backup og meta

Dilation and Curettage After Miscarriage: मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज की क्यों पड़ सकती है जरूरत?

Dilation and Curettage After Miscarriage: मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज की क्यों पड़ सकती है जरूरत?

हेल्दी प्रेग्नेंसी की चाहत हर किसी महिला की होती है लेकिन कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान कॉम्प्लिकेशंस से गुजरना पड़ता है। कभी-कभी ये कॉम्प्लिकेशंस बढ़ जाते हैं कि महिला का मिसकैरिज हो जाता है। शुरुआत के 3 महीने किसी भी महिला की प्रेग्नेंसी के लिए बहुत अहम होते हैं। अगर शुरुआती 3 महीने प्रेग्नेंसी के अच्छे बीतते हैं, तो मिसकैरिज की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। अगर 20 सप्ताह के पहले किसी कारण से महिला का मिसकैरिज हो जाता है, तो ऐसे में महिला को शारीरिक के साथ ही मानसिक परेशानियों से गुजरना पड़ता है। कुछ महिलाओं को मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) की प्रोसीजर से गुजरना पड़ता है।

अगर मिसकैरेज के बाद यूट्रस या वॉम्ब पूरी तरहह से खाली नहीं हो पाता है, तो कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में डॉक्टर को वॉम्ब को खाली करने के लिए एक टेक्निक का सहारा लेना पड़ता है। इस टेक्नीक को ही डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage) कहा जाता है। यह एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जो कि मिसकैरिज के बाद पूरी तरह से खाली ना हुए वॉम्ब को साफ करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। ऐसा करने से महिला को दोबारा पीरियड्स शुरू हो जाते हैं और महिला दोबारा जल्द से जल्द कंसीव कर सकती है। आइए जानते हैं मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज (Dilation and Curettage After Miscarriage) के बारे में अहम जानकारी।

और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के लक्षणों का मिस होना क्या होता है मिसकैरिज का लक्षण!

मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज की क्या सभी महिलाओं को होती है जरूरत?

आपके मन में यह सवाल होगा कि क्या मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) की जरूरत सभी महिलाओं को पड़ती है? इसका उत्तर है नहीं! मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) की जरूरत केवल उन्हीं महिलाओं को पड़ती है, जिनका मिसकैरेज के बाद यूट्रस पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है। वहीं जिन महिलाओं को मिसकैरेज के बाद भारी ब्लीडिंग हो जाती है और यूट्रस में बचे हुए टिशू भी निकल जाते हैं, उन महिलाओं को इस प्रोसीजर की जरूरत नहीं पड़ती है।

गर्भपात के बाद गर्भाशय में टिशू या ऊतक कभी-कभी रह जाते हैं, जिसके कारण महिला को दर्द का सामना करना पड़ता है। इसे इन्कंप्लीट मिसकैरिज भी कहते हैं। इस कारण से भविष्य में संक्रमण की संभावना भी बढ़ जाती है। एक बात का ध्यान रखें कि जिस महिला को इन्कंप्लीट मिसकैरिज हुआ है, जरूरी नहीं है कि उसके साथ यह प्रोसीजर अपनाई जाए क्योंकि कुछ महिलाओं में एक से दो हफ्तों बाद प्राकृतिक रूप से बचे हुए टिशू भी निकल जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर आपको कुछ मेडिसिंस की देते हैं, जिससे कि सर्विस ओपन हो जाए और बचे हुए टिशू आसानी से बाहर निकल जाए। किसी कारण से जब दवाएं काम नहीं करती हैं, तब डॉक्टर को मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) करना पड़ता है।

और पढ़ें: मिसकैरिज के बाद पहला पीरियड कब आता है, जानिए इससे जुड़ी अहम जानकारी!

मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज की क्या होती है प्रोसीजर?

मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) को लंबा समय नहीं लगता है। इसका मतलब यह है कि आप जिस दिन हॉस्पिटल जाते हैं, उसी दिन यह प्रोसीजर की जाएगी और उसके अगले दिन तक आप घर जा सकते हैं। इस प्रोसेस के दौरान सबसे पहले डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करते हैं और पूरा चेकअप भी किया जाता है। चेकअप करने के बाद आपको ऑपरेशन रूम लेकर जाया जाएगा, जहां पर आपको एनेस्थीसिया दिया जाता है। एनेस्थीसिया किस प्रकार का होगा, यह आपके लक्षणों या समस्या के आधार पर तय किया जाता है। ऑपरेशन रूप में जनरल एनेस्थीसिया भी दिया जा सकता है या फिर रीजनल एनेस्थीसिया भी। इसके बाद प्रोसेस शुरू कर दी जाती है।

