गट को सामान्य भाषा में आंत कहते हैं। जिस तरह शरीर के अन्य हिस्से में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, ठीक वैसे ही गट में भी अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। यही अच्छे बैक्टीरिया हमें बीमारी से दूर रखने में मदद करते हैं। लेकिन, असंतुलित आहार और बदलती लाइफस्टाइल इन पर बुरा प्रभाव डालती है। ऐसी स्थिति में गट से जुड़ी परेशानी शुरू हो सकती है, जिसका बुरा असर पूरे शरीर पर पड़ता है। बहुत-से लोग लीकी गट की समस्या से परेशान होते हैं। ऐसे में पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर लीकी गट क्या है।
लीकी गट क्या है?
लीकी गट डाइजेशन (पाचन तंत्र) से जुड़ी समस्या है। लीकी गट को सामान्य भाषा में समझा जाए तो, डाइजेस्टिव सिस्टम (पाचन तंत्र) के गट में मौजूद सूक्ष्म छेद होते हैं, जो जाली की तरह काम करते हैं। इन छोटे-छोटे छेदों से अत्यधिक छोटे खाद्य पदार्थों के पार्टिकल ही निकल पाते हैं। लेकिन, जब यहां से बड़े खाद्य पार्टिकल निकलने लगे, तो ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। इसी को लीकी गट कहा जाता है।
लीकी गट के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं :
- इम्यून सिस्टम ठीक न होना।
- पेट फूलना, कब्ज, डायरिया या गैस बनना।
- आहार में पोषक तत्वों की कमी होना।
- सिरदर्द होना।
- याद्दाश्त कमजोर होना।
- जोड़ों में दर्द होना।
- अत्यधिक तनाव या चिंतित रहना।
- त्वचा संबंधी परेशानी होना।
- खाने-पीने की चीजों से एलर्जी होना।
- अत्यधिक संवेदनशील होना।
अगर आप या कोई अन्य व्यक्ति ऐसे लक्षण महसूस करते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
लीकी गट की समस्या होने पर क्या करें?
आपके पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए निम्नलिखित खाद्य पदार्थ बेहतर विकल्प हो सकते हैं, जैसे :
- सब्जियां- ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, गोभी, गाजर, बैंगन, चुकंदर, पालक, अदरक, मशरूम और तुरई।
- जमीन के अंदर होने वाले खाद्य पदार्थ – आलू, शकरकंद, रतालू, गाजर, शलजम।
- फल- अंगूर, केला, ब्लूबेरी, रसभरी, स्ट्रॉबेरी, कीवी, अनानास, संतरा, नींबू, नारियल और पपीता।
- अंकुरित अनाज- फ्लैक्स सीड और चिया सीड।
- स्वस्थ वसा- एवोकैडो, एवोकैडो का तेल, नारियल तेल और वर्जिन ऑलिव ऑयल।
- मछली- टूना, हेरिंग और अन्य ओमेगा-3 युक्त मछली।
- मीट और अंडे – चिकन और अंडे का सेवन भी किया जा सकता है।
- डेरी प्रोडक्ट- छांछ और दही के सेवन से लाभ मिलता है।
- नट्स- नियमित रूप से और संतुलित मूंगफली, बादाम और अखरोट का सेवन करना चाहिए।
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किन-किन खाद्य पदार्थों का सेवन न करें?
- ब्रेड और पास्ता नहीं खाना चाहिए।
- ओट्स और बार्ली न खाएं।
- प्रोसेस्ड मीट का सेवन न करें।
- बेक किए हुए खाद्य पदार्थ जैसे केक, मफिंस, कुकीज या पिज्जा न खाएं।
- जंक फूड से दूरी बनाएं रखें।
- सॉस से भी परहेज करें।
- दूध, चीज और आइसक्रीम नहीं खाना चाहिए।
- एल्कोहॉल का सेवन न करें।
लीकी गट की समस्या को दूर करने के लिए कुछ जरूरी उपाए
- प्री-बायोटिक या प्रो-बायोटिक – गट में मौजूद अच्छे बैक्टेरिया को स्वस्थ रखने के लिए प्री-बायोटिक या प्रो-बायोटिक सप्लिमेंट का सहारा लिया जा सकता है। लेकिन, एक बार स्वास्थ्य विशेषज्ञ से जरूर सलाह लें।
- तनाव- कोशिश करें कि तनाव से दूर रहें। आप चाहें तो, पसंद के गानें सुनें, वॉक पर जाएं, डांस करें, मेडिटेशन करें या अपनी पसंद की चीजें जरूर करें। इससे तनाव कम किया जा सकता है।
- आहार – प्रोसेस्ड, हाई शुगर और उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों की मात्रा को नियंत्रित करें। ज्यादा से ज्यादा हरे पत्तेदार खाद्य पदार्थों का सेवन करें। वहीं, कम प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थों जैसे साबुत अनाज, अंकुरित अनाज और नट्स का सेवन किया जा सकता है। यह भी ध्यान रखें कि ऐसे खाने पीने की चीजों से दूरी बनाएं, जिनसे आपको परेशानी या एलर्जी हो।
- एमसीटी ऑयल- मीडियम चेन ट्राइग्लिसराइड (MCT) जैसे नारियल तेल या ब्रेन ऑक्टेन ऑयल को अपने आहार में शामिल करें। यह गट के लिए अच्छा माना जाता है।
- नींद – रोजाना सात से आठ घंटे की नींद लें। इससे पाचन के साथ-साथ आप अच्छा महसूस करेंगे और अपने काम पर ध्यान केंद्रित आसानी से कर सकेंगे।
- एल्कोहॉल- एक रिसर्च के अनुसार, शरीर में एल्कोहॉल की बढ़ी हुई मात्रा कुछ प्रोटीन के साथ मिलकर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है।
अगर आप लीकी गट की परेशानी महसूस कर रहें हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से इलाज न करें। गंभीर से गंभीर बीमारी को ठीक किया जा सकता है अगर बीमारी की जानकारी शुरुआती वक्त में पता चल जाए। कई बार हम बीमारी को नजरअंदाज कर किसी अन्य बीमारी को न्योता दे सकते हैं।
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