जानिए मूल बातें
मार्फन सिंड्रोम क्या है?
मार्फन सिंड्रोम एक गंभीर बीमारी जिसमें शरीर के कनेक्टिव टिश्यू सामान्य तरीके से काम नहीं करते। इसकी वजह से कनेक्टिव टिश्यू की ताकत में कमी आती है और आगे होने वाली जटिलताएं खतरनाक होती हैं। यूं तो मार्फन सिंड्रोम का कोई सटीक इलाज नहीं है, लेकिन एडवांस मेडिकेशन के मदद से डॉक्टर्स लोगों को एक सामान्य जीवन जीने में मदद कर रहे हैं। इसी वजह से इसकार शुरुआती निदान ज्यादा महत्वपूर्ण है, न केवल मार्फन सिंड्रोम वाले लोगों के लिए, बल्कि संबंधित विकारों वाले लोगों के लिए भी।
मार्फन सिंड्रोम एक अनुवांशिक विकार है, जो शरीर के कनेक्टिव टिश्यू पर असर करता है। कनेक्टिव टिश्यू एक तरह का फाइबर होता है जो आपके शरीर के अंगों और अन्य शरीर की संरचनाओं को सहारा और उनको अपनी जगह पर बनाएं रखने में मदद करते हैं। मार्फन सिंड्रोम वाले लोगों में असामान्य रासायनिक बदलाव के कारण उनके कनेक्टिव टिश्यू की ताकत कम होती है। यह सिंड्रोम सबसे अधिक हृदय, आंखों, वेसल्स और स्केलेटन को प्रभावित करता है।
ये बीमारी कितनी सामान्य है?
मार्फन सिंड्रोम ज्यादा सामान्य नहीं है, ये 10,000 से 20,000 लोगों में 1 को होता है। ये किसी भी जाती या वर्ण के लोगों में पाया जा सकता है।
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जानिए इसके लक्षण
मार्फन सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
मार्फन सिंड्रोम के लक्षण और संकेत एक ही परिवार के सदस्यों के बीच बहुत भिन्न होते हैं। कुछ लोग केवल हल्के प्रभाव का अनुभव करते हैं, लेकिन कुछ लोगों के जीवन का खतरा और जटिलता बढ़ती चली जाती है। ज्यादातर मामलों में, रोग उम्र के साथ बढ़ जाता है।
मार्फन सिंड्रोम की विशेषताओं में शामिल हो सकते हैं:
- शरीर का आकर लंबा और पतला होना,
- असामान्य तरीके से हाथ, पैर और उंगलियों का लंबा होना,
- कई बार स्तन बाहरी रूप से फैलता है या अंदर की ओर धंसता है,
- उच्च, धनुषाकार तालु और दांतों की भीड़,
- हृदय में मर्मर आवाज,
- शरीर के कुछ अंगों में ज्यादा निकटता,
- असामान्य रूप से रीढ़ की हड्डी का घुमावदार होना,
- पैरों का सपाट होना।
क्योंकि ये सिंड्रोम आपके शरीर के लगभग किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है, यह विभिन्न प्रकार की जटिलताओं का कारण हो सकता है।
मार्फन सिंड्रोम की सबसे खतरनाक जटिलताओं में एक है, हृदय और ब्लड वेसल्स का शामिल होना। खराब कनेक्टिव टिश्यू सबसे बड़ी धमनी को कमजोर कर सकते हैं ।
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आंखों की जटिलताओं में शामिल हो सकते हैं:
- लेंस डिस्लोकेशन,
- रेटिना की समस्याएं,
- सिंड्रोम के शुरुआत में ग्लोकोमा या मोतियाबिंद।
- स्केलेटल की जटिलताएं।
ये सिंड्रोम रीढ़ में असामान्य वक्रों के जोखिम को बढ़ाता है, जैसे स्कोलियोसिस कहते हैं। यह पसलियों के सामान्य विकास में भी हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे स्तन या तो फैल सकते हैं या छाती में अंदर की तरफ जाते दिखाई दे सकते हैं। मार्फन सिंड्रोम में पैर दर्द और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना आम बात है। यदि आपको किसी लक्षण के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
मुझे डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
अगर आपको लगता हैं की आपके बच्चे को यह सिंड्रोम है, तो अपने डॉक्टर या पेडिअट्रिशन से जरूर बात करें। यह सबसे अच्छा तरीका होता है की आप अपने डॉक्टर से बात करें और बच्चे के लिए सही उपाय करें।
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जानिए इसके कारण
मार्फन सिंड्रोम के कारण क्या हैं?
