के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
शंखपुष्पी के नाम से हमें बचपन में दिमाग तेज करने के लिए दी जाने वाली सीरप का ध्यान आता है और अमूमन हर किसी ने शंखपुष्पी का सेवन बचपन या कभी न कभी जरूर किया होगा। दरअसल, ऐसा इसलिए है, क्योंकि शंखपुष्पी दिमाग के लिए काफी प्रभावशाली और जरूरी जड़ी-बूटी है। आयुर्वेद के मुताबिक, शंखपुष्पी में एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-डायबिटिक और कार्डियोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं और इसके अलावा, इसमें अल्कालॉइड, फ्लेवोनॉइड और फेनोलिक्स की भी अच्छी मात्रा होती है।
शंखपुष्पी का पौधा जन्म भारत से जोड़ा जाता है, जिसके खासकर फूल को औषधि निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि, शंखपुष्पी के दो रंग के फूल होते हैं, पहला सफेद और दूसरा नीला और औषधि के लिए सफेद या हल्के गुलाबी रंग के फूल का इस्तेमाल किया जाता है जिसका वैज्ञानिक नाम कोनोवुल्लूस प्लूरिकालिस (Convolvulus Pluricaulis Choisy) है और यह कोनोवुल्लासी (Convolvulaceae) फैमिली से संबंध रखता है। यह जड़ी-बूटी दिमाग, त्वचा, पेट और दिल के स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है।
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शंखपुष्पी निम्नलिखित स्थितियों व कार्यों के लिए इस्तेमाल की जाती है। जैसे-
शंखपुष्पी का सबसे प्रचलित और ज्यादा इस्तेमाल दिमागी क्षमता और याद्दाश्त को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह दिमाग को तेज और सक्रिय करता है। इस पौधे में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड और न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखने के साथ-साथ भूलने की बीमारी से भी बचाव करते हैं। यह भारत में याद्दाश्त को बढ़ाने के लिए पारंपरिक औषधि है।
शंखपुष्पी का सेवन दिल के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना गया है। कुछ शोध में देखा गया है कि, इस जड़ी-बूटी का एथेनॉलिक एक्सट्रैक्ट शरीर में कार्डिएक अरेस्ट के मुख्य कारणों में से एक नॉन-एस्टेरिफाइड फैटी एसिड (Non-Esterified Fatty Acid ; NEFA) का स्तर घटाता है। इस कार्य में शंखपुष्पी में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड, काएमपफेरोल (Kaempferol) नामक फ्लेवोनॉयड मदद करते हैं।
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शंखपुष्पी का सेवन त्वचा को स्वस्थ बनाने के लिए भी किया जाता है। शोध में सामने आया है कि, यह जड़ी-बूटी त्वचा के अंदर आसानी से जाती है और सभी त्वचा की सभी परतों को पूरा पोषण प्रदान करती है जिससे त्वचा दमकने लगती है और यह कील-मुहांसों से छुटकारा दिलाने में भी मदद करती है।
शंखपुष्पी के पौधे में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो आपके शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। इससे डायबिटीज के रोग की रोकथाम की जा सकती है और धीरे-धीरे उसपर काबू पाया जा सकता है।
हाल ही में हुई स्टडी के मुताबिक, शंखपुष्पी में एंटी-थायरॉइड गुण पाए जाते हैं और खासकर इस जड़ी-बूटी की जड़ का एक्सट्रैक्ट हाइपर थायरॉइडिज्म में प्रभावशाली पाया जाता है। इसका एक्सटैक्ट शरीर में थायरॉइड हार्मोन के स्तर को घटाने में मदद करता है और शंखपुष्पी लिवर द्वारा उत्पादित किए जाने वाले एंजाइम को बढ़ाते हैं, जो थायरॉइड के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
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इसका सेवन करने पर शरीर का पाचन मजबूत किया जा सकता है और अपच संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए भारत में पारंपरिक तौर पर इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसके पौधे से निकलने वाले एक्सट्रैक्ट शरीर में फ्लूड रिटेंशन को रोकने में मदद करता है और मजबूत पाचन में मदद करता है।
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शंखपुष्पी का सेवन आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन अगर आप किसी क्रॉनिक डिजीज से गुजर रहे हैं या फिर खाद्य पदार्थ या दवाई आदि किसी भी प्रकार की एलर्जी का सामना कर रहे हैं, तो आपको इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से चर्चा करनी चाहिए। इसके साथ ही, अगर आप गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिला है, तो इसका सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करें। हालांकि, इसका संतुलित सेवन स्वास्थ्य पर कोई गंभीर नुकसान नहीं डालता और यह 3 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को दी जा सकती है।
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वैसे तो शंखपुष्पी का संतुलित सेवन काफी हद तक सुरक्षित माना जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि, हर्बल सप्लीमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए, किसी भी जड़ी-बूटी का सेवन या इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या हर्बलिस्ट से चर्चा करना सुरक्षित रहता है। वह आपके स्वास्थ्य व मेडिकल हिस्ट्री का अध्ययन करके बेहतर सलाह देते हैं।
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दवा के रूप में शंखपुष्पी की खुराक हर किसी व्यक्ति के लिए विभिन्न हो सकती है जो कि व्यक्ति की उम्र, लिंग, स्वास्थ्य व सेवन की जा रही दवा आदि अन्य कारकों पर निर्भर करती है। अत्यधिक मात्रा में इसका सेवन करने से आपको कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अपने लिए सही खुराक के लिए डॉक्टर या हर्बलिस्ट से संपर्क जरूर करें। लेकिन, आमतौर पर इसकी खुराक इस प्रकार है। जैसे-
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शंखपुष्पी निम्नलिखित रूपों में उपलब्ध हो सकती है। जैसे-
डिस्क्लेमर
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