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ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखते वक्त इन बातों को ना भूलें!

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखते वक्त इन बातों को ना भूलें!

ब्रेस्ट में गांठ, ब्रेस्ट की स्किन में बदलाव, निप्पल के आकार में बदलाव, स्न का सख्त होना, स्तन के आस-पास (अंडर आर्म्स  में गांठ होना, निप्पल से रक्त या तरल पदार्थ का आना या स्तन में दर्द महसूस होना ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। ऐसा एल्कोहॉल या सिगरेट का सेवन करना, पहले गर्भ धारण में देरी होना, बच्चों को स्तनपान न करवाना, शरीर का वजन अत्यधिक बढ़ना, बदलती लाइफस्टाइल, गर्भनिरोधक दवाईयों का सेवन करना या जेनेटिकल (परिवार में अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ हो) कारणों की वजह से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में सवाल यह उठता है की ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल कैसे रखें ?

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल कैसे रखें? (How to take care of Breast Cancer Patient)

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल निम्नलिखित तरह से रखें।

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के लिए टिप्स 1. डॉक्टर अपॉइंटमेंट (Doctor Appointment)

पेशेंट के साथ अपॉइंटमेंट डेट पर डॉक्टर से मिलने जरूर जाएं। आप या पेशेंट बीमारी से जुड़ी कोई भी जानकारी चाहते हैं या आप दोनों के मन में कोई सवाल है, तो डॉक्टर से जरूर पूछें और यदि कोई परेशानी महसूस होती है, तो उसे भी डॉक्टर को अवश्य बताएं। ध्यान रखें बीमारी से जुड़ी कोई भी जानकारी अपने डॉक्टर से छुपाए नहीं। इससे परेशानी कम होने की बजाये बढ़ सकती है। बेहतर इलाज तभी संभव होता है जब पेशेंट किसी परेशानी को महसूस करें तो इसकी जानकारी परिवार के सदस्यों को बतायें।

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ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के लिए टिप्स 2.आहार और दवाइयां (Diet and Medicines)

पेशेंट को इस दौरान किस तरह का आहार देना है और उनका डायट चार्ट क्या होना चाहिए ये जरूर समझें। पेशेंट को भी यह जरूर और प्यार से समझाएं की उन्हें किस तरह के आहार की आवश्यकता ज्यादा है। ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के साथ-साथ उनको दिए जाने वाले डायट को आहार विशेषज्ञों से समझें।

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के लिए टिप्स 3. पेशेंट को समझें (Understand patient)

कैंसर का नाम सुनते ही हमसभी इस बात को लेकर चिंतित हो जाते हैं की अब इससे बच पाना मुश्किल है। लेकिन, ऐसा नहीं है इसलिए कैंसर या ब्रेस्ट कैंसर से डरे नहीं पर इससे पीड़ित महिला की भावनाओं को समझें। उनके मन में नकारात्मक प्रभाव घर करने नहीं दें। हो सकता है इस दौरान पेशेंट परेशान रहें और वो ठीक तरह से बात नहीं करें। ऐसी स्थिति में उन्हें समझाएं को वो इस बीमारी से लड़ सकती हैं और स्वस्थ भी हो सकती हैं।

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ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के लिए टिप्स 4. केयर टेकर तनाव न लें (Care taker should not take stress)

अपने प्रियजन (पेशेंट) के व्यवहार और मनोदशा में बदलाव के लिए तैयार रहें। इलाज के दौरान दवाओं का साइड इफेक्ट भी होता है। ऐसे में पेशेंट उदास, गुस्सा या थका हुआ भी महसूस कर सकती हैं। इसलिए इस दौरान उनसे मिलने-जुलने वाले लोगों की विचारधारा सकारात्मक रहे।

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के लिए टिप्स 5. पेशेंट को व्यस्त रखें (Keep patient busy)

घर के हल्के-फुल्के कामों में उनसे मदद लें ऐसे में पेशेंट भी अपने आपको बीमार नहीं समझेंगे। कोशिश करें की पेशेंट सुबह-शाम वॉक और योगा करें, घर और आसपास के लोगों से बातचीत करें। अगर पेशेंट कुछ करना चाहती है जैसे पढ़ाई करना, म्यूजिक सुनना या कोई अन्य काम जो पसंद हो उसे कर सकती हैं।

