इस बीमारी में हमारी आंखे, नाखून और बाल भी हमें संकेते देते हैं। नाखून पतले और रूखे होने शुरू हो जाते हैं। इससे नाखूनों में दरार आने लगती है वह जल्दी टूटने लगते हैं। इसके अलावा, नाखूनों में सफेद धब्बे भी नजर आने लगते हैं। इस रोग से पीड़ित कई महिलाओं में आंखों की बीमारियां भी हो जाती हैं, जैसे आंखें लाल होना, खुजली होना, आंखों में सूजन आदि। कई महिलाओं में पानी और शरीर के बाकी द्रव्यों का अत्यधिक अवरोधन शुरू हो जाता है, जो हाथों और पैरों में हल्के सूजन के रूप में नजर आता है। अंगूठी और चूड़ियां भी हल्की कस जाती हैं।
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सेक्शुअल लाइफ में बदलाव भी हैं थायरॉइड के लक्षण
थायरॉइड से प्रभावित कुछ महिलाओं की सेक्स लाइफ पर भी इसका असर पड़ता है। वे इसमें दिलचस्पी नहीं लेतीं। समस्या तब और ज्यादा खराब हो जाती है, जब उनके अंदर सेक्शुअल एक्टिविटी से घृणा बढ़ जाती है। अंडरएक्टिव थायराइड ग्लैंड अक्सर महिलाओं की आवाज में भी परिवर्तन लाता है। उनकी आवाज पहले से भारी और हार्श हो जाती हैं। आवाज में भारीपन महसूस होने लगता है।
बॉडी इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर पड़ना
थायरॉइड होने पर शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने के चलते कई बीमारियां एक साथ हमला कर देती हैं। थायरॉइड की समस्या से ग्रस्त महिला अक्सर सुस्त रहने लगती है। उनके शरीर में उर्जा समाप्त होने लगती है। इन सबकी वजह से महिला डिप्रेशन (अवसाद) में रहने लगती है। उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है, दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है। याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।
अनियमित पीरियड्स हो सकते हैं थायरॉइड के लक्षण
यूं तो महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या आम है। पर थायरॉइड से प्रभावित महिलाओं में ये समस्या बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा पीरियड्स हैवी या बहुत कम हो सकते हैं। कई मामलों पीरियड्स के दौरान अत्याधिक रक्त स्त्राव की समस्या आने लगती है। थायरॉइड रोग का पता ब्लड टेस्ट से चलता है। डॉक्टर उन महिलाओं को थायरॉइड अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह देते हैं जिनमें इस प्रकार के लक्षण पाए जाते है। यदि आपको भी ये समस्याएं हैं तो डाक्टर से परामर्श करके उचित इलाज कराएं।