वॉटर प्यूरिफायर के नुकसान (Side effects of water purifier)
वॉटर प्यूरिफायर पानी को साफ तो करता है लेकिन साथ ही वाटर प्यूरीफायर के नुकसान भी होते हैं। पानी में अधिक मात्रा में घुले हुए खनिजों यानी टीडीएस की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए ही वॉटर प्यूरीफायर का यूज किया जाता है। लेकिन सिर्फ टीडीएस के आधार पर ही वॉटर प्यूरीफायर का यूज सही नहीं है। पानी को साफ करने के लिए वायरस और बैक्टीरिया का मरना भी जरूरी होता है। अगर ये पानी में हैं, तो पानी प्योर नहीं कहलाता है। पानी में क्लोराइड, फ्लोराइड, आर्सेनिक, जिंक, शीशा, कैल्शियम, मैग्नीज, सल्फेट, नाइट्रेट जैसे खनिज भी मौजूद होते हैं। वॉटर को प्यूरिफाई करने के लिए यूज किया जाने वाला आरओ उसके अच्छे तत्वों को भी खत्म कर सकता है। ये बात समझनी जरूरी है कि जिन स्थानों में पानी ज्यादा खारा नहीं होता है, वहां आरओ की जरूरत नहीं होती है। यानी पानी के खारा न होने पर अगर आप आरओ का यूज कर रहे हैं तो वॉटर प्यूरिफायर के नुकसान आपको उठाने पड़ सकते हैं।
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वॉटर प्यूरिफायर के नुकसान : मिनिरल्स कर देता है खत्म
वॉटर प्यूरिफायर का इस्तेमाल कई केसेज में सही रहता है लेकिन आरओ वॉटर पानी को साफ करने के साथ ही पानी में मौजूद मिनिरल्स का खात्मा भी कर देता है। मिनिरल्स हमारे शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। कुछ मिनरल्स जैसे कि सोडियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन आदि शरीर के लिए लाभदायक हैं। यानी पानी पीने से आपकी प्यास तो बुझ जाएगी लेकिन पानी पीने से मिलने वाला फायदा आप नहीं उठा पाएंगे। मिनिरल्स का सफाया हो जाने के बाद पानी हल्की मात्रा में एसिडिक भी हो सकता है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्द हो सकता है। यानी रिवर्स ओस्मोसिस (आरओ) प्रोसेस से मिलने वाला पानी 100 प्रतिशत तक हेल्दी नहीं होता है, लेकिन पानी साफ होता है और इसे पिया जा सकता है। जिन इलाको में गंदा पानी आता है, वहां आरओ का इस्तेमाल यकीनन फायदेमंद ही साबित होगा। वॉटर प्यूरिफायर के नुकसान तो होते ही हैं, साथ ही इसका फायदा ये भी होता है कि आप को गंदा पानी नहीं पीना पड़ता है।