backup og meta

CT Scan : सीटी स्कैन क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/01/2022

CT Scan :  सीटी स्कैन क्या है?

परिचय

क्या है सीटी स्कैन (CT Scan)?

सीटी स्कैन एक कंप्यूटरिकृत स्कैन है जिसे कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन (Computerized tomography scan) कहते हैं। इस स्कैन में कंप्यूटर और एक्स-रे (X-Ray) मशीन द्वारा ली गई छवियों का इस्तेमाल किया जाता है। इन छवियों के माध्यम से क्रॉस सेक्शनल तस्वीरें बनती हैं, जो शरीर में आई गड़बड़ियों को आसानी से समझने में मदद करती हैं। यह स्कैन सॉफ्ट टिशू, रक्त वाहिकाओं (Blood vessels) और हड्डियों (Bone) समेत शरीर के कई अंगों पर इस्तेमाल किया जाता है।

क्यों किया जाता है सीटी स्कैन?

इस स्कैन के माध्यम से शरीर में किसी जगह पर लगी चोट, नुकसान या विकृति का पता लगाया जाता है। आपका डॉक्टर आपके सीटी स्कैन की सलाह दे सकता है जब –

  • जब आपके शरीर की कोई हड्डी (Bone) टूट जाए या मांसपेशियों में ट्यूमर आदि हो।
  • ट्यूमर (Tumor), इंफेक्शन (Infection) या ब्लड क्लॉट (Blood clot) का केंद्र जानने के लिए।
  • किसी थेरिपी, सर्जरी आदि करने से पहले गाइडलाइन बनानी हो।
  • किसी गंभीर बीमारी पर नजर रखनी हो, जैसे कैंसर (Cancer), ह्दय रोग (Heart Problem), फेफड़े (Lungs) और लिवर (Liver) की बीमारी
  • किसी तरह के आंत्रिक रक्तस्त्राव (Bleeding) का पता लगाने के लिए।

और पढ़ें : Contraction Stress Test: कॉन्ट्रेक्शन स्ट्रेस टेस्ट क्या है?

सावधानियां और खतरे

सीटी स्कैन (CT Scan) कराने से पहले क्या जानना है जरूरी ?

प्रेग्नेंसी के दौरान सीटी स्कैन सुरक्षित नहीं माना जाता है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं और किसी वजह से सीटी स्कैन होना है तो डॉक्टर को जरूर बताएं। वैसे तो सीटी स्कैन की रेडिएशन का बच्चे पर प्रभाव नहीं पड़ता पर एहतियातन डॉक्टर सीटी स्कैन की जगह अल्ट्रासाउंड और एमआरआई (MRI) जैसे टेस्ट (Test) करने की सलाह देता है। इससे किसी भी तरह की रेडिएशन बच्चे तक नहीं पहुंचती। रिपोर्ट्स के मुताबिक कम रेडिएशन के साथ सीटी स्कैन का मनुष्य पर कोई प्रभाव अबतक नहीं पाया गया है।

हां, यह जरूर है कि सीटी स्कैन (CT Scan) के दौरान शरीर पर पड़ने वाली तेज रोशनी से शरीर में हल्की सी जलन, मुंह में किसी धातु तरह का स्वाद और शरीर गर्म होने जैसे अहसास होते हैं, जो कुछ समय बाद अपने आप चले जाते हैं।

सीटी स्कैन के कुछ खतरे भी होते हैं। सीटी स्कैन (CT Scan) से निकली कुछ रेडिएशन से कैंसर होने का खतरा हो सकता है। हालांकि कुछ ही स्कैन में इतना रेडिएशन नहीं होता कि आपको कैंसर (Cancer) हो। हालांकि बार-बार लगातार सीटी स्कैन (CT Scan) और एक्स-रे (X-Ray) होने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। खासतौर पर सीने और पेट का एक्स-रे और स्कैन कराने वाले बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है।

और पढ़ें :  Testicular biopsy: टेस्टिक्युलर बायोप्सी क्या है?

प्रक्रिया

सीटी स्कैन (CT Scan) के लिए कैसे होती है तैयारी?

टेस्ट के पहले कुछ खास तरह की डाई का शरीर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे कॉन्ट्रास्ट (Contrast) भी कहते हैं। इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, जिससे एक्स-रे (X-ray) या स्कैन के दौरान वो हिस्सा ठीक तरह नजर आए।

अगर आपको इस डाई से पहले कभी रिएक्शन हुआ है, तो अपने डॉक्टर को यह बात जरूर बताएं। ऐसे में डॉक्टर रिएक्शन से बचने के लिए कुछ दवाईयां दे सकता है।

सीटी स्कैन से पहले शरीर में निम्न तरह से डाई या कॉन्ट्रास्ट दिया जाता है

  • इसे इंजेक्शन (Injection) के जरिए आपके हाथ में लगाया जा सकता है
  • एक तरह की डाई को पीकर भी शरीर में उतारा जा सकता है। इसका स्वाद चॉक की तरह हो सकता है। टेस्ट (Test) के बाद ये आपके मल से निकल जाता है।

अगर कॉन्ट्रास्ट पीने के लिए दिया गया है तो अगले 4 से घंटे तक कुछ भी खाने पीने पर पाबंदी होती है।

अगर आपने डाइबिटीज की कोई दवा जैसे मेटफॉर्मिन (Metformin) ली है, तो सीटी स्कैन (CT Scan) से पहले दी जाने वाली डाई के पहले डॉक्टर को जरूर बताएं। डाई देने के पहले इस दवा (Medicine) को बंद कर दिया जाता है। इसके अलावा यह भी देखा जाता है कि कही व्यक्ति को किडनी (Kidney) की कोई समस्या ना हो।

और पढ़ें : Microalbumin Test: माइक्रोएल्ब्युमिन टेस्ट क्या है?

