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ट्विन प्रेग्नेंसी टाइमटेबल (Twin pregnancy timetable) क्या है?
ट्विन प्रेग्नेंसी टाइमटेबल को अगर सामान्य शब्दों में समझें, तो इसका अर्थ है कि आपको पता है की गर्भ में जुड़वां बच्चे हैं, लेकिन यह जानकारी नहीं होती है की बच्चों का जन्म कब होने वाला है। यहां हम ट्विन प्रेग्नेंसी टाइमटेबल को समझने की कोशिश करते हैं।
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ट्विन प्रेग्नेंसी टाइमटेबल: जुड़वां बच्चों की डिलिवरी का सही समय क्या है? (Twins delivery date)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार ट्विन्स बेबी की डिलिवरी डेट 34 से 37वें हफ्ते की होती है, जो एक ही गर्भनाल से जुड़े होते हैं। वहीं 37 से 39वें हफ्ते का समय उन जुड़वा बच्चों के लिए बताया गया है, जो अलग-अलग गर्भनाल से जुड़े हुए होते हैं। वैसे इस अंतर को समझने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने जुड़वा बच्चों वाली 32 प्रेग्नेंसी के अध्ययनों की समीक्षा की। इन्हें पिछले 10 सालों में प्रकाशित और विश्लेषित किया गया। इस विश्लेषण में 35,171 जुड़वा बच्चों की प्रेग्नेंसी (29,685 दो गर्भनाल वाले और 5,486 एक गर्भनाल वाले) को शामिल किया गया।
नोट: ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (British Medical Journal) में प्रकाशित एक अध्ययन में निष्कर्ष निकाला गया कि 36 हफ्तों के प्रेग्नेंसी पीरियड के समर्थन में स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं। हालांकि सिंगल बच्चे की डिलिवरी के मुकाबले जुड़वा बच्चों में मृत्यु का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इस प्रकार के खतरों को कम करने के लिए अक्सर डिलिवरी पहले कराई जाती है।
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ट्विन प्रेग्नेंसी टाइमटेबल: बच्चों के जन्म से पहले कौन-कौन सी टेस्ट की जा सकती हैं? (Test during twins pregnancy)
जुड़वां बच्चों के जन्म से पहले डॉक्टर वो सभी टेस्ट करते हैं जो सिंगल बेबी डिलिवरी के दौरान की जाती है। हालांकि ट्विन प्रेग्नेंसी के दौरान नॉनस्ट्रेस टेस्ट (Nonstress tests) एवं लेट-स्टेज एम्निओसेंटेसिस टेस्ट (Late-stage amniocentesis) की जाती है।
- नॉनस्ट्रेस टेस्ट (Nonstress tests)- ट्विन प्रेग्नेंसी टाइमटेबल को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर गर्भवती महिला का नॉनस्ट्रेस टेस्ट करते हैं। इस टेस्ट की सहायता से गर्भ में पल रहे शिशु के हार्ट रेट और बच्चों के मूवमेंट को मॉनिटर किया जाता है।
- लेट-स्टेज एम्निओसेंटेसिस टेस्ट (Late-stage amniocentesis)- गर्भावस्था के 24 हफ्ते के बाद लेट-स्टेज एम्निओसेंटेसिस टेस्ट की जाती है। इस टेस्ट की सहायता से फीटल ऑर्गन डेवलपमेंट को समझने में सहायता मिलती है।