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चिरौंजी के फायदे और नुकसान- Chironji benefits and side effects

चिरौंजी के फायदे और नुकसान- Chironji benefits and side effects

परिचय

चिरौंजी का नाम आते ही सबसे पहले दिमाग में क्या आता है? जी हां, सही पहचाना, मिठाई बनाते समय इसका उपयोग किया जाता है। चिरौंजी का उपयोग मीठा या कोई स्वादिष्ट व्यंजन जैसे खीर आदि बनाने में सूखे मेवे की तरह किया जाता है। चिरौंजी का पेड़ लगभग 50 फीट लंबा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चिरौंजी के फल की जगह पर इसमें एक बीज होता है, उसी का उपयोग खाने के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है। इस छोटे-से बीज में पौष्टिकता से भरपूर अनगिनत गुण होते हैं जो विभिन्न तरह की बीमारियों के उपचार में प्रयोग किए जाते हैं।

दादी-नानी के जमाने से चिरौंजी का उपयोग दस्त, त्वचा संबंधी समस्याओं जैसे खुजली व सर्दी-खांसी जैसी आम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है। चलिए अब चिरौंजी के बारे में थोड़ा जान लेते हैं। चिरौंजी का वानस्पतिक नाम बुकैनानिया कोचीनचाइनेन्सिस (Buchanania cochinchinensis) है और यह एनाकर्डिसिया (Anacardiaceae) जाति का पौधा होता है। इसके फल को तोड़कर जो बीज, गुठली की तरह निकलता है उसका इस्तेमाल अक्सर आलमंड के जगह पर भी किया जाता है। इसका पेड़ मूल रूप से भारत के पवर्तीय और शुष्क प्रदेशों में मिलता है यानि यह मध्य और दक्षिणी भारत में मूल रूप से पाया जाता है। जनवरी-फरवरी महीने में पेड़ में फूल आते हैं और अप्रैल-मई महीने में फल। 

जैसा कि पहले ही कहा गया है कि चिरौंजी के छोटे से बीज में पौष्टिकता कूट-कूटकर भरा होता है। चिरौंजी के नट  में फाइबर, विटामिन बी1, बी2, सी और नियासिन होने के साथ-साथ जड़ में भी पारंपरिक औषधीय गुण होता है। सदियों से आयुर्वेद में चिरौंजी का सर्दी-खांसी, गठिया, खुजली, दस्त-पेचिश, घाव के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।

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फायदे

चलिए अब स्वादिष्ट और गुणी चिरौंजी के उपयोग के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं। कैसे चिरौंजी का बीज अपने छोटे-से आकार में इतने सारे गुण छुपाकर बैठा है यह जानते हैं। चिरौंजी का पेड़,  बीज, जड़, पत्ता, फल और गोंद सबका अपना औषधीय गुण होता है। इन गुणों में एंटी-इंफ्लमेटरी, एंटी-ऑक्सिडेंट, एडॉप्टोजेनिक, एंटी-अल्सर, एंटी-डायबिटिक, एंटी-हाइपरलिपिडेमिक, डायजेस्टिव, पर्गेटिव, प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम आदि होते हैं।

1- सर्दी-खांसी

अगर मौसम के बदलने के साथ आपको बार-बार सर्दी-खांसी की परेशानी होती है, तो संतुलित मात्रा में चिरौंजी का सेवन करने से इससे आराम मिल सकता है। खांसी से आराम पाने के लिए चिरौंजी के बीज को नट्स की तरह या बेक करके भी खा सकते हैं। इससे जल्दी आराम मिल सकता है। 

2- अस्थमा

दमा कहें या अस्थमा, यह बीमारी प्रदूषण के कारण आम बीमारी की तरह बनती जा रही है। आयुर्वेद में दमा के इलाज के लिए चिरौंजी का फल उपयोगी माना गया है। चिरौंजी का एंटी-इंफ्लमेटरी और एंटी-ऑक्सिडेंट गुण सांस संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में बहुत लाभकारी होता है।

3- सिरदर्द

अगर आप काम के तनाव के कारण और अपच की समस्या के कारण हमेशा सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो चिरौंजी का सेवन कीजिए। इसका कूलिंग इफेक्ट सिरदर्द से राहत दिलाने में सहायता करता है।

4- दस्त 

क्या आपका लाइफस्टाइल बहुत ही असंतुलित है? तो फिर चिरौंजी को अपने डायट में शामिल करना न भूलें। चिरौंजी की जड़ दस्त की समस्या से राहत दिलाने में बहुत मदद करती है। 

नोट- ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

5- गठिया

आजकल तो गठिया के दर्द  की परेशानी को उम्र की बंदिश में बांधा नहीं जा सकता है। किसी भी उम्र में यह बीमारी हो सकती है। दिन भर एसी में काम करने के कारण कम उम्र में ही महिला हो या पुरुष सबको यह बीमारी हो जाती है। चिरौंजी का एंटी-इंफ्लमेटरी गुण दर्द से राहत दिलाने में सहायता करता है।

