के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
नागरमोथा आमतौर पर “नट ग्रास” के नाम से जाना जाता है और इसका साइंटिफिक नाम है साइपरस रोटंडस (Cyperus rotundus)। यह हर्ब साइपरेसी (Cyperacea) परिवार से संबंध रखती है। भारत में भी हर्ब आसानी से मिल जाती है और आयुर्वेद में भी इसका खास महत्व है। इस जड़ी-बूटी के प्रमुख रासायनिक घटक एसेंशियल ऑयल, फ्लेवोनोइड्स, टेरपीनोइड्स, साइपरोल, गोजुजेन, ट्रांस-कैलामेनीन, कैडलीन, साइपरोटंडोन, मस्टैकोन, आइसोसाइपोलोल, आइसोकोनोल आदि हैं। शोध के मुताबिक इस हर्ब में एनाल्जेसिक, डायूरेटिक,कृमिनाशक, एंटी-इंफ्लेमेटरी,एंटी -डाइसेंट्रिक, रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं जो कई रोगों से छुटकारा दिलाने में लाभकारी हैं।
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नागरमोथा का पौधा देखने में घास की तरह लगता है। यह हर्ब कई रोगों को दूर करने में प्रभावी है जैसे पेट, त्वचा, दांतों और गर्भाशय की समस्याएं आदि। हमारे देश में ही नहीं अन्य देशों में भी नागरमोथा का प्रयोग स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है। यह पौधा चीन में 250 एंटीफर्टिलिटी प्लांट्स में से 8 वें स्थान पर है। जानिए इसके क्या-क्या लाभ हैं।
नागरमोथा का प्रयोग मासिक धर्म में महिलाओं को होने वाली समस्याओं जैसे पेट दर्द, अपच या ऐंठन आदि को दूर करने में प्रभावी है। इसके साथ ही गर्भाशय की परेशानियों को दूर करने में भी यह हर्ब फायदेमंद है। सर्वाइकल कैंसर के उपचार के लिए भी नागरमोथा का प्रयोग किया जाता है।
अगर इस हर्ब का प्रयोग काली-मिर्च के साथ किया जाए तो यह पेट दर्द दूर करने में असरदार है। इसके साथ ही दस्त, गैस जैसी समस्याओं को भी यह दूर करती है।
नागरमोथा के तने का सूखे अदरक और अन्य औषधियों के साथ काढ़ा बना कर रोगी को पिलाने से मलेरिया या टाइफाइड में होने वाले बुखार से मुक्ति मिलती है।
अगर इस हर्ब को त्वचा पर लगाया जाए तो त्वचा के दाग-धब्बे, बालों में होने वाली रुसी, घाव या त्वचा के अलसर से छुटकारा मिलता है। बिच्छू आदि के काटने पर भी नागरमोथा का प्रयोग किया जाता है।
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इस जड़ी-बूटी से बने तेल का प्रयोग कई बैक्टीरियल या फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए किया जाता है। वजन कम करने या तनाव आदि को दूर करने में भी यह हर्ब लाभकारी है।
दांतों की समस्याओं को दूर करना हो तो भी नागरमोथा का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नागरमोथा एक एंटीऑक्सीडेंट है जो ब्लड शुगर को कम करने में सहायक है। इसके साथ ही यह बैक्टीरिया को बढ़ने से भी रोकता है। वजन या मोटापा कम करने के लिए भी नागरमोथा फायदेमंद है। त्वचा या दांतों के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
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इसका सेवन करने से निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं:
नागरमोथा के फायदों के बारे में आप जान गए होंगे। अब जानते हैं इसके साइड इफ़ेक्ट के बारे में। नागरमोथा के साइड इफेक्ट्स के बारे में अभी पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है। लेकिन, सुरक्षित रहें और आप इसका सेवन बिना डॉक्टर की सलाह के न करें। अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं तो आपको कोई भी दवाई या औषधि बिना डॉक्टर की राय के नहीं लेनी चाहिए क्योंकि, उनके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं जो आपके और आपके शिशु के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। बच्चों को भी अपनी मर्जी से कोई भी दवाई या हर्ब न दें।
नागरमोथा का सेवन करने से पहले अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से अवश्य सलाह लें,खासतौर पर अगर :
अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी समस्या है तो आपको नागरमोथा लेने से पहले सावधान होना चाहिए और डॉक्टर की राय लेनी चाहिए।
नागरमोथा खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इससे छोटी सी चोट लगने पर नील पड़ने या जिन लोगों को ब्लीडिंग विकार हैं, उनमें अत्यधिक रक्तस्त्राव होने की संभावना बढ़ जाती है।
नागरमोथा का प्रयोग करने से हार्टबीट कम हो सकती है। जिन लोगों की पहले से ही हार्ट रेट धीमी रहती है ,उनके लिए इस जड़ी-बूटी का सेवन खतरनाक हो सकता है।
इस हर्ब का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल भी कम हो सकता है। अगर आपको डायबिटीज है और आप नागरमोथा का सेवन कर रहे हैं। तो आपको नियमित रूप से अपनी ब्लड शुगर जांचनी चाहिए। इस हर्ब का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर को अवश्य पूछ लें।
नागरमोथा आंतों में रुकावट पैदा कर सकता है। जिन लोगों को पहले से ही यह समस्या है और ऐसे में अगर वो इस हर्ब को लेते हैं, तो उनकी समस्या बढ़ सकती है।
नागरमोथा पेट और आंतों में स्राव बढ़ा सकता है। अगर आपको अलसर है और आप इस हर्ब को ले रहे हैं तो आपको अधिक परेशानी होने की संभावना है।
यह हर्ब फेफड़ों में द्रव स्राव को बढ़ा सकती है। इसलिए, अगर आपको अस्थमा या वातस्फीति (emphysema) है तो अधिक ध्यान रखें।
नागरमोथा का प्रयोग करने वाले लोगों में सीज़र्स की समस्या बढ़ सकती है।
इस हर्ब के इस्तेमाल से ब्लड शुगर या ब्लड क्लॉटिंग कम हो सकती है। यह चिंता का विषय है क्योंकि यह हर्ब सर्जरी के दौरान ब्लीडिंग या ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, अगर आपकी सर्जरी होने वाली है तो आप इस हर्ब का सेवन करना दो हफ्ते पहले ही बंद कर दें।
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नागरमोथा लेने की सही डोज कई चीज़ों पर निर्भर करती है जैसे रोगी की उम्र, स्वस्थ या मेडिकल स्थिति आदि। लेकिन, इसे किस मात्रा में लेना चाहिए, इसकी कोई वैज्ञानिक जानकारी मौजूद नहीं है। हमें हमारे दिमाग में एक बात हमेशा रखनी चाहिए कि प्राकृतिक चीज़ों या औषधियों का सेवन करना हमेशा लाभदायक नहीं होता। इसलिए कभी भी न तो अपनी मर्जी से इनका सेवन करें और न ही इनकी खुराक की मात्रा को खुद निर्धारित करें। ऐसा करना आपके स्वास्थ्य को हानि पहुंचा सकता है। आप चाहे किसी भी दवाई, औषधि या सप्लीमेंट का सेवन कर रहे हों, इन्हे लेने से पहले अपने डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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नागरमोथा निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध होता है:
अगर आप नागरमोथा से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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