इस बीमारी का नाम सुनकर आपको भले ही अजीब लगे लेकिन ये समस्या काफी खतरनाक हो सकती है। बता दें कि, ब्रोंकिओलिटिस ऑब्लिटरन्स लंग में होने वाली एक दुर्लभ बीमारी है, जिसे पॉपकॉर्न लंग भी कहा जाता है। वैसे तो इस बीमारी से पीड़ित लोगों की काफी कम संख्या अभी तक सामने आई है, लेकिन एक स्वास्थ्य समस्या होने की वजह से इस बारे में जानकारी जरूर होनी चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको विशेष रूप से बताने जा रहे हैं कि, पॉपकॉर्न लंग आखिर क्या है और इसके लक्षण, कारण एवं उपाय क्या हो सकते हैं।
पॉपकॉर्न लंग किसे कहते हैं ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, ये बीमारी मुख्य रूप से एक केमिकल डाईसेटिल की वजह से होती है। एक रिसर्च के अनुसार ये बीमारी मुख्य रूप से उनलोगों को होती है जो पॉपकॉर्न बनाने वाली कंपनी में काम करते हैं। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि, यह केवल उनलोगों को ही होता है, इसके अलावा भी ये बीमारी अन्य लोगों को भी हो सकता है। विशेष रूप से पॉपकॉर्न लंग को फेफड़ों की एक अपरिवर्तनीय स्थिति माना जाता है, इस बीमारी में खासतौर से लंग्स में मौजूद हवा की थैली काफी संकुचित हो जाती है। इस वजह से मरीज को सांस लेने में परेशानी हो सकती है।
पॉपकॉर्न लंग के क्या कारण हो सकते हैं
आमतौर पर देखा जाए तो पॉपकॉर्न लंग के कुछ ऐसे विशेष कारण हैं जिनको इग्नोर करना काफी मुश्किल हो सकता है, लेकिन इस वजह से होने वाली ये स्थिति विशेष रूप से आपके लिए काफी हद तक खतरनाक हो सकती है। इसलिए इस स्थिति से बचना काफी आवश्यक है। आइये जानते हैं इस बीमारी के क्या कारण हो सकते हैं।
पॉपकॉर्न लंग का एक बड़ा कारण ई-सिगरेट का सेवन करना होता है। बता दें कि, ई-सिगरेट का सेवन करने वाले बहुत से युवाओं में पॉपकॉर्न लंग की समस्या देखी गई है।
इस बीमारी का दूसरा कारण पॉपकॉर्न इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के डाईसेटिल नाम के केमिकल के संपर्क में आना है।
इन दो कारणों को मुख्य रूप से पॉपकॉर्न लंग के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेवार माना जाता है। हालांकि डाईसेटिल नाम के इस रसायन का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने अब इसपर रोक लगा दिया है। इसके अलावा कुछ ऐसे रसायन भी हैं जो खासतौर से पॉपकॉर्न लंग के कारण बन सकते हैं।
- सल्फर मस्टर्ड नाम का एक रसायन होता है जिसके संपर्क में आने से आपको पॉपकॉर्न लंग की समस्या हो सकती है।
- मेटल ऑक्साइड नाम के केमिकल से निकलने वाला धुआं भी इस बीमारी का एक प्रमुख कारण बन सकता है।
- सल्फर ऑक्साइड नाम के रसायन के संपर्क में आने से भी पॉपकॉर्न लंग की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
- अमोनिया भी एक ऐसा रसायन है जिसके संपर्क में आने से आप इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं।
- पॉपकॉर्न लंग की समस्या काफी देर तक नाइट्रोजन ऑक्साइड के संपर्क में आने की वजह से भी हो सकता है।
