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Hyperthymesia (Hyperthymestic Syndrome) : हाइपरथाईमेसिया क्या है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Ankita mishra द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2020

Hyperthymesia (Hyperthymestic Syndrome) : हाइपरथाईमेसिया क्या है?

परिचय

हाइपरथाईमेसिया (हाइपरथाईमेस्टिक सिंड्रोम) क्या है?

हाइपरथाईमेसिया (Hyperthymesia) ग्रीक शब्द हाइपरथाईमेसिस से लिया गया शब्द है, जिसका अर्थ है अत्यधिक याद रखना। हाइपरथाईमेसिया असामान्य मानसिक स्थिति या अद्वितीय न्यूरोलॉजिकल स्थिति होती है। इसमें व्यक्ति अतीत में हुए जीवन के अनुभवों की बहुत आसानी से याद रख सकता है। उन्हें अपने जी़वन की हर छोटा सा छोटा अनुभव भी याद रह सकता है। आमतौर पर एक सामान्य व्यक्ति इस तरह के अनुभव याद नहीं रख सकते हैं। सामान्य स्मृति वाले व्यक्ति की तुलना में इससे प्रभावित लोगों की स्मृति बहुत तेज हो जाती है। इसे हाईली सुपीरियर ऑटोबायोग्राफिकल मेमोरी (Highly Superior Autobiographical Memory, HSAM)भी कहा जाता है।

कितना सामान्य है हाइपरथाईमेसिया?

यह एक बहुत ही दुर्लभ समस्या होती है। इस समय, दुनिया में केवल कुछ ही लोगों में इसका प्रभाव पाया गया है। हालांकि, इनमें से किसी भी निदान नहीं किया जा सकता है। हालांकि, बहुत ही कम लोगों को इसके बारे में पता चल पाता है, इसलिए उनके हालातों का अध्ययन करना भी मुश्किल होता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

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लक्षण

हाइपरथाईमेसिया के लक्षण क्या हैं?

हाइपरथाईमेसिया से पीड़ित लोग सामान्य व्यक्ति की तरह ही होते हैं। हालांकि, उनकी याददाश्त सामान्य लोगों से बहुत तेज होती है। कुछ मामलों में ऐसा भी देखा गया है कि इस बीमारी से प्रभावित लोगों को अपने जन्म से 12 दिन के बाद की घटनाएं भी याद थीं।

अगर किसी व्यक्ति में इसके लक्षणों का विश्लेषण या मूल्यांकन करना होता है, तो उनके जीवन से जुड़ी पुरानी से पुरानी घटनाओं के बारे में सवाल पूछा जा सकता है। लेकिन चिकित्सकीय रूप से यह सुनिश्चित करने के लिए मोटर फंक्शन टेस्ट करना जरूरी होता है।

इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।

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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर ऊपर बताए गए किसी भी तरह के लक्षण आपमें या आपके किसी करीबी में दिखाई देते हैं या इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। हर किसी का शरीर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया करता है।

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कारण

हाइपरथाईमेसिया के क्या कारण हैं?

फिलहाल मौजूदा समय में, इसके कारणों का पता करने के लिए उचित अध्ययनों की जरूरत हैं। हालांकि, विभिन्न अध्ययनों और प्रयोगशाला के निष्कर्षों से पता चलता है कि हाइपरथाईमेसिया वाले व्यक्ति में टेम्पोरल लोब और कॉडेट न्यूक्लियस का लेवल बढ़ा हुआ होता है। टेम्पोरल लोब मस्तिष्क का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें विभिन्न घटक होते हैं जो सिमेंटिक मेमोरी और एपिसोडिक मेमोरी की प्रक्रिया को नियंत्रित करते हैं।

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उपचार

यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

हाइपरथाईमेसिया का निदान कैसे किया जाता है?

