के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
वैजाइनिस्मस एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं को संभोग के दौरान योनि की मांसपेशियों में लगातार दर्द होता है। दर्द के चलते योनि सिकुड़ जाती है। यह अवस्था संभोग के लिए दर्दनाक होती है। जब महिलाएं वैजाइना के आस—पास के हिस्से को छूती हैं तो दर्द की महसूसता हो सकती है।
वैजाइनिस्मस से जो मांसपेशियां सबसे ज्यादा प्रभावित होती है उसका नाम पबोकोसाइजेस pubococcygeus है। ये मांसपेशियां यूरिन करने, संभोग करने, मल त्यागने और प्रसव में सहायक होती हैं। इलाज न मिलने पर मरीज तनाव में चला जाता है। हालांकि वैजाइनिस्मस का इलाज संभव है। वैजाइनिस्मस दो स्थितियों में होता है।
वैजाइनिस्मस के दो प्रकार होते हैं। प्रमाइमरी और सेकेंड्री। इन दो प्रकारों के बारे में भी महिलाओं को जानना जरूरी है।
प्राइमरी वैजाइन्सिमस (Primary Vaginismus)- इसमें महिलाओं को जिंदगीभर के लिए दर्द बना रहता है। इसमें वे टैम्पोन का प्रयोग नहीं कर सकतीं। साथ ही स्त्री रोग संबंधी कोई भी परीक्षण करने में भी परेशानी होगी।
ये आमतौर पर महिलाओं को तब होता है जब वे पहली बार सेक्स करने की कोशिश करती हैं। दर्द होने के चलते इंटरकोर्स करना असंभव हो जाता है और अगर कोशिश भी करते हैं तो चोट लग सकती है।
कभी-कभी महिलाओं को दर्द इतना बढ़ जाता है कि उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो जाती है। योनि में प्रवेश के प्रयास को रोकने पर लक्षण उलट हो जाते हैं। ऐसे में जबरदस्ती इंटरकोर्स करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
सेकेंड्री वैजाइनिस्मस ( Secondary Vaginismus)- सेकेंड्री वैजाइनिस्मस महिलाओं को किसी भी उम्र में हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि वे पहले ही सामन्य तौर पर संभोग कर चुकी होती हैं। लेकिन बाद में उन्हें संभोग करने में दिक्कत होने लगती है। इसके अलवा सेकेंड्री वैजाइनिस्मस में मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन हमेशा नहीं रहती।
सेकेंड्री वैजाइनिस्मस होने की कोई शारीरिक वजह होती है। जैसे संक्रमण, मेनोपोज, किसी घटना के कारण चोट लग जाना, कोई बीमारी, रिश्तों में कड़वाहट, कोई सर्जरी और बच्चे के जन्म के बाद। सेकेंड्री वैजाइनिस्मस के ये सभी कारण हो सकते हैं। ऐसा भी हो सकता है कि इलाज के बाद दर्द बना रहे।
मनोविज्ञानी या शारीरिक परेशानी के चलते संभोग के दौरान महिलाओं को दर्द होता है। ये दर्द हमेशा बना रहता है। ऐसा भी हो सकता है कि संभोग से पहले ही दर्द शुरू हो जाए। वैजाइनिस्मस के कई लक्षण हो सकते हैं।
अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
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वैजाइनिस्मस के सामान्य लक्षण निम्न हैं।
आपको या आपके पार्टनर को जब भी ऐसे कोई लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए। हर किसी का शरीर अलग तरह से काम करता है इसलिए डॉक्टर ही सबसे अच्छी सलाह दे सकता है।
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डॉक्टरों को भी इस बात की ज्यादा जानकारी नहीं है कि वैजाइनिस्मस क्यों होता है। यह आमतौर पर सेक्स से डर की वजह से हो सकता है। लेकिन इसके पक्के सबूत नहीं हैं। वैजाइनिस्मस होने का एक कारण सेक्स से डर भी है। ऐसा भी हो सकता है कि एक साथी के साथ संभोग करने पर दर्द होता है लेकिन दूसरों के साथ करने पर नहीं होता। कभी—कभी परीक्षण के दौरान ऐसा दर्द होता है।
कुछ महिलाओं में रजोनिवृत्ति यानि मेनोपॉज के बाद वैजाइनिस्मस हो सकता है। इसके अलावा जब एस्ट्रोजन का स्तर कम होता है तो योनि की चिकनाई में कमी आ जाती है। इससे संभोग दर्दनाक, तनावपूर्ण या असंभव हो जाता है। ऐसी स्थिति में भी वैजाइनिस्मस हो जाता है।
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महिलाओं के साथ यौन हिंसा होने पर, दर्दनाक इंटरकोर्स और इमोशनल परेशानी होने पर वैजाइनिस्मस की समस्या हो सकती है। ऐसा कुछ भी होने पर डॉक्टर से बात करें।
लक्षण दिखने पर ही वैजाइनिस्मस का पता चल सकता है। डॉक्टर आपसे पूछ सकता है कि आपको ये समस्या कबसे शुरू हुई। डॉक्टर आपकी सेक्सुअल हिस्ट्री के बारे में भी पूछ सकता है। डॉक्टर आपको कुछ ऐसे इलाज बताएगा जिससे कोई साइड इफेक्ट न हो।
वैजाइनिस्मस का इलाज जानकारी, काउंसलिंग और एक्सरसाइज के जरिए हो सकता है। डॉक्टर सेक्स थेरेपी भी बताते हैं। इसमें डॉक्टर आपको सेक्स एजुकेशन देते हैं। वैजाइनिस्मस में योनि की मांसपेशियां प्रभावित होती हैं।
डॉक्टर आपके साथ आपके पार्टनर की भी काउंसलिंग कर सकते हैं। योनि के बारे में पूरी जानकारी मिलने पर इस समस्या का समाधान हो सकता है।
ये अभ्यास करने से भी वैजाइनिस्मस की समस्या का समाधान हो सकता है:
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