हार्ट वॉल्व में खराबी के कारण कई कॉम्प्लीकेशंस का सामना करना पड़ सकता है। हार्ट फेलियर (Heart failure), स्ट्रोक (Stroke), ब्लड क्लॉट का खतरा, हार्ट रिदम का एब्नॉर्मल होना आदि शामिल हैं। हार्ट वॉल्व में खराबी के कारण व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है।
इन दिक्कतों का निदान कैसे किया जा सकता है?
हीरानंदानी हॉस्पिटल, वाशी ए फोर्टिस नेटवर्क हॉस्पिटल, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ. बृजेश कुंवर के अनुसार, ” अगर आपको बीमारी के लक्षण नजर आते हैं, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर हार्ट मर्मर (heart murmur) या अन्य हार्ट वॉल्व डिजीज को डिटेक्ट करने की कोशिश करेंगे। कार्डियोलॉजिस्ट कंडीशन को डायग्नोज करने की कोशिश करेंगे। फिर इसके बाद डॉक्टर मेडिकेशन और सर्जरी के बारे में तय करते हैं। सभी हार्ट डिजीज को सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। हार्ट डिजीज का इलाज मरीज की कंडिशन पर निर्भर करता है। मेडिकेशन या सर्जरी से पहले क्लीनिकल और रेडियोलॉजिकल इंवेस्टिगेशन किया जाता है। अगर मरीज दवाओं या थेरिपी की मदद से ठीक नहीं हो सकता है, तो पेशेंट को सर्जरी की जरूरत पड़ती है। सर्जरी के जोखिम और लाभों दोनों को जांचने के बाद पेशेंट को विशेषज्ञ द्वारा सही सलाह दी जानी चाहिए।”
डॉक्टर आपसे बीमारी के लक्षणों के बारे में जानकारी लेने के साथ ही फिजिकल एक्जामिनेशन भी कर सकते हैं। फिजिकल चेकअप के दौरान डॉक्टर स्टेथोस्कोप की मदद लेते हैं। टेस्ट और प्रोसीजर के दौरान डॉक्टर ईकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography-ECG) करते हैं। इससे हार्ट डिजीज का पता चलता है। साथ ही डॉक्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम और चेस्ट एक्स-रे भी कर सकते हैं। डॉक्टर चेस्ट एक्स-रे, स्ट्रेस टेस्टिंग और कार्डियक कैथेटराइजेशन (cardiac catheterization) भी करते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
हार्ट वॉल्व (Heart valve) से जुड़ी तकलीफ के लिए ट्रीटमेंट
हार्ट वॉल्व की तकलीफ से बचने के लिए अभी तक कोई मेडिसिन नहीं बनी है। अगर लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए और बीमारी के लक्षणों को दबाया जाए, तो पेशेंट को राहत मिल सकती है। हार्ट वॉल्व डिजीज से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर सर्जरी की सलाह दे सकते हैं। बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर आपको कुछ मेडिसिन लेने की सलाह दे सकते हैं। जानिए हार्ट वॉल्व से जुड़े ट्रीटमेंट के बारे में।
मेडिकेशन (Medicines)
डॉक्टर आपको ब्लड प्रेशर लो करने या फिर हाय ब्लड कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए दवा देंगे। साथ ही अनियमित हार्टबीट को ठीक करने के लिए भी मेडिसिन दी जाती है। वहीं जिन लोगों को क्लॉट की समस्या हो जाती है, उसे भी मेडिसिंस की हेल्प से ठीक किया जाता है। ब्लड वेसल्स को वाइड करने के लिए भी डॉक्टर दवा का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं।
हार्ट वॉल्व को रिप्लेस करके (Repairing or Replacing Heart Valves) बीमारी का इलाज
डॉक्टर आपको हार्ट वॉल्व को रिप्लेस करवाने या फिर रिपेयर करवाने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा करने से मौत के खतरे को कम किया जा सकता है। अगर आप हार्ट वॉल्व नहीं रिपेयर या रिप्लेस करवाते हैं, तो हार्ट को हर समय खतरा बना रहता है। एज और हेल्थ को देखते हुए डॉक्टर हार्ट सर्जरी की सलाह देते हैं। हार्ट वॉल्व रिप्लेस करवाने से हार्ट मसल्स को स्ट्रेंथ मिलती है। जो लोग हार्ट वॉल्व को रिप्लेस करवाते हैं, उन्हें इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस ( infective endocarditis) का खतरा कम हो जाता है।
रॉस प्रोसेस (Ross Procedure)
डॉक्टर रॉस प्रोसेस की हेल्प से एओर्टिक (aortic) वॉल्व की समस्या को ठीक करते हैं। इस सर्जरी के बाद ऑर्टिक वॉल्व को पल्मोनरी वॉल्व से रिप्लेस कर देते हैं। इस प्रक्रिया में रिस्क अधिक होता है क्योंकि इसके लिए डोनर की जरूरत पड़ती है। बच्चों के लिए इस प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित माना जाता है, जबकि वयस्कों और अधिक उम्र के लोगों में अधिक जटिलताएं होती हैं।aortic