इस सिंड्रोम का मुख्य कारण है एक जीन में दोष। यह दोष उन जीन में होता है जो आपके शरीर को प्रोटीन तैयार करने और कनेक्टिव टिश्यू को लचीला बनाने में मदद करता है।
मार्फन सिंड्रोम वाले अधिकांश लोगों को ज्यादातर ऐसे जीन अपने माता-पिता से मिलते हैं, जिन्हें विकार है। जिन माता-पिता को यह सिंड्रोम हैं उनके बच्चों को यह बीमारी होने कि संभावना 50-50 होती है। लगभग 25% लोगों में जिनको मार्फन सिंड्रोम है, असामान्य जीन या तो माता-पिता से नहीं आते हैं। इन मामलों में, एक नए परिवर्तन का विकास होता है।
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जानिए इसके जोखिमों को
किन चीजों से इस बीमारी का खतरा बढ़ता है?
यह सिंड्रोम पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है और सभी तरह के लोगों में पाया जाता है। क्योंकि यह एक आनुवांशिक स्थिति है, मार्फन सिंड्रोम के लिए सबसे बड़ा जोखिम, इस बीमारी वाले माता-पिता हैं।
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जानिए इसका निदान और उपचार
नीचे दी गई जानकारी किसी भी वैद्यकीय सुझाव का पर्याय नहीं है, इसलिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
इस बीमारी का निदान कैसे किया जाता है?
अगर यह बीमारी होने कि आशंका है, तो डॉक्टर आंखों, हृदय और रक्त वाहिकाओं और मांसपेशियों और स्केलेटल की पूरी तरह से जांच करेंगे। साथ ही लक्षणों का इतिहास और परिवार के सदस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे, अगर किसी घर के सदस्य को ये विकार है।
इस स्थिति के निदान के लिए अन्य टेस्ट का उपयोग किया जाता है:
- छाती का एक्स-रे
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम
- इकोकार्डियोग्राम
- स्लिट-लैंप टेस्ट
- आई प्रेशर टेस्ट
एडवांस टेस्ट के बाद भी कभी कभी इसका निदान नहीं होता है लेकिन इसके लिए जेनेटिक टेस्ट मददगार हो सकता है। आप परिवार शुरू करने से पहले एक जेनेटिक काउंसलर से बात कर सकते हैं, यह देखने के लिए कि आपके भविष्य के बच्चों के लिए मार्फन सिंड्रोम से गुजरने की आपकी संभावना क्या है।
इस बीमारी का इलाज कैसे किया जाता है?
जिन व्यक्तियों में मार्फन सिंड्रोम होता है, उनका इलाज मेडिकल टीम द्वारा किया जाता है जिसमें एक गेनेटिसिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, ओफ्थल्मोलॉजिस्ट, ओर्थपेडीस्ट और कार्डियोथोरेसिक सर्जन शामिल होते हैं।
जबकि इस सिंड्रोम का कोई इलाज नहीं है, इसका उपचार इस बीमारी की विभिन्न जटिलताओं को रोकने के लिए किया जाता है। इसे पूरा करने के लिए, आपको उन संकेतों के लिए नियमित रूप से जांच करने की आवश्यकता है, जो बढ़ने की आशंका होती है।
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जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार
नीचे दिए गए जीवनशैली और घरेलू उपचार आपको मार्फान सिंड्रोम से छुटकारा पाने में मदद कर सकते हैं:
इस बीमारी वालेअधिकांश लोग कुछ प्रकार की शारीरिक और/ या मनोरंजक एक्टिविटीज में शामिल हो सकते हैं। बड़ी धमनी के फैलाव वाले लोगों को हाई एनर्जी गेम, कांटेक्ट गेम और इसोमेट्रिक एक्सरसाइज (जैसे वजन उठाना) का अभ्यास कर सकते हैं।
गर्भावस्था
गर्भावस्था से पहले जेनेटिक काउंसलिंग की जानी चाहिए क्योंकि मार्फन सिंड्रोम एक अनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी से जूझने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए ये गंभीर बीमारी मानी जाती है। अगर बड़ी धमनी का आकर सामान्य है, तो विच्छेदन का जोखिम कम है, लेकिन हो सकता है।
एंडोकार्डायटिस प्रिवेंशन
मार्फन सिंड्रोम वाले लोग जिनके हार्ट या वाल्व की का समावेश होता है या जिनकी हार्ट सर्जरी होती है, उनमें बैक्टीरियल एंडोकार्टिटिस के लिए खतरा बढ़ सकता है। यह हार्ट के वाल्व या टिश्यू का संक्रमण है, जो तब होता है जब बैक्टीरिया ब्लड सर्क्युलेशन में प्रवेश करते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।