- यदि आप डेली बेसिस पर क्लोरीन के संपर्क में आते हैं तो, इस वजह से भी आपको ये बीमारी हो सकती है।
- हाइड्रोक्लोरिक एसिड के संपर्क में रहना भी आपके लिए विशेष रूप से हानिकारक साबित हो सकता है।
पॉपकॉर्न लंग के लक्षण
आमतौर पर देखा जाए तो पॉपकॉर्न लंग के मुख्य लक्षण सांस लेने में तकलीफ होने के साथ ही कफ की समस्या भी हो सकती है। इस बीमारी के लक्षण आपको अचानक से नजर नहीं आते बल्कि धीरे-धीरे आपको अपनी चपेट में लेने लगते हैं। सामान्य तौर पर पॉपकॉर्न लंग के अन्य लक्षण ये हो सकते हैं।
- सांस लेने में तकलीफ
- बुखार
- वजन में लगातार गिरावट आना
- रात को सोते वक्त पसीना आना
- कफ की समस्या बनी रहना
- छाती में दर्द
- धुंधला दिखाई पड़ना
ये सभी लक्षण भी विशेष रूप से पॉपकॉर्न लंग के कारण हो सकते हैं। कुछ केस में ऐसा भी पाया गया है कि, लोग पॉपकॉर्न लंग को अस्थमा की बीमारी भी समझ बैठते हैं।
पॉपकॉर्न लंग का निदान
किसी व्यक्ति में पॉपकॉर्न लंग की समस्या है या नहीं इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं। आइये जानते हैं पॉपकॉर्न लंग की समस्या का निदान कैसे किया जाता है।
चेस्ट एक्स-रे
पॉपकॉर्न लंग की बीमारी का पता लगाने के लिए आमतौर पर डॉक्टर एक चेस्ट एक्स-रे करवाने की सलाह देते हैं। इस टेस्ट के द्वारा व्यक्ति का लंग किस प्रकार से फंक्शन कर रहा है इसकी जानकारी ली जाती है।
सिटी स्कैन
पॉपकॉर्न लंग की समस्या का पता लगाने के लिए डॉक्टर सिटी स्कैन का सहारा भी ले सकते हैं। चेस्ट में किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सिटी स्कैन करवाना काफी फायदेमंद माना जाता है। इस प्रोसेस में विशेष रूप से फेफड़ों में होने वाली सभी एक्टिविटी जैसे, उसका आकार और लंग ठीक तरह से काम कर रहा है या नहीं इस बारे में पता लगाया जाता है।
इसके अलावा सर्जिकल लंग बायोप्सी के द्वारा भी पॉपकॉर्न लंग की बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
पॉपकॉर्न लंग का इलाज
आपको जानकर थोड़ी हैरानी हो सकती है लेकिन, अभी फिलहाल में पॉपकॉर्न लंग का कोई स्थाई इलाज नहीं निकला है। हालांकि इस बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए कुछ इलाज जरूर हैं लेकिन पूरी तरह से इसे ठीक नहीं किया जा सकता है। हालांकि इस बीमारी को दूर करने के लिए डॉक्टर आपको “इम्म्यूनोसपरेसंट थेरेपी” का सुझाव दे सकते हैं। बीमारी के स्टेज और गंभीरता के आधार पर डॉक्टर आपको ऑक्सीजन थेरेपी और कफ से निजात पाने के उपाय भी बता सकते हैं।
पॉपकॉर्न लंग की समस्या होने पर बिना देरी किए डॉक्टर से परामर्श लेकर इसका इलाज जल्द शुरू करवा दें। ऐसा करके ही आप इस समस्या से राहत पाए जा सकता है, इस अवस्था को किसी भी तरह से नजर अंदाज करना आपके लिए काफी दिक्कतें खड़ी कर सकता है। इसलिए समय रहते ही कुशल परिक्षण की मदद से इस समस्या का समाधान जरूर कर लें। इसके साथ ही यदि आप सिगरेट पीने के आदि हैं तो अपनी इस आदत को भी छोड़ने का प्रयास करें।
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