आज की इस भयानक कोरोना महामारी के काल में पेशेंट और हेल्थ वर्कर्स की सेफ्टी का मुद्दा अहम बन चुका है। इस संदर्भ में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे मनाने का संकल्प लिया है। हर साल 17 सितंबर को मरीज और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विश्व मरीज सुरक्षा दिवस मनाया जाएगा। असल में मरीज की सुरक्षा जितनी जरूरी है, उतनी ही सेवा कर्मी की सुरक्षा भी जरूरी है। सेवा करना जिनका धर्म हैं, उनकी देखरेख और उनके कष्ट के बारे में भी सोचना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि किसी भी व्यक्ति को, जो मरीज है, उनको जरूरत के अनुसार हर तरह की स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानी चाहिए। इस मामले में उनका सहयोग करना जिस तरह हॉस्पिटल के कर्मियों का धर्म है, उसी तरह अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना जरूरी होता है। डब्ल्यूएचओ के इस अभियान में भारत की भी सहमति है। इस दिन को मनाने का एक ही उद्देश्य है, लोगों के मन में पेशेंट और हेल्थ वर्कर्स की सेफ्टी के प्रति जागरूकता पैदा करना।