6- घाव

कहीं चोट लगने पर या कट जाने के कारण घाव हो गया है और वह ठीक होने का नाम नहीं ले रहा है तो चिरौंजी का इस्तेमाल करने से घाव जल्दी सूख जाता है। इसके बीज में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल गुण घाव को ठीक होने में मदद करते हैं, क्योंकि माइक्रोब्स घाव को ठीक होने में बाधा उत्पन्न करते हैं और घाव को सूखने नहीं देता है।  

7- मुंह के छाले

अगर आप हमेशा पेट की समस्या यानी अपच जैसी समस्याओं से ग्रस्त रहते हैं तो मुंह के छाले से भी परेशान रहते होंगे। चिरौंजी का डायजेस्टिव गुण अपच की समस्या से निजात दिलाकर मुंह के छालों को ठीक करने और दोबारा आने से रोकता है।

8- त्वचा संबंधी समस्या

वैसे तो आजकल के प्रदूषण भरे वातावरण में स्किन संबंधी समस्या से कौन नहीं परेशान रहता है। किसी को स्किन एलर्जी होती है तो किसी को पिंपल्स या एक्ने की समस्या होती है। जहां एक तरफ चिरौंजी का बीज मुंहासे, स्किन एलर्जी जैसी समस्याओं के उपचार में बहुत मददगार साबित होता है तो दूसरी तरफ यह स्किन को क्लिन करने में भी सहायता करता है। यहां तक कि कुछ अध्ययनों में यह भी पाया गया है कि चिरौंजी कुष्ठ रोग के उपचार में भी इस्तेमाल किया जाता है।

9- डायबिटीज

अचरज में न पड़ें, जी हां चिरौंजी का इस्तेमाल डायबिटीज या मधुमेह को नियंत्रित करने में भी किया जाता है। इसका एंटीऑक्सिडेंट और एंटीडायबिटिक गुण मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद करता है। 

10- दिल की बीमारी 

चिरौंजी दिल को भी सेहतमंद रखने में मदद करता है। विश्वास नहीं हो रहा है? लेकिन सच है यह। चिरौंजी का पर्गटिव गुण दिल के लिए कार्डियोटॉनिक जैसा काम करता है। 

11- यौन रोग

चिरौंजी के बीज का कामोत्तेजक गुण प्रजनन संबंधी समस्या से लेकर प्रीमैच्युर एजैक्युलेशन या शीघ्रपतन, लिबिडो में कमी और नपुंसकता जैसे सेक्स संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

12- इम्युनिटी को बढ़ाने में मददगार

शायद आपको पता नहीं कि चिरौंजी, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी बहुत मददगार होती है। इसलिए डिलिवरी के बाद मां को चिरौंजी खिलाया जाता है ताकि पौष्टिकता के साथ उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़े।

नोट- ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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उपयोग

आयुर्वेद में चिरौंजी के जड़, फल, बीज, तने की छाल, गोंद और तेल का प्रयोग औषधी के रूप में किया जाता है। लेकिन इन सबका प्रयोग या सेवन किसी चिकित्सक या आयुर्वेदाचार्य से सलाह लिए बिना करने की गलती न करें।

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साइड इफेक्ट्स

वैसे तो चिरौंजी का कोई खास साइड इफेक्ट नहीं होता है। लेकिन इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या या बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। इसलिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही सेवन करना सुरक्षित है। 

एक्सपर्ट के इस वीडियो को देखिए सात्विक भोजन क्या है-

डोसेज या खुराक

चिरौंजी का डोसेज व्यक्ति की शारीरिक अवस्था, दोष और आयु पर निर्भर करता है, इसलिए इसकी खुराक का निर्धारण डॉक्टर की सलाह के अनुसार करना ही बेहतर है। 

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उपलब्धता

चिरौंजी विभिन्न रूपों में पाई जाती है-

1- चिरौंजी के जड़

2-चिरौंजी के तने की छाल

3-चिरौंजी की पत्तियां

4-चिरौंजी का फल

5-चिरौंजी के बीज

6- चिरौंजी का गोंद

 ऊपर दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। इसलिए किसी भी घरेलू उपचार, दवा या सप्लिमेंट का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Pharmacological studies on Buchanania lanzan Spreng.-A focus on wound healing with particular reference to anti-biofilm properties / https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3805096/ Accessed on 1 September 2020.

Chironji Tree/ http://www.flowersofindia.net/catalog/slides/Chironji%20Tree.html#:~:text=Medicinal%20uses%3A%20The%20roots%20are,in%20treating%20cough%20and%20asthma/ Accessed on 1 September 2020.

Buchanania lanzan – Spreng/  https://pfaf.org/user/Plant.aspx?LatinName=Buchanania+lanzan/ Accessed on 1 September 2020.

The effect of methanolic extract of Buchanania lanzan Spreng seeds on hematological indices/ https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4825442/ Accessed on 1 September 2020.

Current Version

03/11/2020

Mousumi dutta द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Niharika Jaiswal


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Mousumi dutta द्वारा लिखित · अपडेटेड 03/11/2020

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