backup og meta

Yolk Sac: प्रेग्नेंसी में योल्क सेक की भूमिका क्यों है महत्वूर्ण?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 01/06/2022

    Yolk Sac: प्रेग्नेंसी में योल्क सेक की भूमिका क्यों है महत्वूर्ण?

    प्रेग्नेंसी के दौरान जितना ध्यान रखना जरूरी होता है, उतना ही शरीर में होने वाले बदलाव के बारे में। प्रेग्नेंसी की जानकारी पीरियड मिस होने से समझी जा सकती है, लेकिन इसकी कन्फर्मेंशन टेस्ट एवं अल्ट्रासाउंड से मिल जाती है। आज इस आर्टिकल में योल्क सेक (Yolk Sac) एवं प्रेग्नेंसी में योल्क सेक (Yolk Sac during Pregnancy) से जुड़ी जानकारी शेयर करने जा रहें हैं। 

    • योल्क सेक क्या है?
    • क्या योल्क सेक से प्रेग्नेंसी की कन्फर्मेशन मिल सकती है? 
    • क्या योल्क सेक हेल्दी प्रेग्नेंसी की निशानी है?
    • यूट्रस में योल्क सेक का निर्माण कहां होता है?
    • प्रेग्नेंसी में योल्क सेक की भूमिका क्या होती है?
    • क्या प्रेग्नेंसी में एक से ज्यादा भी योल्क सेक हो सकते हैं?
    • हेल्दी प्रेग्नेंसी डायट में क्या शामिल करना चाहिए?
    • हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए एक्सरसाइज भी किये जा सकते हैं!

    चलिए अब प्रेग्नेंसी में योल्क सेक से जुड़े इन सवालों का जवाब जानते हैं।

    और पढ़ेंः प्रेग्नेंसी के सातवें महीने में एक्सरसाइज करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

    योल्क सेक (Yolk Sac) क्या है?

    योल्क सेक (Yolk Sac)

    नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार प्रेग्नेंसी के शुरुआती स्टेज में ही योल्क सेक का निर्माण होता है। योल्क सेक जेस्टेशनल सेक (Gestational sac) का हिस्सा होता है, जिसमें एमनियोटिक फ्लूइड (Amniotic fluid) गर्भ में डेवलप हो रहे बेबी की रक्षा करता है। यूट्रस में एम्ब्रायो (Embryo) इम्प्लांट के तकरीबन दो हफ्ते बाद योल्क सेक का निर्माण होता है, जो मटर की दाने की तरह होता है और पहले ट्राइमेस्टर के अंत होते-होते यह गायब हो जाता है। इस दौरान योल्क सेक से ही भ्रूण को आवश्यक पोषण की पूर्ति होती है। 

    और पढ़ें : प्रेग्नेंसी और हेल्दी रिलेशनशिप (Pregnancy and Healthy relationships): जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान रिलेशनशिप को हेल्दी बनाने के लिए 5 बातें!

    क्या योल्क सेक से प्रेग्नेंसी की कन्फर्मेशन मिल सकती है? (Yolk Sac confirms Pregnancy)  

    प्रीनेटल अल्ट्रासाउंड के दौरान सबसे पहले योल्क सेक ही देखा जाता है, जिससे प्रेग्नेंसी की जानकारी मिल सकती है। इसके साथ ही मिस्ड मेंस्ट्रुअल साइकल (Missed menstrual cycle) एवं हॉर्मोन (Hormone) से जुड़ी जानकारी मिल सकती है।  

    और पढ़ें : Lamaze breathing: लमाज ब्रीदिंग बेबी बर्थ को बना सकती है आसान!

    क्या योल्क सेक हेल्दी प्रेग्नेंसी की निशानी है? (Yolk Sac indicates healthy pregnancy) 

    प्रेग्नेंसी के शुरुआत में योल्क सेक हेल्दी प्रेग्नेंसी की निशानी है, लेकिन इसके साथ ही डॉक्टर योल्क सेक को अल्ट्रासाउंड के दौरान बारीकी से मॉनिटर भी करते हैं, जिससे इसके साइज और सही लोकेशन की जानकारी मिलती है। अगर योल्क सेक यूट्रस में सही जगह पर ना हो और इसका साइज भी ठीक ना हो तो ऐसी स्थिति प्रेग्नेंसी में परेशानी की ओर इशारा करती है। इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट आने वाले एक से दो हफ्तों में फिर से अल्ट्रासाउंड करते हैं और योल्क सेक को मॉनिटर करते हैं। 

    और पढ़ें : hCG Levels and Twins: जानिए hCG लेवल और ट्विंस प्रेग्नेंसी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी!

    यूट्रस में योल्क सेक (Yolk Sac) का निर्माण कहां होता है?

    क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) द्वारा पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार जेस्टेशनल सेक के अंदर योल्क सेक का निर्माण होता है, जो भ्रूण को चारो ओर से घेरे रखता है। यही योल्क सेक भ्रूण के बाहरी हिस्से से जुड़ा होता है। अब अगर योल्क सेक के पोजीशन को और भी आसान शब्दों में समझें, तो यूट्रस के भीतर जेस्टेशनल सेक होता है और जेस्टेशनल सेक के अंदर योल्क सेक। अब अगर इनकी पोजीशन ऐसी ना हो, तो किसी भी वक्त मिसकैरिज हो सकता है।  

    और पढ़ें : प्रेग्नेंसी में पानी का सेवन गर्भवती महिला और शिशु के लिए कैसे लाभकारी है?