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ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के लिए टिप्स 6. पेशेंट भी ध्यान रखें (Patient should take care of these things)

पेशेंट को मदद लेने से घबराना या डरना नहीं चाहिए। इसलिए ध्यान रखने वाले व्यक्ति को यह आराम से पेशेंट को समझाना चाहिए।

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के लिए टिप्स 7. पर्सनल केयर (Personal care)

पेशेंट के पर्सनल केयर जैसे टॉयलेट, ओरल हाइजीन और साफ कपड़ों का ख्याल रखें।

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ऊपर दिए गए टिप्स के साथ-साथ पेशेंट के केयर टेकर को भी अपना ख्याल रखना जरूरी है क्योंकि अगर आपकी सेहत बिगड़ती है, तो पेशेंट का ख्याल कौन रखेगा। इस दौरान निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-

  • मन में नकारात्मक विचार खुद भी न लाएं और पेशेंट को भी पॉसिटिव सोच रखने की सलाह दें।
  • अपने आपको रिलैक्स रखने के लिए योगा, एक्सरसाइज या वॉक करें। (आप पेशेंट के साथ भी योग, एक्सरसाइज या वॉक कर सकते हैं। यह दोनों के लिए लाभदायक होगा। नियमित वॉकिंग शरीर को फिट रखने के लिए सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है)
  • ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखते-रखे शायद आप भी तनाव न लें। अगर आप तनाव में रखेंगे तो इसका बुरा प्रभाव ब्रेस्ट कैंसर  पेशेंट पर भी पड़ेगा।
  • 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लें। ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट को भी ज्यादा से ज्यादा आराम करने की सलाह दें।
  • पेशेंट के साथ-साथ अपने पौष्टिक आहार का भी विशेष ख्याल रखें।

और पढ़ें : स्टेज 4 ब्रेस्ट कैंसर (Stage 4 Breast Cancer): कारण, लक्षण, इलाज और बचाव 

ब्रेस्ट कैंसर कई कारणों से होता है। इनमें से एक कारण जेनेटिक भी हो सकता है। अगर ब्लड रिलेशन जैसे मां या मौसी को ब्रेस्ट कैंसर होने पर घर की लड़कियों को इसका विशेष ख्याल रखना चाहिए। इसलिए आप खुद से भी घर पर अपने स्तन की जांच (Breast Cancer Test) कर सकती हैं।

मिरर के सामने खड़े होकर आप अपने ब्रेस्ट को ध्यान से देखें और समझने की कोशिश करें की ब्रेस्ट में कोई नकारात्मक बदलाव तो नहीं हुआ है। आप उंगलियों की सहायता से ब्रेस्ट को प्रेस कर अंदाजा लगा सकती हैं की आपको कोई गांठ जैसी समस्या तो नहीं है। ब्रेस्ट के साथ-साथ ब्रेस्ट के आसा-पास अंडर आर्म्स में भी ठीक तरह जांच करें। स्तन में कोई भी बदलाव, निप्पल से किसी तरह के फ्लूइड (तरल पदार्थ निकलना) या कोई अन्य परेशानी समझ आने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

अगर ब्लड रिलेशन में ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है और आपको अगर खुद में कोई परेशानी समझ नहीं भी आ रही है तो भी डॉक्टर से विचार जरूर लें। डॉक्टर को यह जानकारी दें की आपके ब्लड रिलेशन में ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित व्यक्ति हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर आपको सही सलाह देंगे स्वस्थ रहने के लिए और कैंसर से बचने के लिए।

ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने के दौरान कभी भी नकारात्मक विचारधारा न लाएं। सकारात्मक सोच से कैंसर या किसी भी बीमारी से लड़ना और जीतना संभव होता है। अगर आप ब्रेस्ट कैंसर पेशेंट का ख्याल रखने या ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। इस लेख से जुड़ा यदि आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

28/02/2022

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

Dr Sharayu Maknikar


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 28/02/2022

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