पतली और मोटी त्वचा के कार्य (Causes of Thick and thin skin)
- सामान्य तौर पर स्किन के कई अलग-अलग फंक्शन होते हैं, जैसे कि प्रोटेक्शन, सेंसेशन और थर्मोरेग्यूलेशन (Thermoregulation)। पतली और मोटी त्वचा में ऐसे गुण होते हैं जो स्किन को सही ढंग से काम करने देते हैं।
- उदाहरण के लिए, पतली त्वचा में हेयर फॉलिकल्स होते हैं, जो तापमान को कंट्रोल करने और पराबैंगनी रेडिएशन से बचाने में हेल्प करने के लिए बालों के प्रोडक्शन में महत्वपूर्ण हैं। हेयर फॉलिकल्स एपिथेलियल स्टेम सेल (Epithelial stem cells) भी प्रोवाइड करते हैं, जो घावों को रिपेयर होने में हेल्प करते हैं। इसके अलावा, पतली त्वचा में वसामय ग्रंथियां होती हैं, जो सीबम प्रोड्यूस करती हैं। सेबम स्किन को लुब्रिकेट करने और इंफेक्शन से बचाने में हेल्प करता है।
- पतली त्वचा में एक्रीन (Eccrine) और एपोक्राइन (Apocrine) पसीने की ग्रंथियां भी होती हैं। पसीने की ग्रंथियां शरीर को ठंडा करने के लिए पसीने को छोड़ कर शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद करती हैं, और स्किन डैमेज को ठीक करने में भी मदद करती हैं।
- मोटी त्वचा उन हिस्सों में डैमेज से प्रोटेक्शन करती है जहां अधिक फ्रिक्शन होता है, जैसे हाथों की हथेली और पैर के तलवे। मोटी त्वचा में शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में हेल्प करने के लिए एक्रीन स्वेट ग्लैंड्स भी होती हैं।
और पढ़ें: लिचेनिफिकेशन (Lichenification) : क्या आप जानते हैं इस स्किन कंडिशन के बारे में
पतली और मोटी त्वचा में अंतर (Difference between thin and Thick skin)
- पतली त्वचा के विपरीत, मोटी त्वचा में सभी पांच एपिडर्मिस लेयर्स होती हैं और यह मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में मौजूद होती है जहां उंगलियों, हथेलियों और तलवों जैसे सबसे अधिक फ्रिक्शन प्राप्त होते हैं। मोटी स्किन हेयरलेस होती है और इसमें वसामय ग्रंथियां और एपोक्राइन पसीने की ग्रंथियां नहीं होती हैं क्योंकि यह बालों के रोम में खुलती है।
- मोटी त्वचा में वास्तव में पतली त्वचा की तुलना में पतली त्वचा की परत होती है, लेकिन एपिडर्मिस में मौजूद स्ट्रेटम ल्यूसिडम परत के कारण अभी भी मोटी होती है।
- मोती त्वचा में डर्मल पपिल होता है जिसमें बालों के विकास को नियंत्रित करने के लिए मेसेनकाइमल सेल्स (Mesenchymal cells) होती हैं। पतली स्किन में डर्मल पपिल ज्यादा प्रॉमिनेंट होते हैं।
- मोटी स्किन में एपिडर्मिस में पांच परतें होती हैं। जबकि पतली त्वचा में एपिडर्मिस में केवल चार परतें होती हैं।
- मोटी त्वचा में डेन्स सेंसरी रिसेप्टर्स (Sensory receptors) होते हैं। जबकि पतली त्वचा में बिखरे हुए सेंसरी रिसेप्टर्स होते हैं।
और पढ़ें: Triphala Benefits For Skin: त्वचा के लिए त्रिफला के फायदे सिर्फ एक नहीं, बल्कि हैं कईं!
पतली और मोटी त्वचा (Thin and thick skin) के बारे में जान लें ये भी
स्किन कई जरूरी भूमिकाओं की एक बड़ी के साथ एक बड़ा और कॉम्प्लेक्स ऑर्गन (complex organ) है। पतली और मोटी त्वचा (Thin and thick skin) की बॉडी में अलग-अलग संरचनाएं और कार्य होते हैं। उनमें मौजूद परतें उन्हें थिकनेस देती हैं और उन्हें अपनी भूमिका निभाने की अनुमति देती हैं। ज्यादातर शरीर पर पतली त्वचा मौजूद होती है, और इंफेक्शन से बचाने में मदद करती है, टेम्परेचर को कंट्रोल करती है, और बालों को बढ़ने देती है। मोटी त्वचा हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को ढक लेती है और इन क्षेत्रों को ज्यादा फ्रिक्शन और अब्रेशन से बचाती है। इस प्रकार ह्यूमन स्किन की विभिन्न मोटाई शरीर के विभिन्न कार्यों को बनाए रखने में मदद करती है। हमें उम्मीद है कि इस लेख ने आपको पतली और मोटी त्वचा और उनके द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका के बीच के अंतर को समझने में मदद की है।
उम्मीद करते हैं कि आपको पतली और मोटी त्वचा (Thin and thick skin) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में पतली और मोटी त्वचा से संबंधित अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।