स्किन ह्यूमन बॉडी का सबसे बड़ा ऑर्गन है, जो बेहद महत्वपूर्ण काम करता है। ऐसी कई कंडिशंस हैं, जो स्किन को प्रभावित कर सकती हैं। आमतौर पर स्किन डिसऑर्डर्स का उपचार करना आसान होता है, क्योंकि वो माइल्ड होती हैं। लेकिन, कुछ स्किन कंडिशंस इतनी रेयर और सीवियर होती हैं कि उनके उपचार के लिए खास मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। आज हम आपको इन्हीं कुछ रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) के बारे में बताने वाले हैं। आइए पाएं इंफॉर्मेशन इन रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) के बारे में।
रेयर स्किन डिजीज कौन सी हैं (Rare Skin Diseases): पाएं जानकारी
हर स्किन डिजीज के लक्षण अलग और गंभीर हो सकते हैं। यही नहीं, यह टेंपरेरी और परमानेंट दोनों तरह की हो सकती हैं। अधिकतर स्किन डिसऑर्डर्स माइनर होते हैं, जिनमें थोड़ा सा उपचार करने पर भी लाभ होता है। आप कॉमन स्किन डिजीज के बारे में तो जानते ही होंगे। लेकिन, क्या आप रेट यानी दुर्लभ स्किन प्रॉब्लम्स के बारे में जानते हैं? आइए जानें हैं कुछ रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) के बारे में।
हार्लेक्विन इथ्योसिस (Harlequin ichthyosis)
हार्लेक्विन इथ्योसिस एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जिसमें अक्सर न्यूबोर्न्स के शरीर के विभिन्न हिस्सों में स्किन में थिकनेस हो जाती है। नवजात सही इस रेयर स्किन कंडिशन के साथ जन्म लेते हैं। इससे पीड़ित शिशुओं की त्वचा पर डीप और शयनी पैचेज हो जाते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में डिहायड्रेशन, गंभीर एक्टरोंपियोन (Severe ectropion), एक्लेबियम (Eclabium) आदि शामिल हैं। हालांकि, इस रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) का कोई इलाज नहीं है। लेकिन, इस स्थिति में डर्मेटोलॉजिस्ट से सम्पर्क करना और उनके निर्देशों का पालन करना बेहद जरूरी है। अधिकतर मामलों में डॉक्टर एंटीबायोटिक्स की सलाह देते हैं। जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह समस्या जेनेटिक्स है। ऐसे में अगर आपके परिवार में इसकी हिस्ट्री है, तो अपने बच्चों को इससे बचाने के लिए कंसीव करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
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रेयर स्किन डिजीज में मोर्गेलन्स (Morgellons)
इस रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) को डिलूशनल डिसऑर्डर (Delusional Disorder) भी कहा जाता है। जो व्यक्ति इससे पीड़ित होता है, उसे ऐसा महसूस होता है कि उसकी ब्रोकन स्किन से कोई फॉरेन पार्टिकल या इंसेक्ट बाहर क्रॉलिंग कर रहा है। इस डिसऑर्डर को कई बार मनोवैज्ञानिक विकार (Psychiatric disorder) भी मान लिया जाता है। इस रोग के प्राइमरी लक्षण हैं स्किन रैशेज के साथ स्किन से थ्रेड जैसे रंग के फाइबर का बाहर निकलना। प्रभावित स्किन पर क्रॉलिंग सेंसेशन और इंटेंस इचिंग होना भी इस रोग के लक्षण हैं।
इस डिसआर्डर के अंडरलायिंग कारणों के अनुसार इसका उपचार दो तरह से किया जा सकता है। बैक्टीरियल इंफेक्शंस के मामले में इसका उपचार एंटीबायोटिक्स से किया जा सकता है। इसके अलावा इस रोग का उपचार एंटीसायकोटिक मेडिकेशन्स से भी किया जा सकता है। इस कंडिशन का कोई प्रॉपर ट्रीटमेंट नहीं है। यह सभी दवाएं केवल रोगी को इस समस्या से कुछ राहत पहुंचाने के लिए दी जाती हैं।
हिड्राडेनाइटिस सप्यूरेटायवा (Hidradenitis Suppurativa)
इस रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) के कारण शरीर के विभिन्न हिस्सों पर बम्प्स हो जाते हैं, जो अक्सर पेनफुल होते हैं। ऐसा अक्सर यौवन के समय होता है और पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह बीमारी अधिक आम है। इस समस्या का मुख्य लक्षण यह है कि इसमें होने वाले बम्प्स पिम्पल की तरह लगते हैं। इसके अन्य लक्षणों में पेनफुल और डेलिकेट नोडल शामिल हैं। इस रोग का उपचार इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इसके उपचार के लिए दवाईयों और सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। इस रोग से बचने के लिए अपने वजन को सही बनाए रखना और स्मोकिंग से बचना आदि शामिल है।
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पेम्फिगस (Pemphigus)
यह एक ऑटोइम्यून स्किन कंडिशन है जो गले, मुंह या जेनिटल एरिया में घाव और ब्लिस्टर्स का कारण बन सकती है। हालांकि, यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है लेकिन उम्र के बढ़ने पर इस समस्या की संभावना बढ़ जाती है। यह रोग कई तरह से हो सकता है और इसके प्रायमरी लक्षणों में ब्लिस्टर्स के साथ ही थकावट, नेल प्रॉब्लम्स और बर्निंग सेंसेशंस को महसूस होना शामिल है। कई अन्य रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) की तरह इसका भी कोई परमानेंट उपचार नहीं है। हालांकि, डर्मटोलॉजिस्ट्स इसके लक्षणों का उपचार करते हैं और स्किन इंफेक्शन को फैलने से बचानेके लिए उसका ट्रीटमेंट करते हैं। पेम्फिगस के सही कारण का पता नहीं है। ऐसे में इस स्किन कंडिशन से बचने के लिए आप कोई खास कदम नहीं उठा सकते।
