के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
केवांच का वानस्पतिक नाम मुकुना प्रुरियंस (Mucuna pruriens) है और फैबेसी (Fabaceae) प्रजाति का होता है। इसे कौंच, किवांच, कौंच के कपिकच्छु, काउहैज, कोवंच, अलकुशी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, इसे वेलवेट बीन्स (Velvet Beans) यानी मखमली सेम भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल सब्जी के साथ-साथ आयुर्वेद में औषधी के तौर पर भी किया जा सकता है। एक औषधी के तौर पर इसके पत्तों, बीज, तने और जड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है।
केवांच का पौधा एक बेल होता है, जिसे बढ़ने और फैलने के लिए किसी सहारे की जरूरत हो सकती है। इसका इस्तेमाल कुष्ठ रोग, योनि से जुड़ी समस्याओं, मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं, पुरुष बांझपन और खून से संबंधित बीमारियों के उपचार में किया जा सकता है। सामान्य तौर पर लोगों के इसके बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है। क्योंकि, इसका एक रूप जंगली होता है और दूसरा खेती करने योग्य होता है। इसकी दो प्रजातियां मुख्य होती है।
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केवांच की यह प्रजाति जंगलों में अपने आप उगती है। इस पर बहुत अधिक रोएं होते हैं जो घने और भूरे रंग के होते हैं। अगर यह शरीर पर लग जाए तो तेज खुजली, सूजन और जलन का कारण बन सकते हैं। केंवाच की फलियों के ऊपर भी बन्दरों के रोम जैसे रोम होते हैं। यह अन्य प्राणियों में भी खुजली की समस्या का कारण बन सकता है। इसलिए इसे मर्कटी और कपिकच्छू जैसे नामों से भी जाना जाता है।
इसका इस्तेमाल औषधी और सब्जी के रूप में भी किया जा सकता है।
केवांच के इस्तेमाल से निम्न स्थितियों का उपचार किया जा सकता है, जिसमें शामिल हैंः
अनिद्रा की समस्या से राहत पाने के लिए सफेद मूसली के साथ केवांच का सेवन किया जाए, तो अनिद्रा की समस्या दूर की जा सकती है।
विटामिन्स की कमी के कारण और खराब लाइफस्टाइल के कारण शरीर दर्द की समस्या या कमर दर्द की समस्या आज बेहद आम हो गई है जिसके प्राकृतिक उपचार के लिए आप केवांच का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक होता है, तो दर्द निवारक का काम करते हैं।
दमा यानी अस्थमा के शुरूआती लक्षणों को दूर करने में केवांच काफी लाभकारी साबित हो सकता है। यह एंटी-हिस्टामिनिक की तरह काम करता है और किसी भी तरह की एलर्जी से शरीर का बचाव कर सकता है।
केवांच का बीज का मुख्य रूप से इस्तेमाल पार्किंसन के उपचार के लिए किया जा सकता है जिसका सफल परिणाम कई शोधों में पाया गया है। पार्किंसन तंत्रिका तंत्र से जुड़ी एक बीमारी है, जिसकी स्थिति में व्यक्ति को कंपकंपी, शरीर में दर्द की समस्या, चलने-फिरने में परेशानी की समस्या हो सकती है। इसकी समस्या बढ़ती उम्र में अधिक हो सकती है। ऐसे में कौंच के एल-डोपा नामक एमिनो एसिड के गुण एंटी-पार्किंसन के तौर पर मददगार हो सकते हैं और पार्किंसन के उपचार में काफी मददगार हो सकते हैं।
अगर आप वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज और डायट प्लान कर रहे हैं, तो केवांच का भी सेवन करना इसमें काफी लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि यह एंटी-ओबेसिटी के गुण होते हैं। हालांकि, इसका सेवन आपको कैसे करना चाहिए इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
तनाव के कारण अनिद्रा, कई तरह की मानसिक समस्याएं, दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां और कई तरह के शारीरिक स्थितियों के होने का जोखिम अधिक बढ़ सकता है। ऐसे में तनाव कम करने और स्ट्रेस फ्री लाइफ के लिए केवांच का सेवन कर सकते हैं। इसमें एंटी-डिप्रेसेंट गुण होते हैं, जो तनाव कम करने और शरीर में खुशी का अनुभव कराने वाले हार्मोन डोपामाइन के रिसाव को बढ़ा सकता है।
पुरुषों में बांझपन की समस्या दूर करने और फर्टिलिटी को बढ़ाने में भी केवांच का सेवन करना काफी लाभकारी साबित हो सकता है। इसके सेवन से तनाव, हार्मोन असंतुलन जैसी कई स्थितियों को दूर किया जा सकता है, जो मेल इनफर्टिलिटी का कारण बनने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट की जरूरत हो सकती है जिसकी मदद से शरीर कई तरह की बीमारियों से लड़कर बचाव करता है। केवांच में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी काफी अच्छी मात्रा पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकते हैं।
कुछ शोध के मुताबिक, केवांच के सेवन से पुरुषों में हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया का इलाज क लिए किया जा सकता है। इसका प्रभाव हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा क्लोरप्रोमाजिन के जितना ही प्रभावी हो सकता है। हालांकि, महिलाओं में इस स्थिति के उपचार में यह कितना लाभकारी हो सकता है, इस पर अभी भी शोध करने की आवश्यकता है।
केवांच के बीज में कई तरह के पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैंः
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एक औषधी के तौर पर केवांच का इस्तेमाल करना पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, इसके ओवरडोज और इसके फलियों पर रहने वाले रोम से शरीर में खुजली की समस्या हो सकती है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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केवांच का इस्तेमाल करना पूरी तरह से सुरक्षित हैं। हालांकि, अगर कोई इसका अधिक सेवन करता है, तो निम्न स्थितियां हो सकती हैः
केवांच का सेवन करने की सही मात्रा व्यक्ति के उम्र और शारीरिक स्थिति पर निर्भर कर सकता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह लें।
केवांच निम्न रूपों में उपलब्ध हैः
अगर आपका इससे जुड़ा किसी तरह का कोई सवाल है, तो इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
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