प्रोसेस के दौरान डॉक्टर सबसे पहले स्पैकुलम (speculum) को वजाइना में प्लेस करते हैं, जिससे कि वजाइनल वॉल को आसानी से दूर किया जा सके और सर्विक्स तक पहुंचा जा सके। इसके बाद सर्विस को एंटीसेप्टिक सलूशन की मदद से साफ किया जाता है। डॉक्टर सर्विस को डायलेट करते हैं ताकि वह चौड़ा हो जाए। इसके बाद डॉक्टर गर्भाशय की लाइन में टिशू को निकालने का काम करते हैं, जो रह गए थे। कई बार टिशू को निकालने के लिए सक्शन की जरूरत पड़ती है। इस दौरान करीब 30 मिनट का समय लगता है और यूट्रस को पूरी तरह से क्लीन कर दिया जाता है। जब यह प्रोसीजर हो जाता है, तब डॉक्टर टिशू को कलेक्ट करते हैं और लैब में जांच के लिए भेज देते हैं। इसके साथ ही सभी इंस्ट्रूमेंट को भी शरीर से हटा दिया जाता है और पेशेंट को रिकवरी रूम में भेज दिया जाता है। इस प्रोसीजर के बाद महिला को हल्की ब्लीडिंग हो सकती है इसलिए डॉक्टर पैड का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। रिकवरी रूम में 1 घंटे रहने के बाद पेशेंट अपने घर जा सकता है

और पढ़ें: गर्भावस्था में शतावरी के सेवन से कम हो सकती है मिसकैरिज की संभावना!

मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज से जुड़े क्या हैं रिस्क?

मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) को सुरक्षित प्रक्रिया माना जाता है। अन्य ऑपरेशन की तरह इस प्रोसीजर में भी कुछ कॉम्प्लीकेशंस जुड़े हुए हैं। जरूरी नहीं है कि सभी महिलाओं को इनका सामना करना पड़े लेकिन कुछ कॉम्प्लिकेशंस हो सकते हैं। जैसे कि इस प्रोसीजर के बाद इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को भारी बिल्डिंग का सामना भी करना पड़ सकता है। प्रोसीजर के बाद यूट्रस के अंदर स्कार टिशु की समस्या भी हो सकती है। वहीं सर्विस में टीयरिंग भी हो सकती है। कुछ मामलों में इनफर्टिलिटी की समस्या पैदा हो जाती है। ये रेयर होता है और सर्जरी के माध्यम से इसे ठीक किया जा सकता है। आपको इस ऑपरेशन के पहले डॉक्टर से इससे जुड़े कॉम्प्लीकेशंस के बारे में पूछ लेना चाहिए।

और पढ़ें: मिसकैरिज (गर्भपात) के होते हैं कई कारण, जानते हैं इस बारे में तो खेलें क्विज

कब कर सकते हैं दोबारा कंसीव?

आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) प्रोसीजर के बाद ऑव्युलेशन की प्रोसेस कब शुरू होती है? अमेरिकन कॉलेज ऑफ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट कि मानें तो प्रोसीजर के एक से 2 हफ्ते बाद तक ऑव्युलेशन की प्रोसेस शुरू हो जाती है। वहीं कुछ महिलाओं के केस में तो कुछ ही समय बाद ही यह प्रोसीजर चालू हो जाता है। यानी कि सभी महिलाओं में समय अलग-अलग हो सकता है। डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage)  के दौरान जो टिशू डॉक्टर ने इकट्ठा किए थे और लैब में भेजे थे, उससे भी जानकारी हासिल की जा सकती है। रिजल्ट में ये देखा जाता है कि कहीं कोई क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटीज तो नहीं है। अगर आप इस प्रोसीजर के बाद तुरंत कंसीव नहीं करना चाहती हैं, तो आपको इस बारे में डॉक्टर से जानकारी लेनी चाहिए। अगर प्रोसीजर के बाद आपको पेट में दर्द की समस्या, डिस्चार्ज की समस्या, फीवर, हैवी ब्लीडिंग (Heavy bleeding) आदि समस्याएं होती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।

और पढ़ें: मिसकैरिज से रिकवरी के लिए भावनात्मक सहयोग है जरूरी, इन चीजों का भी रखें ध्यान

इस आर्टिकल में हमने आपको मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage)  से संबंधित जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

[embed-health-tool-ovulation]

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Dilation and curettage.

https://www.mayoclinic.org/tests-procedures/dilation-and-curettage/about/pac-20384910

Dilation and curettage.

https://americanpregnancy.org/healthy-pregnancy/pregnancy-complications/d-and-c-procedure-after-miscarriage/

Dilation and curettage.
acog.org/patient-resources/faqs/special-procedures/dilation-and-curettage

Pregnancy after miscarriage: What you need to know.
mayoclinic.org/healthy-lifestyle/getting-pregnant/in-depth/pregnancy-after-miscarriage/art-20044134

Dilation and curettage.

https://my.clevelandclinic.org/health/treatments/4110-dilation-and-curettage-d–c

Current Version

23/03/2022

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


संबंधित पोस्ट

जानिए कैसे मिसकैरिज की संभावना को करें कम

मिसकैरिज से रिकवरी के लिए भावनात्मक सहयोग है जरूरी, इन चीजों का भी रखें ध्यान


के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/03/2022

ad iconadvertisement

Was this article helpful?

ad iconadvertisement
ad iconadvertisement