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Nitrogen Narcosis: नाइट्रोजन नार्कोसिस क्या है?

Nitrogen Narcosis: नाइट्रोजन नार्कोसिस क्या है?

परिचय

नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis) क्या है?

नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis)  एक ऐसी समस्या है जो गहरे समुद्र के गोताखोरों को प्रभावित करती है। गहरे समुद्र में गोताखोर ऑक्सीजन टैंकों का उपयोग करते हैं ताकि उन्हें पानी के नीचे सांस लेने में मदद मिल सके। इन टैंकों में आमतौर पर ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और अन्य गैसों का मिश्रण होता है। जब गोताखोर समुद्र में लगभग 100 फीट से अधिक गहराई में तैरते हैं तो दबाव बढ़ने से गैसों में परिवर्तन होने लगता है। इस दौरान सांस लेने से परिवर्तित गैस असामान्य लक्षण पैदा करती हैं और व्यक्ति नशे में दिखायी देता है, हालांकि नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis) एक अस्थायी समस्या है लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकती है। अगर समस्या की जद बढ़ जाती है तो आपके लिए गंभीर स्थिति बन सकती है, इसलिए इसका समय रहते इलाज जरूरी है। इसके भी कुछ लक्षण होते हैं ,जिसे ध्यान देने पर आप इसकी शुरूआती स्थिति को समझ सकते हैं।

कितना सामान्य है नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis)  होना?

Nitrogen Narcosis

नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis) एक रेयर डिसॉर्डर है। यह आमतौर पर गोताखोरों को प्रभावित करता है। पूरी दुनिया में गहरे समुद्र में उतरने वाले लाखों गोताखोर इस समस्या से पीड़ित हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

लक्षण

नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis) के क्या लक्षण है?

नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis) शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करता है। नाइट्रोजन नार्कोसिस (Nitrogen Narcosis) से पीड़ित व्यक्ति को प्रायः बेचैनी होती है और वह नशे में दिखायी देता है। लक्षण गंभीर होने पर व्यक्ति कोमा में जा सकता है और उसकी मौत भी हो सकती है। नाइट्रोजन नार्कोसिस के ये लक्षण सामने आते हैं :

कभी-कभी कुछ लोगों में इसमें से कोई भी लक्षण सामने नहीं आते हैं और अचानक से व्यक्ति की मौत हो जाती है। नाइट्रोजन नार्कोसिस के लक्षण समुद्र में 100 फीट नीचे उतरने के बाद ही नजर आने लगते हैं। हालांकि जब तक गोताखोर इससे भी अधिक गहरायी में न तैरें तब तक लक्षण गंभीर नहीं होते हैं। समद्र में 300 फीट की गहरायी में नाइट्रोजन नार्कोसिस के लक्षण बेहद गंभीर हो जाते हैं। लेकिन पानी की सतह पर वापस आने के बाद कुछ ही मिनट में लक्षण समाप्त हो जाते हैं।

मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

ऊपर बताएं गए लक्षणों में किसी भी लक्षण के सामने आने के बाद आप डॉक्टर से मिलें। हर किसी के शरीर पर नाइट्रोजन नार्कोसिस अलग प्रभाव डाल सकता है। इसलिए किसी भी परिस्थिति के लिए आप डॉक्टर से बात कर लें।

कारण

नाइट्रोजन नार्कोसिस होने के कारण क्या है?

नाइट्रोजन नार्कोसिस का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। लेकिन नार्कोसिस का कारण शरीर के ऊतकों में गैसों की बढ़ी हुई घुलनशीलता से जुड़ा है। गहराई बढ़ने पर दबाव बढ़ता है जिससे कोशिका झिल्ली की लिपिड बाईलेयर में अक्रिय गैसें घुल जाती हैं और इसके कारण नार्कोसिस होता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि गोताखोर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन टैंक से कंप्रेस्ड एयर का उपयोग करते हैं और पानी में दबाव बढ़ने के कारण खून में ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का भी दबाव बढ़ता है। यह दबाव सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है जिससे नाइट्रोजन नार्कोसिस की समस्या होती है।

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जोखिम

नाइट्रोजन नार्कोसिस के साथ मुझे क्या समस्याएं हो सकती हैं?

