बेसिक बातों को जानें
गॉलस्टोन्स ब्लैडर में बनते है और पीढ़ियों तक ट्रांसफर हो सकते है. बढ़ती उम्र के साथ गॉलस्टोन्स होने के चान्सेस बढ़ जाते है. ये एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में ट्रांफर हो सकते है. अगर आप ज्यादा फैट और आयल ले रहे है तो इसके चान्सेस और ज्यादा है.
कोलसिस्टेक्टोमी सर्जरी के आलावा ब्लैडर स्टोन को ठीक करने के और भी कई तरीके है. स्टोन्स को और भी दवाओं से ठीक किया जा सकता है लेकिन इन दवाओं का फेलियर रेट बहुत ज्यादा है। एंटीबायोटिक्स गॉलब्लेडर इन्फेक्शन को ठीक करने के लिए इस्तमाल की जा सकती है। कम फैट वाला खाना खाने से दर्द कम रहेगा. लेकिन इनसे पूरा इलाज़ नहीं होगा और सिम्पटम्स दोबारा भी हो सकते है.
और पढ़ें : Bladder-stone: ब्लैडर स्टोन क्या है?
लप्रोस्कोपिक कोलसिस्टेक्टोमी (laparoscopic cholecystectomy) क्यों करते है ?
ये बहुत सारे छोटे छोटे इंसिज़न लगाकर की जाती है बजाय इसके की बहुत बड़ा इंसिज़न लगाया जाये. अगर पहले आप गॉलब्लेडर की सर्जरी करवा चुके है और बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है उस केस में डॉक्टर ठीक तरीके से गॉलब्लेडर नहीं देख पाएंगे. इस केस में ओपन सर्जरी आपके ज्यादा काम आएगी। बातएंगे की आपके लिए सबसे सटीक सर्जरी कौनसी रहेगी.
खतरे को समझे
लप्रोस्कोपिक कोलसिस्टेक्टोमी (Laparoscopic Cholecystectomy) के क्या खतरे है ?
कोलसिस्टेक्टोमी में आपको ब्लीडिंग , इन्फेक्शन , इंजरी हो सकती है। डक्ट में इंजरी की वजह से बाइल गॉलब्लेडर से बाहर आ सकता है. लप्रोस्कोपिक कोलसिस्टेक्टोमी में एब्डोमेन में इंस्ट्रूमेंट्स डालने पर इंटेस्टाइन और ब्लड वेसल्स में इंजरी हो सकती है. कुछ स्पेसिफिक कॉम्प्लीकेशन्स जो हो सकती है :
- बोवेल , ब्लैडर और ब्लड वेसल्स में इंजरी।
- कट्स के पास हार्निया होना.
- सर्जिकल इम्फीसेमा
- बाईल और स्टोन्स का लीक होना.
- स्टोन्स का इकठा हो जाना
- बहुत ज्यादा दर्द होना.
- डायरिया
- एब्डोमेन की लाइनिंग में इन्फेक्शन
- एलर्जिक रिएक्शन
- बाईल डक्ट इंजरी
- बोवेल इंजरी
- लिवर का सीरियस डैमेज.
इस सर्जरी को करवाने से पहले इससे जुड़े खतरों और समस्याओ को समझना जरुरी है. किसी भी और सवाल या जानकारी लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिले.
प्रक्रिया
लप्रोस्कोपिक कोलसिस्टेक्टोमी (Laparoscopic Cholecystectomy) की तैयारी कैसे करे ?
- टेस्ट से आठ घंटे पहले कुछ भी न खाये पिए.
- हो सकता है डॉक्टर आपको दवाइया लेने को मना करे. इसलिए प्रोसीजर से पहले डॉक्टर से पूछ के ही दवाए ले.
- लप्रोस्कोपिक कोलसिस्टेक्टोमी के दौरान क्या होता है ?
- ये ऑपरेशन एनेस्थेसिया देकर किया जाता है और इसमें 1 घंटे का समय लगता है. सर्जन एब्डोमेन में चार छोटे छोटे कट्स लगाते है. सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स को टेलिस्कोप के साथ एब्डोमेन में डाला जाता है. आपके सर्जन सिस्टिक डक्ट और आर्टरी को फ्री करेंगे. इससे गॉलब्लेडर लिवर से अलग हो जाता है.
- किसी भी और सवाल या जानकारी के लिए डॉक्टर और सर्जन से मिले.
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रिकवरी
सर्जरी के बाद क्या होता है ?
अगले दिन से आप घर जा सकते है. सर्जरी के दो से चार हफ्ते बाद आप काम पर भी जा सकते है.
रेगुलर एक्सरसाइज से आप सारी नार्मल एक्टिविटीज कर सकते है. इससे आप जल्दी रिकवर हो जाएंगे.
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हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
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