डिप्रेशन के लिए थेरिपी एक प्रभावी उपचार है। ज्यादातर साइकोथेरिपी या “टॉक थेरिपी’ अवसाद के इलाज में अपनाई जाती हैं। हालांकि, ये थेरिपी गंभीर अवसाद के इलाज के लिए पर्याप्त नहीं है। लेकिन, एंटी-डिप्रेसेंट्स दवाओं सहित अन्य उपचारों के साथ उपयोग किए जाने पर कारगर साबित हो सकती है। डिप्रेशन के लिए थेरिपी ट्रीटमेंट्स नए तरीकों को सोचने, बर्ताव करने और आदतों को बदलने में मदद करती है। जिससे डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार आता है।
डिप्रेशन पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
डॉक्टर विवेक अग्रवाल (केजीएमयू, लखनऊ) ने “हैलो स्वास्थ्य’ से हुई बातचीत के दौरान बताया कि “अवसाद दुनिया भर में फैली बीमारियों में से सबसे खतरनाक है। डिप्रेशन के लिए प्रभावी मनोवैज्ञानिक और मेडिकल ट्रीटमेंट्स उपलब्ध हैं। हालांकि, साइकोथेरिपी अवसाद की पहले स्टेज में प्रभावी होती है। परसिस्टेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर (Persistent depressive disorder) में ये दवाओं के साथ कार्य कर सकती है। वहीं, एंटी-डिप्रेसेंट्स दवाओं का इस्तेमाल मध्यम-गंभीर अवसाद के लिए किया जाता है। बच्चों और किशोरों में डिप्रेशन के इलाज के लिए एंटी-डिप्रेसेंट्स दवाओं का उपयोग हल्के अवसाद के इलाज के लिए नहीं किया जाना चाहिए।’
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कौन-कौन सी डिप्रेशन के लिए थेरिपी है? (Therapies for Depression)
डिप्रेशन के लिए थेरिपी: साइकोथेरिपी या मनोचिकित्सा (Psychotherapy)
मनोचिकित्सा, थेरिपी का एक प्रकार है। इसके उपयोग से भावनात्मक परेशानियों और मेंटल प्रॉब्लम्स के इलाज के लिए किया जाता है। आप सोचते होंगे कि डिप्रेशन के इलाज में मनोचिकित्सा कैसे काम करती है? दरअसल, साइकोथेरिपी में मनोचिकित्सक मरीज से बातचीत के जरिए समस्याओं का समाधान करता है। साइकोथेरिपी का उद्देश्य डिप्रेशन के क्या कारण हैं? इसका पता लगाना है। इस थेरिपी से पेशेंट्स के विचारों और व्यवहार में बदलाव आता है और मन से सभी तरह की नकारात्मकता दूर होती है। डॉक्टर्स के मुताबिक साइकोथेरिपी कई तरह से की जाती है लेकिन सबका उद्देश्य एक ही होता है, डिप्रेशन की वजह जानना और कैसे उससे बाहर निकला जाए। थेरिपी से अवसाद के उपचार में कुछ महीनों से लेकर सालों का समय भी लग सकता है। ऐसा देखा गया है कि जो लोग स्ट्रेस, डिप्रेशन से बाहर निकलना चाहते हैं, उन्हें मनोचिकित्सा से लाभ होता है। अगर साइको थेरिपी के साथ मेडिसिन्स का भी उपयोग की जाए तो इससे बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar Disorder) और स्किजोफ्रेनिया (Schizophrenia) जैसे मेंटल डिसऑर्डर के इलाज में भी मदद मिलती है। साइको थेरिपी कई अलग-अलग तरह से भी की जाती है। जानिए कितनी तरह की होती है साइको थेरेपी…
डिप्रेशन के लिए थेरिपी: व्यक्तिगत थेरिपी (Individual Therapy)
इस थेरिपी के दौरान एक्सपर्ट सिर्फ पेशेंट से बातचीत कर उसकी परेशानी जानने की कोशिश करता है।
डिप्रेशन के लिए थेरिपी: ग्रुप थेरिपी (Group Therapy)
इस थेरिपी में एक्सपर्ट कई सारे पेशेंट्स की एक साथ साइको थेरेपी करता है। इसमें यह फायदा होता है कि आप जो सोच रहे होते हैं कि जिन परेशानियों से आप जूझ रहे हैं और सोचते हैं सिर्फ आपके साथ ऐसा हो रहा है तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। आपके आस-पास बहुत सारे लोग भी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं।
डिप्रेशन के लिए थेरिपी: फैमिली थेरिपी (Family Therapy)
इस थेरिपी में आपका परिवार शामिल होता है। आपके परिवार के लोग यह जान पाते हैं कि डिप्रेशन आपको किस तरह प्रभावित कर रहा है। साथ ही वह यह जान पाते हैं कि आपको डिप्रेशन में किस तरह बाहर लाया जा सकता है। आपको बता दें, यह पेशेंट की स्थिती पर निर्भर करता है कि उसकी कौन सी थेरिपी की जाए।
