडे, बीन्स, सोया, सीफूड और मेवे का चयन कर सकते हैं। बच्चों को फल खिलाएं। फल न खाएं तो आप उन्हें जूस भी दे सकते हैं। एक बात का खास ख्याल रखें वो यह कि जूस में चीनी न मिलाएं। बच्चे की प्लेट में रोज एक सब्जी जैसे बीन्स, मटर, पालक आदि को शामिल करें। साबुत अनाज में आप दलिया, होल व्हीट ब्रेड और ब्राउन राइस दे सकते हैं।
34 महीने के बच्चे की देखभाल: इंडियन फूड के अनुसार बच्चे का डायट चार्ट
- नाश्ता: आधा कप दूध+ आधा कप आयरन फोर्टिफाइड अनाज या एक अंडा+ 1/2 कप फल
- स्नैक्स: आधा कप दूध+ आधा कप फल+ आधा कप योगर्ट
- लंच: आधा कप दूध+ मीट या सब्जियों से बनी आधी चीज सैंडविच+ सलाद+ आधा कप ओटमील+ हरी सब्जियां
- शाम का स्नैक्स: गेंहू से बने एक ब्रेड पर एक चम्मच पीनट बटर+ चार या पांच क्रैकर
- डिनर: आधा कप दूध+ दो चम्मच मीट, चिकन या मछली+ 1/2 कप पास्ता, चावल या आलू+ ¼ कप सब्जियां
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डॉक्टर के पास कब जाएं?
अपने 34 महीने के बच्चे की देखभाल : बच्चे से जुड़े किन विषयों पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए?
34 महीने के बच्चे की देखभाल करते वक्त उपरोक्त बताई गई बातों का ध्यान रखें। दो साल के बच्चे का डर चरम सीमा पर हो सकता है। हालांकि, स्थिति काफी सामान्य है लेकिन, यदि उसके डर से पारिवारिक गतिविधियां बिगड़ें या उसके डे- केयर या प्री-स्कूल न जाने का कारण बन जाए या उसकी नींद खराब होने लगे, तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
निम्न स्थितियों से मालूम होता है कि बच्चे की ग्रोथ ठीक से नहीं हो रही है। ऐसे में भी डॉक्टर से कंसल्ट करने की जरूरत होती है:
- बात बात पर नखरे करना
- किसी के साथ नहीं खेलना
- इमेजिनेशन गेम्स को खेलने से मना करना
- दूसरों से बातचीत करने की बजाय अपनी दुनिया में मगन रहना
- चलने में दिक्कत होना, या सीढ़ी और फर्नीचर में न चढ़ पाना
- अन्य बच्चों की तुलना में अधिक सक्रिय या कम सक्रिय है
- खुद से खाना न खा पाना
- पैरेंट्स या केयर टेकर को नहीं बता पाता कि वह क्या चाहता है
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क्या उम्मीद करें
बच्चे के स्वास्थ्य से संबंधित और किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए ?
ऑटिस्टिक बच्चे आमतौर पर लोगों के साथ जुड़ नहीं पाते, इसलिए ऐसे बच्चो की देखभाल ज्यादा जरूरी हो जाती है। उन्हें अपने पाता-पिता के साथ भी फिजिकल कांटैक्ट बनाने में दिलचस्पी नहीं होती। यदि आपको लगे कि बच्चे की शारीरिक क्षमता, भाषा या अन्य क्षमताएं जो उसने सीखी थी वह कम हो रही है या सामान्य रूप से उसका विकास नहीं हो रहा, तो डॉक्टर से सलाह लें।
हमें उम्मीद है आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में 34 महीने के बच्चे की देखभाल से जुड़ी जानकारी दी गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो इसके लिए बेहतर होगा किसी विशेषज्ञ से कंसल्ट करें।
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