हाइपरथाईमेसिया (हाइपरथाईमेस्टिक सिंड्रोम) से प्रभावित लोगों में स्मृति का जांच करने के लिए वैज्ञानिक एमआरआई (MRI) और इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राम (Electroencephalograms) जैसे ब्रेन इमेजिंग टेस्ट करते हैं।

इन टेस्ट की मदद से मेमोरी को मापने में मदद मिलती है। इसके अलावा ऑटोबायोग्राफिकल मेमोरी टेस्ट भी किया जा सकता है। इस ऑटोबायोग्राफिकल मेमोरी टेस्ट के दौरान प्रभावित प्रतिभागियों को याददाश्त बढ़ाने के लिए सकारात्मक और नकारात्मक क्यू शब्द दिए जाते हैं और उन्हें उससे जुड़े अनुभव को बताना या लिखना होता है, जिसे मनोवैज्ञानिक नोट करते है।

इस टेस्ट के दूसरे संस्करण में प्रतिभागियों को इन क्यूस के बारे में नहीं बताया जाता है। प्रतिभागियों को न्यूनतम निर्देश दिए जाते हैं। क्यू-रिकॉल किए गए परीक्षण के साथ, इसके विवरण भी नोट किए जाते हैं और इनका स्कोर किया जाता है।

अगर आपके हाइपरथाईमेसिया का निदान किया जाता है, तो आपका डॉक्टर एक प्रबंधन योजना विकसित करने के लिए आपकी दिनभर की गतिविधियों को नोट करेंगे।

हालांकि हाइपरथाईमेसिया (हाइपरथाईमेस्टिक सिंड्रोम) के कारण किसी भी व्यक्ति में किसी भी तरह के शारीरिक दुष्प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ता है। लेकिन, बहुत सारी चीजें याद रखने के कारण उन्हें मानसिक तौर पर कुछ समस्याएं हो सकती हैं।

हाइपरथाईमेसिया का इलाज कैसे होता है?

हाइपरथाईमेसिया (हाइपरथाईमेस्टिक सिंड्रोम) न तो पैथोलॉजिकल स्थिति है और न ही यह कोई आपातकालीन स्थिति होती है। इसलिए इसके इलाज के लिए भी एक धीमी प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

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घरेलू उपाय

हाइपरथाईमेसिया के कारण आप स्ट्रेस या तनाव में जा सकते हैं, जिससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए योगा का सहारा ले सकते हैं, इसके अलावा आप माइंडफुल एक्टिविटी करें। माइंडफुल एक्सरसाइज ऐसे करें :

  • धीरे-धीरे सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। एक बार सांस लेने या छोड़ते वक्त यह छह सेकेंड्स तक रहना चाहिए।
  • माइंडफुल ब्रीथिंग में आपको नाक से सांस लेनी हैं और मुंह से छोड़नी है। दोनों ही स्थितियों में इसमें आपको ज्यादा जोर नहीं लगाना है। धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें।
  • इसे करते वक्त अपने विचारों को जाने दें। माइंडफुल एक्टिविटी करते वक्त उन सभी जीचों को भुला दें, जिन्हें आपको अभी या इसके बाद पूरा करना है। आपको सिर्फ अपना ध्यान केंद्रित करना है। सांस को सामान्य रूप से जाने और आने दें।
  • इसे करते वक्त अपनी सांस पर नजर बनाए रखें। अपने संवेदी अंगों पर ध्यान केंद्रित करें। आप चीजों के प्रति कितने संवदेनशील हैं, इसका अहसास भी करें।
  • अपनी संवेदन शक्ति और सजगता को देखें कि यह कैसे कार्य करती है। आपके मुंह से सांस के निकलने के बाद यह कैसे दुनिया में फैलती है। इस पर ध्यान लगाएं।
  • यदि आपको लगता है कि आप इस नहीं कर सकते हैं तो अभ्यास करने से माइंडफुल ब्रीथिंग को करना आसान होगा।
  • यदि आप पहली बार एक मिनट की एक्सरसाइज कर चुके हैं तो अगली बार इसकी लिमिट दो मिनट तक बढ़ा दें।

इस आर्टिकल में हमने आपको हाइपरथाईमेसिया से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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