डिप्रेशन के लिए थेरिपी: कपल थेरिपी (Couple Therapy)
इस थेरिपी में एक्सपर्ट पति पत्नी को साथ में बिठा कर दोनों से बात करता है। इससे पार्टनर अपने साथी के डिप्रेशन के कारण व उससे हो रही परेशानी को समझ पाता है।
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डिप्रेशन के लिए थेरिपी: लाइट थेरिपी (Light Therapy)
लाइट थेरिपी को फोटोथेरिपी के रूप में भी जाना जाता है। सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) की वजह से लोग सर्दियों के दौरान डिप्रेस्ड महसूस करने लगते हैं। इसे सीजनल डिप्रेशन भी कहा जाता है। ऐसे में डिप्रेशन को दूर करने में लाइट थेरिपी काफी हद तक मददगार साबित होती है। इस थेरिपी में शरीर को कुछ खास कृत्रिम लाइट्स के संपर्क में लाया जाता है जिससे शरीर को मौसम के अनुसार सामंजस्य बिठाने में मदद मिलती है। इससे डिप्रेशन के लक्षण को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा स्लीप डिसॉर्डर और अन्य प्रकार के अवसाद के इलाज में भी लाइट थेरिपी का इस्तेमाल किया जाता है।
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डिप्रेशन के लिए थेरिपी: म्यूजिक थेरिपी (Music Therapy)
म्यूजिक थेरिपी का इस्तेमाल थेरेपिस्ट डिप्रेशन को कम करने के लिए करते हैं। 2011 के ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकाइट्रिस्ट (The British Journal of Psychiatry) में छपे एक आर्टिकल में ये बताया गया कि 18 से 50 वर्ष की आयु के 79 लोगों पर हुई रिसर्च के अनुसार 33 लोगों को अवसाद के उपचार के साथ-साथ संगीत थेरिपी का भी उपयोग किया गया और परिणाम में देखा गया कि ऐसे लोग 20 गुना तेजी से ठीक हुए। दरअसल, म्यूजिक सुनने से दिमाग और बॉडी शांत होती और हार्मोन डोपामाइन का स्तर बढ़ता है। डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमिटर (neurotransmitter) जो ब्रेन में मौजूद तंत्रिका कोशिकाओं (न्यूरॉन्स) के बीच सिग्नल्स को भेजने के लिए जिम्मेदार होता है। म्यूजिक थेरिपी डिप्रेशन कम करने के साथ ही पार्किंसन (Parkinson) और अल्जाइमर के उपचार (Alzheimer) में भी मददगार साबित होती है।
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रिसर्च क्या कहती है?
कई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि डिप्रेशन के लिए संगीत थेरिपी खासतौर पर तेज रिदम वाला संगीत आपके दिल और सांसों को प्रभावित करता है। यह आपके हार्ट रेट को प्रभावित करता है, जिससे आप रिलेक्स महसूस करते हैं। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि इसकी वजह से एंडॉर्फिन्स भी रिलीज होते हैं, जाे नेचुरल पेनकिलर का काम करते हैं। इसके अलावा यह मसल टेंशन को कम करके भी आपको आराम पहुंचाता है।
डिप्रेशन के उपचार में संज्ञानात्मक व्यवहार थेरिपी (Cognitive behavioral therapy) के साथ ही अगर मेडिटेशन (Meditation), योग (Yoga), एक्यूपंक्चर (Acupuncture) आदि का सहारा लिया जाए तो अवसाद, चिंता और तनाव में सुधार जल्दी आ सकता है।
डिप्रेशन सबसे गंभीर मानसिक समस्याओं में से एक है। WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) की मानें तो अवसाद की स्थिति खराब होने पर, यह आत्महत्या का कारण भी बन सकती है। इसलिए डिप्रेशन के लक्षणों को जल्द से जल्द पहचानकर अवसाद के उपचार शुरू कर देने चाहिए। डॉक्टर आपको डिप्रेशन के लिए थेरिपी के साथ-साथ की सलाह दे सकते हैं।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में डिप्रेशन के लिए थेरिपी के बारे में हर जरूरी जानकारी दी गई है। यदि आप डिप्रेशन के लिए थेरिपी से जुड़ी कोई अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट सेक्शन में लिख सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
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