क्या होता है सीटी स्कैन के दौरान

सीटी स्कैन (CT Scan) में किसी प्रकार का कोई दर्द नहीं होता। अब नई तकनीक के माध्यम से यह कुछ ही मिनट में पूरा हो जाता है। सीटी स्कैन की पूरी प्रक्रिया 30 मिनट में पूरी हो जाती है।

इस प्रक्रिया के दौरान आपको हॉस्पिटल गाउन पहनने और किसी भी प्रकार की ज्वैलरी उतारने के लिए कहा जा सकता है। ज्वैलरी या किसी धातु की वजह से सीटी स्कैन (CT Scan) के नतीजे प्रभावित हो सकते हैं।

इसके बाद डॉक्टर आपको पीठ के बल लेटने को कहते हैं। एक स्लाइड्र के माध्यम से आपका शरीर स्कैन (Scan) के अंदर जाता है। इसके बाद डॉक्टर कंट्रोल रूप से स्कैनिंग देखते हैं।

स्कैनिंग के दौरान स्लाइडर कुछ ऊपर की उठता है। इसके बाद एक्स-रे (X-ray) मशीन आपको शरीर के आसपास घूमती है। हर रोटेशन में एक्स-रे (X-ray) मशीन दर्जनों इमेज तैयार कर लेती है। इस दौरान मशीन के काम करने की आवाज साफ सुनाई देती है। स्कैनिंग के दौरान स्लाइडर कई बार एडजस्ट होता है। कई बार इसमें कुछ ज्यादा समय लग सकता है।

[mc4wp_form id=’183492″]

स्कैनिंग के दौरान मरीज को हमेशा बिना हिले लेटे रहना चाहिए। हिलने-डुलने पर स्कैनर में धुंधली तस्वीरें आती हैं, जो किसी काम की नहीं होतीं। कई बार डॉक्टर आपको सांस रोके रहने के लिए भी कह सकता है, जिससे सीने का हिलना-डुलना ना हो। बच्चों के मामले में डॉक्टर दवाई देकर कुछ देर के लिए उन्हें शांत कर देते हैं।

और पढ़ें : Bone test: बोन टेस्ट क्या है?

सीटी स्कैन के बाद क्या होता है?

सीटी स्कैन (CT Scan) पूरा होने के बाद तस्वीरों को रेडियोलॉजिस्ट के पास परीक्षण के लिए भेज दिया जाता है। रेडियोलॉजिस्ट उस डॉक्टर को कहते हैं, जो तस्वीरों के माध्यम से उपचार करता है जैसे सीटी स्कैन (CT Scan) और एक्स-रे (X-Ray)। परीक्षण के बाद डॉक्टर नतीजों के साथ आपसे बात करता है। अगर सीटी स्कैन (CT Scan) को लेकर आपके मन में कोई और सवाल हैं, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर पूछें।

और पढ़ें : डबल और ट्रिपल म्यूटेंट्स क्या हैं, क्या आरटी पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट नहीं कर पा रहा इनकी पहचान?

सीटी स्कैन के परिणाम

मेरे सीटी स्कैन (CT Scan) के परिणामों का क्या अर्थ है?

अगर डॉक्टर को सीटी स्कैन में किसी प्रकार का फ्रैक्चर (Fracture), ब्लड क्लॉट (Blood clot), ट्यूमर (Tumor) या कोई असामान्यता नजर नहीं आती तो इसे सामान्य रिपोर्ट माना जाता है। अगर रिपोर्ट उपरोक्त किसी भी समस्या के होने की पुष्टि होती है तो उसके आधार पर कुछ और उपचार किए जाते हैं।

रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार सीटी वैल्यू सामान्‍य से जितनी कम होती है, उतना ज्यादा इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है और ये जितनी अधिक होती है। इंफेक्शन उतना ही कम होता है। ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च)

ने कोविड-19 का पता लगाने के लिए सीटी वैल्यू 35 निर्धारित की गई है। इसका अर्थ यह है कि 35 और इससे कम सीटी वैल्यू पर कोरोना पॉजिटिव माना जाता है और 35 से ऊपर सीटी वैल्यू होने पर पेशेंट को कोविड नेगेटिव माना जाता है। वहीं सीटी स्कोर से ये पता चलता है कि इंफेक्शन ने फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचाया है। इस नम्बर को CO-RADS कहा जाता है. यदि CO-RADS का आंकड़ा 1 है, तो सब नॉर्मल है, वहीं अगर ये 2 से 4 है तो हल्का इन्फेक्शन है, लेकिन यदि ये 5 या 6 है तो पेशेंट को कोविड पॉजिटिव (COVID-19 Positive) माना जाता है।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/01/2022

advertisement iconadvertisement

Was this article helpful?

advertisement iconadvertisement
advertisement iconadvertisement