नाइट्रोजन नार्कोसिस बहुत सामान्य और अस्थायी होता है लेकिन इसका प्रभाव स्थायी हो सकता है। नाइट्रोजन नार्कोसिस से पीड़ित गोताखोर उथले पानी में तैरने में परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही गहरे पानी के अंदर ही गोताखोर कोमा में जा सकता है। नाइट्रोजन नार्कोसिस से पीड़ित गोताखोरों को प्रायः ऊतकों में चोट या खून जमने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे डिकम्प्रेशन सिकनेस कहते हैं। इस समस्या के कारण गोताखोरों को भविष्य में सिरदर्द, चक्कर आना, छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, डबल विजन, थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

नाइट्रोजन नार्कोसिस का निदान कैसे किया जाता है?

नाइट्रोजन नार्कोसिस आमतौर पर गहरे समुद्र में गोता लगाने के दौरान होता है इसलिए डॉक्टर द्वारा इसका निदान करना मुश्किल है। लेकिन गोताखोर के साथ मौजूद दूसरा पार्टनर नाइट्रोजन नार्कोसिस के लक्षणों को जरुर नोटिस कर सकता है। इसलिए हमेशा अपने साथ के गोताखोर को नार्कोसिस के लक्षणों को पहचानने के लिए कहना चाहिए।

नाइट्रोजन नार्कोसिस का इलाज कैसे होता है?

नाइट्रोजन नार्कोसिस का सबसे बेहतर इलाज है इसके लक्षण नजर आने पर तुरंत पानी की सतह पर आ जाना चाहिए। यदि नार्कोसिस के लक्षण हल्के हों तो आप उथले पानी पर अपनी टीम या पार्टनर गोताखोर के साथ लक्षणों के खत्म होने का इंतजार कर सकते हैं। नाइट्रोजन नार्कोसिस के लक्षण समाप्त होने के बाद उथले गहराई में फिर से उतर सकते हैं। हालांकि यह जरुर ध्यान रखें कि गहराई बहुत अधिक न हो अन्यथा नाइट्रोजन नार्कोसिस के लक्षण दोबारा दिख सकते हैं।

यदि उथले पानी में आने के बाद भी नाइट्रोजन नार्कोसिस के लक्षण खत्म नहीं होते हैं तो गोताखोर को पानी से बाहर निकलकर जमीन पर आ जाना चाहिए। नाइट्रोजन नार्कोसिस से पीड़ित गोताखोर को भविष्य में गहरे समुद्र में उतरने से पहले ऑक्सीजन टैंक में कई गैसों का मिश्रण रखा जाता है। जैसे की नाइट्रोजन की बजाय डाइलुट ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन या हीलियम। 

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घरेलू उपचार

जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे नाइट्रोजन नार्कोसिस को ठीक करने में मदद कर सकते हैं?

नाइट्रोजन नार्कोसिस से बचने के लिए यह जरूरी है कि यदि आपने समुद्र में 18 से 60 फीट तक गहराई में उतरने की ट्रेनिंग ली हो तो आपको 100 फीट या इससे अधिक गहरायी में नहीं उतरना चाहिए। 100 से 300 फीट गहराई में उतरने वाले गोताखोरों को ट्रेनिंक के दौरान नाइट्रोजन नार्कोसिस के लक्षणों और इससे बचने के उपायों के बारे में भी बताया जाता है। समुद्र में उतरने से पहले हमेशा अपने पास हीलियम और अन्य ब्रीदिंग गैस से भरा टैंक रखना चाहिए और अपने गोताखोर पार्टनर से जरुर सहायता लेनी चाहिए। इसके अलावा गोताखोरों को नशीली वस्तुएं जैसे कैनाबिस और एल्कोहल से परहेज करना चाहिए। इस संबंध में आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि आपके स्वास्थ्य की स्थिति देख कर ही डॉक्टर आपको उपचार बता सकते हैं। हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

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Dysbarisms and other selected health effects.osha.gov/SLTC/commercialdiving/more.html Accessed  20 march 2020

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Diving, nitrogen narcosis.  https://www.britannica.com/science/nitrogen-narcosis Accessed  20 march 2020

Diving, nitrogen narcosis.    https://www.sciencedirect.com/topics/medicine-and-dentistry/nitrogen-narcosis Accessed  20 march 2020

 

Current Version

23/04/2021

Anoop Singh द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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डॉ. प्रणाली पाटील

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Anoop Singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/04/2021

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