के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
वातस्फीति फेफड़ों की एक स्थिति है, जो सांस लेने की समस्या का कारण बन सकती है। यह क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) है। समय के साथ यह परेशानी और भी गंभीर हो सकती है।
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज वाले अधिकांश लोगों में वातस्फीति और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस दोनों होते हैं, लेकिन इस रोग की स्थिति हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है। जब हम सांस अंदर लेते हैं तो क्षतिग्रस्त एल्वियोली ठीक से काम नहीं करती है और पुरानी हवा फंस जाती है। जिससे ताजी, ऑक्सीजन युक्त हवा के शरीर में प्रवेश के लिए कोई जगह नहीं बचती। वातस्फीति एक अपरिवर्तनीय स्थिति है, इसलिए उपचार का उद्देश्य इसको बढ़ने से रोकना और लक्षणों को कम करना होता है।
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वातस्फीति के दो मुख्य लक्षण हैं वो हैं सांस लेने में समस्या और गंभीर खांसी। यह लक्षण शुरुआत में ही दिखाई देने लगते हैं। सांस लेने में समस्या शुरुआत में केवल शारीरिक श्रम करने या थकने पर ही होती है लेकिन धीरे -धीरे यह परेशानी सामान्य रूप से होने लगती है।
अन्य स्थितियों में भी आपको वातस्फीति और सीओपीडी के कई लक्षणों जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं, इसलिए चिकित्सा सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
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इस बारे में एसएल रहेजा अस्पताल, माहिम की सलाहकार चिकित्सक और विशेषज्ञ-आंतरिक चिकित्सा की डॉक्टर परितोष बघेल का कहना है कि यह कार्डिएक टैम्पोनैड एक चिकित्सा आपात स्थिति है, इसलिए इसमें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है। कार्डिएक टैम्पोनैड के उपचार के दो उद्देश्य हैं। यह आपके दिल पर पड़ रहे दबाव को दूर करता है और स्थिति का अत्धिक गंभीर होने से पहले इलाज बहुत जरूरी है। प्रारंभिक उपचार में आपके डॉक्टर कुछ बातों को सुनशिचित करेंगे कि डॉक्टर आपके पेरिकार्डियल थैली से तरल पदार्थ निकाल दें। इस प्रक्रिया को पेरीकार्डियोसेंटेसिस कहा जाता है। यदि आपका घाव ताजा है, तो रक्त निकालने या रक्त के थक्कों को हटाने के लिए आपका डॉक्टर एक अधिक आक्रामक प्रक्रिया कर सकते हैं, जिसे थोरैकोटॉमी कहा जाता है। वे आपके दिल पर दबाव को दूर करने में मदद करने के लिए आपके पेरीकार्डियम का हिस्सा निकाल सकते हैं।
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वातस्फीति के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले आपसे इसके लक्षण और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पूछेंगे। इसके बाद आपकी शारीरिक जांच की जायेगी। आपके डॉक्टर कुछ टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं।
इस रोग की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर आपको दवाइयां दे सकते हैं, जो इस प्रकार हैं
वातस्फीति की समस्या की गंभीरता को देखते हुए, डॉक्टर आपको निम्नलखित सर्जरी की सलाह दे सकते हैं :
लंग वॉल्यूम रिडक्शन सर्जरी : इस प्रक्रिया में, सर्जन क्षतिग्रस्त फेफड़े के ऊतकों में होने वाले छोटे घावों को हटा देते हैं। रोगग्रस्त ऊतक को हटाने से बचे हुए फेफड़े के ऊतकों को खुलने और अधिक कुशलता से काम करने में मदद मिलती है और सांस लेने में भी सहायता मिलती है।
लंग ट्रांसप्लांट : लंग ट्रांसप्लांट वो विकल्प है जब आपके फेफड़ों की गंभीर नुकसान हुआ हो और अन्य सभी विकल्प विफल हो गए हों।
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