जैसा कि जलने के प्रकार (Types of burns) के नाम के आधार पर ही साफ है कि फर्स्ट डिग्री में त्वचा की सिर्फ ऊपरी परत ही प्रभावित होती है। सिर्फ ऊपरी त्वचा की कोशिकाएं जलती हैं और वे खुद बखुद ठीक भी होने लगती हैं। इशके साथ ही जलने का निशान भी धीरे-धीरे गायब हो जाता है। फर्स्ट डिग्री बर्न आमतौर पर 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाता है।
फर्स्ट डिग्री बर्न में डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
इस जलने के प्रकार (Types of burns) में भी आपको को डॉक्टर को दिखाने की जरूरत पड़ सकती है, अगर जलन त्वचा के एक बड़े हिस्से में होती है। दूसरे शब्दों में समझा जा सकता है कि तीन इंच से अधिक परिधि में अगर त्वचा जली है तो आपको डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। अगर निम्न अंग जले तो भी डॉक्टर से मिलें
फर्स्ट डिग्री बर्न का इलाज क्या है?
फर्स्ट डिग्री बर्न का इलाज आमतौर पर घरेलू तरीके से किया जा सकता है। इस जलने के प्रकार (Types of burns) का इलाज ऐसे करें:
- जले हुए भाग को ठंडे पानी में तब तक डाले रहें, जब तक कि आपको अंदर से ठंडक न महसूस होने लगे।
- दर्द से राहत के लिए एसिटामिनोफेन या आईूब्यूप्रोफेन ले सकते हैं।
- जले हुए स्थान पर एलोवेरा जेल या क्रीम के साथ लिडोकाइन (सुन्न करने की दवा) लगा सकते हैं।
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क्या न करें
जलने पर त्वचा पर सीधे बर्फ का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे मामला और भी बदतर हो सकता है। कभी भी रूई से जले स्थान पर न पोछें। क्योंकि छोटे टिश्यू चोट से चिपक सकते हैं और इंफेक्शन का खतरा बढ़ा जाता हैं। इसके अलावा, मक्खन, अंडे आदि लगाने जैसे घरेलू इलाज से बचें क्योंकि ये मददगार नहीं साबित होते हैं।
सेकेंड डिग्री बर्न (Secind degree burn) क्या है?
जलने के प्रकार (Types of burns) में सेकेंड डिग्री बर्न में जलना अधिक गंभीर स्थिति होती है। क्योंकि त्वचा की पहली के अलावा दूसरी पर्त भी जल जाती है। इस जलने के प्रकार से त्वचा पर छाले पड़ जाते हैं और जले हिए स्थान पर लालपन हो जाता है।