10 सेमी डायलेशन को कम्प्लीट डायलेशन माना जाता है। इसका मतलब होता है कि बर्थ कैनाल (Birth canal) पूरी तरह से खुल चुकी है। डॉक्टर 10 सेमी डायलेशन हो जाने के बाद डॉक्टर महिला को पुश करने के लिए कहता है। जब महिला को संकुचन (कॉन्टैक्शन) आते हैं, उस दौरान पुश करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में अगर बच्चा पूरी तरह से बाहर नहीं आता है तो डॉक्टर को वैक्यूम डिलिवरी (Vacuum delivery) या फिर फॉरसेप्स का यूज करना पड़ सकता है। साथ ही एपिसीओटॉमी (Episiotomy) या फिर सी-सेक्शन (C-section) की भी आवश्यकता पड़ सकती है।
सभी महिलाओं में अलग हो सकता है सर्वाइकल डायलेशन (Cervical Dilation)
सभी महिलाओं में डायलेशन का समय अलग हो सकता है। ये जरूरी नहीं है कि एक सेमी से 10 सेमी तक डायलेशन एक प्रॉसेस में हो। कुछ महिलाओं में एक सेमी डायलेशन के बाद बाकी डायलेशन कुछ समय के बाद भी हो सकता है। इस बारे में महिलाओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है कि सर्विक्स कितने समय में डायलेट होगा। आपको ये सुनकर हैरानी हो सकती है कि कुछ महिलाओं में डायलेशन (Dilation) के दौरान संकुचन नहीं होता है। यानी डायलेशन की प्रॉसेस तो होती है, लेकिन महिलाओं को दर्द का अनुभव नहीं होता है।
अगर हाल में आप प्रेग्नेंट हैं और जल्द ही डिलिवरी के लिए तैयार हो रही हैं तो थोड़ा रिलैक्स कर लें। डायलेशन (Dilation) और लेबर (Labour) के दौरान सभी महिलाओं का एक्सपीरियंस अलग हो सकता है। धैर्य रखने के साथ ही पार्टनर का साथ डिलिवरी के प्रॉसेस को आसान बना देगा।
अगर आपके मन में इस विषय को लेकर कोई भी प्रश्न हो तो एक बार अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।