रेयर स्किन डिजीज में पीलिंग स्किन सिंड्रोम (Peeling skin syndrome)
पीलिंग स्किन सिंड्रोम एक रेयर जेनेटिक स्किन डिसऑर्डर है, जिसमें रोगी की बहुत तेजी से स्किन शेडिंग होती है। यह समस्या जन्म के तुरंत बाद शुरू होती है या बचपन में भी यह समस्या हो सकती है। हीट और फ्रिक्शन जैसे फैक्टर्स पीलिंग को बदतर बना सकते हैं। इस रोग के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- स्किन शेडिंग या पीलिंग, जो आमतौर पर दर्दरहित होती है (Skin shedding or peeling)
- ब्लिस्टरिंग (Blistering)
- खुजली (Itching)
- स्किन रेडनिंग (Skin reddening)
इस रेयर स्किन डिजीज में के उपचार में स्किन को पर्याप्त मॉइस्चराइज करना शामिल है। इसके अलावा स्किन शेडिंग को रोकने का कोई अन्य उपाय नहीं है।
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नेक्रोबायोसिस लिपिडिका (Necrobiosis lipoidica)
नेक्रोबायोसिस लिपिडिक एक रैश को कहा जाता है, जो लोयर लेग को प्रभावित करता है और महिलाओं में अधिक कॉमन है। हालांकि, यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। लेकिन डायबिटीज से पीड़ित लोगों में अधिक सामान्य है। यह रैश दर्दभरा, ओवेल, राउंड या साइज में इर्रेगुलर हो सकता है। इस रैश में अक्सर प्रॉमिनेंट ब्लड वेसल्स के साथ एक सेंटर होता है। यह मामूली ट्रामा के कारण अल्सर बन सकता है। अल्सर से संक्रमण हो सकता है। इसके इलाज के लिए डॉक्टर टोपिकल स्टेरॉइड्स, स्टेरॉयड इंजेक्शंस या निकोटिनामाइड (Niacinamide) की सलाह दे सकते हैं। कई बार इस स्किन डिसऑर्डर में किसी भी तरह के उपचार की जरूरत नहीं होती।
एक्टिनिक प्रुरिगो (Actinic prurigo)
एक्टिनिक प्रुरिगो (Actinic prurigo) वो स्किन कंडिशन है, जो सनलाइट एक्सपोजर के रिस्पांस में एक्सट्रीम खुजली का कारण बन सकती है। इसके लक्षणों में इचि रैशेज, स्किन पर स्मॉल रेड नोडल आदि शामिल हैं। यह रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) अक्सर चेहरे, होंठों, गर्दन, छाती, बाजू और हाथों पर होती है। इसके कारण आइ इर्रिटेशन भी हो सकती है। इस स्थिति से शरीर के वो अंग भी प्रभावित हो सकते हैं, जो सीधेतौर पर सनलाइट के संपर्क में नहीं आते हैं। एक्टिनिक प्रुरिगो (Actinic prurigo) का कोई इलाज नहीं है। लेकिन, इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। इससे बचाव के लिए सूरज की रोशनी जाना कम करें और घर से बाहर निकलते हुए खुद को सनलाइट के संपर्क में आने से बचाएं।
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रेयर स्किन डिजीज में एर्जिरिया (Argyria)
एर्जिरिया से पीड़ित लोग शरीर में सिल्वर सॉल्ट्स के बिल्डअप के कारण स्किन कलर में बदलाव महसूस कर सकते हैं। ऐसे में स्किन ब्लू-ग्रे रंग की हो सकती है। ऐसे तब भी हो सकता है जब रोगी अपनी मर्जी से सप्लीमेंट्स या अन्य किसी चीज का सेवन करें जिसमें सिल्वर हो। ऐसा उस स्थिति में भी हो सकता है, जब कोई व्यक्ति ऐसी जगह काम करता हो जहां वो सिल्वर के सम्पर्क में अधिक आता हो, जैसे मेटल एलाय मैन्युफैक्चरिंग। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:
- ब्लू-ग्रे स्किन
- हायपरपिग्मेंटेड नेल्स
- नीले-भूरे रंग की आंखों का सफेद होना
यह समझना जरूरी है कि यह एक परमानेंट कंडिशन है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति में पिगमेंटेशन को कम करने के लिए लेजर ट्रीटमेंट की सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा इस दौरान होने वाली समस्या से बचने के लिए लोग टोपिकल कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (topical corticosteroids), एंटी-इच क्रीम (Anti-itch creams), इंफ्लेमेशन की स्थिति में एंटीमलेरियल ड्रग्स (Antimalarial drugs) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है।
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यह तो थी रेयर स्किन डिजीज (Rare Skin Diseases) के बारे में जानकारी। अगर आप अपनी स्किन की हेल्थ और देखभाल को लेकर चिंतित हैं, तो बेहतरीन यही है कि डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें। ताकि, आपकी समस्या का कारण जाना जा सके। अधिक रेयर स्किन डिजीज इनहेरिटेड होती है और उनका जेनेटिक लिंक होता है। यही कारण है कि अधिकतर मामलों में इनसे बचने का कोई तरीका नहीं है। लेकिन, त्वचा में होने वाली किसी भी समस्या के नजर आने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लें और सही इलाज कराएं। अगर इसके बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से अवश्य इसे पूछें।
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