गर्भपात के बाद गर्भाशय में टिशू या ऊतक कभी-कभी रह जाते हैं, जिसके कारण महिला को दर्द का सामना करना पड़ता है। इसे इन्कंप्लीट मिसकैरिज भी कहते हैं। इस कारण से भविष्य में संक्रमण की संभावना भी बढ़ जाती है। एक बात का ध्यान रखें कि जिस महिला को इन्कंप्लीट मिसकैरिज हुआ है, जरूरी नहीं है कि उसके साथ यह प्रोसीजर अपनाई जाए क्योंकि कुछ महिलाओं में एक से दो हफ्तों बाद प्राकृतिक रूप से बचे हुए टिशू भी निकल जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर आपको कुछ मेडिसिंस की देते हैं, जिससे कि सर्विस ओपन हो जाए और बचे हुए टिशू आसानी से बाहर निकल जाए। किसी कारण से जब दवाएं काम नहीं करती हैं, तब डॉक्टर को मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) करना पड़ता है।
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मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज की क्या होती है प्रोसीजर?
मिसकैरिज के बाद डायलेशन और क्युरटेज ( Dilation and Curettage After Miscarriage) को लंबा समय नहीं लगता है। इसका मतलब यह है कि आप जिस दिन हॉस्पिटल जाते हैं, उसी दिन यह प्रोसीजर की जाएगी और उसके अगले दिन तक आप घर जा सकते हैं। इस प्रोसेस के दौरान सबसे पहले डॉक्टर आपके लक्षणों की जांच करते हैं और पूरा चेकअप भी किया जाता है। चेकअप करने के बाद आपको ऑपरेशन रूम लेकर जाया जाएगा, जहां पर आपको एनेस्थीसिया दिया जाता है। एनेस्थीसिया किस प्रकार का होगा, यह आपके लक्षणों या समस्या के आधार पर तय किया जाता है। ऑपरेशन रूप में जनरल एनेस्थीसिया भी दिया जा सकता है या फिर रीजनल एनेस्थीसिया भी। इसके बाद प्रोसेस शुरू कर दी जाती है।