    प्रेग्नेंसी में योल्क सेक की भूमिका क्या होती है? (Importance of Yolk Sac) 

    प्रेग्नेंसी में योल्क सेक की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है जो इस प्रकार हैं- 

    • भ्रूण को पोषण (Nutrients) प्रदान करना। 
    • ब्लड सेल्स (Blood cells) का विकास होना। 
    • ऐसे सेल्स का निर्माण करना, जो अम्ब्लिकल कॉर्ड (Umbilical cord), गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम (Gastrointestinal system), रिप्रोडक्टिव ऑर्गन (Reproductive organs) जैसे अन्य ऑर्गन के विकास में सहायक होते हैं।  
    • शुरुआती स्टेज में इम्यून फंक्शन (Immune function) एवं मेटाबोलिज्म (Metabolism) में योल्क सेक की खास भूमिका होती है। 

    प्रेग्नेंसी में योल्क सेक की भूमिका जन्म लेने वाले शिशु के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। 

    और पढ़ें : Low Amniotic Fluid During Pregnancy: प्रेग्नेंसी में एमनियॉटिक फ्लूइड कम होना क्या दर्शाता है?

    क्या प्रेग्नेंसी में एक से ज्यादा भी योल्क सेक (Yolk Sac) हो सकते हैं?

    गर्भावस्था के दौरान किये जाने वाले अल्ट्रासाउंड में अगर एक से ज्यादा योल्क सेक नजर आता है, तो यह ट्विन्स (Twins) या ट्रिप्लेट्स (Triplets) प्रेग्नेंसी की ओर इशारा करते हैं।

    प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला को अपने डायट पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे उन्हें और गर्भ में पल रहे शिशु को आवश्यक पोषण की पूर्ति हो सके। प्रेग्नेंसी के दौरान वैसे तो सभी तरह के बातों का ख्याल रखना चाहिए, लेकिन डायट का विशेष रूप से।

    और पढ़ें : गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन क्यों दी जाती है? जानिए इसके फायदे और साइड इफेक्ट्स

    हेल्दी प्रेग्नेंसी डायट में क्या शामिल करना चाहिए? (Tips for Healthy diet during Pregnancy)

    प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ती शारीरिक परेशानी या शरीर में होने वाले बदलाव की वजह से भूख नहीं लगती है या खाने की इच्छा नहीं होती है, तो इस परेशानी को दूर करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें। जैसे:

    • प्रोटीन से भरपूर स्नैक्स (Protein-rich snacks)- प्रेग्नेंसी में लो ऐपिटाइट (Low Appetite During Pregnancy) की समस्या हो या ना , दोनों ही स्थिति में उबले अंडे, ग्रीक योगर्ट, रोस्टेड चिकन या चीज का सेवन करें।
    • फाइबर युक्त सब्जियां (Fiber-packed veggies)- प्रेग्नेंसी के दौरान स्वीट पोटैटो, मटर, ग्रीन बीन्स एवं पालक का सेवन किया जा सकता है।
    • सिंपल बाइट्स (Simple bites)- प्रेग्नेंसी के दौरान अगर भूख नहीं लगती है, तो बेरीज, ओटमील, सूखे फल या फिर कॉटेज चीज का सेवन किया जा सकता है। गर्भवती महिला अपनी सुविधा अनुसार इनका सेवन कर सकती हैं।
    • अनाज का सेवन (Grains)- गर्भावस्था के दौरान ब्राउन राइस, पास्ता, उबले आलू या क्विनोआ का सेवन कर सकती हैं।
    • सूप (Soup)- गर्भवती महिलाओं को चिकन और राइस के सूप का सेवन करना चाहिए।

    इन ऊपर बताये गए खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान पानी का सेवन करना भी जरूरी है।

    और पढ़ें : Twin pregnancy timetable: जानिए ट्विन प्रेग्नेंसी एवं ट्विन प्रेग्नेंसी टाइमटेबल से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें!

    हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए एक्सरसाइज भी किये जा सकते हैं! (Exercises for First Trimester)

    डॉक्टर से सलाह लेकर गर्भावस्था के दौरान या गर्भावस्था के अलग-अलग ट्राइमेस्टर में अलग-अलग एक्सरसाइज की सहायता से गर्भवती महिला खुद को फिट रख सकती हैं। जैसे:

    • लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज (Low-intensity Exercises)
    • पिलाटे एक्सरसाइज (Pilates Exercises)
    • कीगल्स एक्सरसाइज (Kegels Exercises)
    • स्क्वॉट्स एक्सरसाइज (Squats Exercises)
    • स्टेपिंग लंजस (Stepping lunges Exercises)
    • साइड प्लैंक (Side plank Exercises)

    प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में डॉक्टर से सलाह लेकर और फिटनेस एक्सपर्ट की मौजूदगी में ये एक्सरसाइज किये जा सकते हैं।

    और पढ़ें : गर्भावस्था की पहली तिमाही के व्यायाम जिनको करना है बेहद आसान

    इस आर्टिकल में हमनें आपके साथ गर्भावस्था में योल्क सेक (Yolk Sac during Pregnancy) की जानकारी शेयर की है। इसलिए अगर प्रेग्नेंसी या योल्क सेक (Yolk Sac)से जुड़े किसी तरह के सवालों का जवाब जानना चाहते हैं, तो हमें कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य के हेल्थ एक्सपर्ट आपके सवालों का जवाब जल्द से जल्द देनी की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं ट्विन्स प्रेग्नेंसी के दौरान अगर कोई परेशानी महसूस होती है, तो बिना देर किये जल्द से जल्द डॉक्टर से कंसल्ट करें।

    प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपना ख्याल तो रखती हैं, लेकिन प्रेग्नेंसी के बाद भी गर्भवती महिला को अपने विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें और एक्पर्ट से जानें न्यू मदर के लिए खास टिप्स यहां।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 01/06/2022

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement